कलेक्टर शीतला पटले ने निभाया ग्रामीणों से किया वादा, अधिकारियों की टीम सहित पहुंची मोहगाँव जलाशय
साथ ले गई थी अधिकारियों की पूरी टीम

आन द स्पॉट किया गांवो में कार्यो का निरीक्षण
♦ छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
मोहगाँव जलाशय के डूब क्षेत्र के प्रभावित ग्रामीणों की समस्या हल करने कलेक्टर शीतला पटले दो – दो एस डी एम और विभागीय अधिकारियों के साथ शुक्रवार को गावो में पहुंची। उन्होंने पिछले शुक्रवार को ही कलेक्ट्रेट में ग्रामीणों की समस्याओं को सुना था और आन द स्पॉट निरीक्षण का वादा भी किया था। जमीनी हकीकत वही थी जो ग्रामीणों ने बैठक में बताई थी।
मोहगाँव जलाशय के डूब क्षेत्र मे बरसात के बीच उन्होंने प्रभावित किसानों से बात की। स्थलों पर पहुंचकर समस्याओ को समझा और अधिकारियों को शीघ्र निराकरण के लिए कहा है। कलेक्टर शीतला पटले ने यहां सड़कों का निरीक्षण किया जो अधूरी थी बरसात में ग्रामीणों का आवागमन प्रभावित ना हो इसको लेकर उन्होंने और जल्दी से जल्दी कराने के निर्देश ठेकेदार और जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को दिए है। ग्राम भुम्मा के पास विस्थापित किए गए ग्रामीणों की बस्ती में भी वे गई। यहां पेयजल समस्या का समाधान करने के आदेश उन्होंने कार्यपालन यंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी को दिए है।
गांव में ग्रामीणों की मांग के अनुरूप आंगनवाड़ी केंद्र का निर्माण प्रारंभ हो गया है केंद्र के भवन का निर्माण तीन माह में पूरा करने के आदेश उन्होंने एजेंसी को दिए है।
इस दौरान एडीएम ओ.पी. सनोडिया, सहायक कलेक्टर वैशाली जैन, एसडीएम सौंसर श श्रेयांश कुमट, एसडीएम छिंदवाड़ा अतुल सिंह सहित जल संसाधन विभाग, पीडब्ल्यूडी, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधिकारी और तहसीलदार सहित राजस्व विभाग को पूरी टीम गांव में उपस्थित थी।
किसानों के साथ बैठक में उन्होंने अधिकारियों की क्लास लगा दी थी। प्रभावित किसानों की शिकायतें काफी गंभीर थी। किसानों की डूब क्षेत्र की जमीन के मामले में उनको मिलने वाले मुआवजा के लिए मुआवजा प्रकरण परिसंपत्तियों के आकलन के बिना बना दिए गए थे। इतना ही नही गांव के विस्थापन स्थल पर मूलभूत सुविधा के साथ ही अधोसरंचना विकास के कार्यो का भी अभाव था।
बैठक में कलेक्टर शीतला पटले ने प्रभावितों के साथ एक – एक बिंदु पर चर्चा की थी और अधिकारियों को ऑन द स्पॉट जाकर रिपोर्ट देने कहा था और आज शुक्रवार को वे स्वयं गांवो में पहुंच गईं।
गांवो में जो समस्या थी उनमें प्रभावित किसानों की छूटी हुई परिसंपत्तियों का पूरक अवार्ड बनाने, मुंगनापार से नंदेवानी, नंदेवनी से सरकीखापा एवं भुम्मा से घोड़कीढाना इन तीनों रास्तों का अधूरा कार्य पूरा कराने, विस्थापन स्थल पर पानी, बिजली, आंगनबाड़ी केंद्र, मंदिर, मोक्षधाम सहित अन्य सार्वजनिक सुविधाएं शामिल हैं।
मोहगाँव जलाशय की करीब 35 करोड़ की लागत से बना है ।जलाशय का 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। जारी बरसात में जलाशय का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। डूब क्षेत्र के लिए 75 से ज्यादा किसानों को अपने खेत – मकान मुआवजा लेकर छोड़ने पड़े हैं। इन किसानों को भुम्मा गाँव मे ही जलाशय से दूर विस्थापित किया गया है। यहां उनके लिए आवास भी बनाए जा रहे हैं।
जलाशय से दस गांवो नंदेपानी ,चिखली, भूमम्मा, मुगनापार, सिंहपुर, खैरेपिका, बाना बकोडा, घोघरीखापा, और कोपरबाड़ी की 2 हजार 950 हेक्टेयर असिंचित जमीन को सिंचित बनाया जा सकेगा। इसके अलावा मोहगाँव नगर पंचायत सहित गांवो की पेयजल समस्या का भी स्थाई समाधान होगा।