धरने पर नगर निगम के ठेकेदार, अल्टीमेटम के बाद भी नही मिला भुगतान, अब तक नए कमिश्रर की नियुक्ति भी नही
ठेकेदारों ने बंद कर दिए कामकाज, नए काम हो रहे ना पुराने
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
काम बंद का अल्टीमेटम देने के बाद भी नगर निगम छिन्दवाड़ा में ठेकेदारों निर्माण कार्यो का रुका भुगतान नही मिला है। सवाल है कि जब नगर निगम निधि से नगर में निर्माण कार्य हुए ही नही है तब निगम प्रशासन निर्माण मद का भुगतान रोके क्यो बैठा है। निर्माण मुख्यमंत्री अधोसरंचना, कायाकल्प, सांसद मद, विधायक मद सहित अन्य निर्धारित मद से हुए हैं । इन मदो में बजट आने के बाद ही निर्माण कार्य के टेंडर होते हैं तो फिर भुगतान में विलंब क्यो किया जा रहा है। कही नगर निगम में मद परिवर्तन का अपराध तो नही हो रहा है। यह जांच का विषय हो सकता है। माना कि नगर निगम वित्तीय संकट है लेकिन निर्माण मद का बजट कहा है। इसे तो अन्य मदो में खर्च ही नहीं किया जा सकता है।
पिछले 6 माह से यहां ठेकेदारों का भुगतान नही मिला है। ठेकेदारों की माने तो 30 करोड़ से ज्यादा का भुगतान अटका है। ठेकेदारों ने गत बुधवार को ही निगम के प्रभारी कमिश्नर के सी बोपचे और कार्यपालन यंत्री ईश्वर चंदेली को ज्ञापन दिया था कि भुगतान किया जाए किन्तु एक सप्ताह की अवधि में निगम ने एक भी ठेकेदारों के भुगतान नही किया है। भुगतान शायद इसलिए रोका जा रहा है कि नए कमिश्नर आएंगे तब देंगे। यहां निगम कमिश्नर राहुल सिंह के तबादले को करीब एक माह का समय हो चुका है नए कमिश्नर के लिए पूर्व कमिश्नर हिमांशु सिंह के साथ ही सविता सिंह, राजेश श्री वास्तव, रोशन बाथम का नाम चर्चाओं में है किंतु नगरीय प्रशासन शायद छिन्दवाड़ा नगर निगम में नए कमिश्नर की पोस्टिंग का कार्य भूल गया है जबकि इस बीच नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी छिन्दवाड़ा आकर जा चुके हैं। नए कमिश्नर के आदेश नही होने पर जिला प्रशासन ने काम चलाने ए डी एम के सी बोपचे को ए डी एम के साथ ही निगम कमिश्नर का प्रभार भी दे रखा है ।
नगर निगम में ठेकेदारों के भुगतान वैसे ही कमिश्नर के रहते हुए भी नही हो रहा था। किसी तरह थोड़ा – थोड़ा भुगतान कर काम चलाया जा रहा था किंतु अब यह थोड़ा भुगतान भी ठेकेदारों को नसीब नही हो रहा है। ठेकेदार यूनियन के अध्यक्ष देवेंद्र धनोरिया का कहना है कि नगर निगम में करीब 90 से ज्यादा निर्माण और सप्लाई ठेकेदारों के भुगतान अटका है। ठेकेदार भुगतान की प्रत्याशा में बाजार से मटेरियल उठाता है फिर निर्माण करता है। ऐसे में अब मटेरियल सहित मजदूरो और कर्मियों को ठेकेदार भुगतान नही कर पा रहे हैं। भुगतान ना होने से बाजार में ठेकेदारो की साख भी खराब हो रही है। ठेकेदार विषम स्थिति से जूझ रहे हैं। ठेकेदारों के बाजार में लोहा, सीमेंट, रेत, ईंट सहित अन्य मटेरियल का लाखो का भुगताम बकाया है। विषम हालात में घर – गृहस्थी चलाने में समस्या हो और बच्चों की स्कूल – कालेज को फीस तक नही भर पा रहे हैं।इस दौरान यदि किसी ठेकेदार के साथ अप्रिय स्थिति का निर्माण होता है तो इसका जवाबदार नगर निगम प्रशासन होगा। इसको लेकर ठेकेदार यूनियन ने जिला सहित नगर निगम प्रशासन को फिर ज्ञापन दिया है।