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मुख्यमंत्री सीखो- कमाओ योजना : 14 हजार युवाओ को दिए ऑफर लेटर

अब तक 60 हजार से ज्यादा युवाओ को मध्यप्रदेश में मिली नौकरी

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♦भोपाल मध्यप्रदेश-

युवाओ के लिए बनाई गई ” मुख्यमंत्री सीखो- कमाओ योजना ने मध्यप्रदेश में  एक और नया इतिहास रचा है।  यह बात मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को योजना के शुभारंभ अवसर पर कही। उन्होमे कहा कि प्रदेश में अब तक 60 हजार युवाओं को  नौकरी दे चुके हैं। प्रदेश में साढ़े तीन हजार से ज्यादा स्टार्टअप है जो  युवाओं को  ऊँची उड़ान का हौसला दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि  योजना का दायरा बढ़ाया जायेगा। अब व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में भी काम सिखाने की व्यवस्था की जायेगी।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने  कहा कि हम बच्चों को और कौशल देंगे ताकि वे नई ऊँचाइयों पर पहुँच सके।  हम बच्चों को ऊँची उड़ान भर सकने का हौसला दे रहे हैं। उन्हें हुनर दे रहे हैं। बेरोजगारी भत्ता देना बे-मानी है।  महात्मा गांधी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बरखेड़ा, भेल में मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना के तहत ऑन जॉब ट्रेनिंग के शुभारंभ कार्यक्रम को  उन्होंने करीब दो घंटे तक  संबोधित किया।

कार्यक्रम में तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, उद्योगपति तथा बड़ी संख्या में युवा उपस्थित थे। 8स अवसर पर  मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना पर आधारित लघु फिल्म दिखाई गई।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह  चौहान ने आगे कहा कि प्रदेश में अब तक 60 हजार युवाओं को नौकरी दे चुके हैं।  प्रदेश को परिवार मानकर काम कर रहे हैं। बच्चों के सपनों को मरने नहीं देंगे।  हर हाल में पूरा करेंगे। संभागीय आईटीआई को आदर्श आईटीआई बनाया गया है। चौबीस नये आईटीआई खोले गए हैं  यहां नई  तकनीक और नवीनतम प्रक्रिया के माध्यम से प्रशिक्षण मिलेगा। व्यावसायिक प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेण्ड मिलेगा और मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा स्टेट कौंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग का प्रमाण पत्र मिलेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टार्ट-अप्स को बढ़ावा देने के लिए स्टार्ट-अप नीति 2022 लागू की गई है। आज प्रदेश में 3 हजार 500 से ज्यादा स्टार्ट-अप्स और 80 से अधिक इन्क्यूबेटर्स कार्यरत हैं। बेरोजगारी  भत्ता की जगह हम युवाओं को काम सिखाकर रोजगार दे रहे हैं। युवाओं को काम सिखाने के बदले 8 से 10 हजार रूपये स्टाइपेंड के रूप में दिये जायेंगे। काम सीखने के बाद वे खुद का स्वरोजगार शुरू कर सकते हैं। साथ ही उद्योगों में परमानेंट जॉब भी मिल सकेगा। युवा अपने पैरों पर खड़े होकर दिखाने का संकल्प लेकर चलें।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना में जून से रजिस्ट्रेशन शुरू किया गया था। यह क्रम लगातार जारी रहेगा। अब तक 16 हजार 744 कंपनियाँ पंजीकृत हो चुकी हैं। जिनको 12वीं के बाद रोजगार चाहिए वे अपना योजना में पंजीयन करा सकते हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह  चौहान ने कहा कि पूरे प्रदेश में कौशल संवर्धन का कार्य चल रहा है। भोपाल में ग्लोबल स्किल पार्क बना रहे हैं। प्रदेश में स्टार्टअप नीति बनाई गई है। हर दिशा में कार्य जारी है। हर महीने 3 लाख बेटा-बेटियों को स्व-रोजगार से जोड़ा जा रहा है। मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना अनूठा प्रयोग होगा, जिसे आज नहीं तो कल पूरा देश स्वीकार करेगा। कार्यक्रम में  मुख्यमंत्री  ने चयनित युवक-युवतियों को ऑफर लेटर वितरित किए। योजना में 14 हजार युवाओ को ऑफर लेटर दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री सीखो कमाओ- अब तक

  • प्रशिक्षण कंपनियों का पंजीयन 7 जून 2023 से हुआ प्रारंभ।
  • अब तक 16 हज़ार 744 कंपनियां पंजीकृत
  • अब तक 70 हजार 386 पद हुए प्रकाशित
  • युवाओं का रजिस्ट्रेशन 4 जुलाई 2023 से हुआ प्रारंभ ।
  • अब तक 8 लाख 71 हज़ार 330 युवा पंजीकृत
  • अब तक 15 हजार 92 अनुबंध निर्मित
  • 46 क्षेत्रों के 700 से अधिक पाठ्यक्रमों में मिलेगा प्रशिक्षण।
  • सीखो-कमाओ योजना- त्रिवेणी से पूरे होंगे 3 बड़े उद्देश्य:

अभ्यर्थियों को मिलने वाले लाभ

  • युवा बल के इसलिए खुलेंगे रोजगार के द्वार।
  • उद्योगों को मिलने लगेंगे कुशल कामगार।
  • प्रदेश को मिलेगी प्रगति की तेज रफ्तार।
  • युवाओं के लिए खुलेंगे रोजगार के द्वार
  • जॉब ओरिएंटेड स्किल ट्रेनिंग मिलेगी।
  • छात्रों को कार्यक्षेत्र में रहकर अनुभव प्राप्त करने और अपने कौशल विकसित करने का अवसर मिलेगा।
  • प्रशिक्षण के साथ ही प्रतिमाह स्टाइपेण्ड भी मिलेगा ताकि वे प्रशिक्षण के दौरान अपने खर्च उठा सकें –
  • 12वीं उत्तीर्ण को रु . 8000,
  • आईटीआई उत्तीर्ण को रु . 8500,
  • डिप्लोमा उत्तीर्ण को रु . 9000
  • स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शैक्षणिक योग्यता को रु . 10000।
  • उद्योग-उन्मुख प्रशिक्षण।
  • नवीनतम तकनीक और नवीनतम प्रक्रिया के माध्यम से प्रशिक्षण।
  • व्यावसायिक प्रशिक्षण के दौरान स्टाइपेण्ड।
  • मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड (MPSSDEGB) द्वारा स्टेट कौंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग (SCVT) का प्रमाणन।
  • नियमित रोज़गार प्राप्त करने की योग्यता अर्जित करना।
  • एक छात्र-अभ्यर्थी पर प्रतिमाह 75% स्टाइपेण्ड की बचत होगी।
  • एक छात्र-अभ्यर्थी पर प्रतिमाह अधिकतम रु. 9,000/- तक की बचत होगी।
  • छात्र-अभ्यर्थी पर एपीएफ, बोनस एवं इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट नहीं होगा लागू।


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