छिन्दवाड़ा के चन्दनगांव में कॉलोनाइजर ने की धोखाधड़ी, जिला उपभोक्ता आयोग ने ठोंका 10 लाख का जुर्माना, 28 लाख रुपए वापस लौटाने के दिए आदेश
चन्दनगांव में था थ्री बी एच के फ्लैट का सौदा, होम लोन दिलाकर टिका रहा था देवर्धा गांव में प्लाट की रजिस्ट्री
♦छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश –
छिन्दवाड़ा सिटी के चन्दनगांव में एक कॉलोनाइजर ने फ्लैट के नाम पर क्रेता के साथ बंधन बैंक से होम लोन फायनेंस कराकर बड़ी धोखाधड़ी की है। क्रेता ने उससे चन्दनगांव में थ्री बी एच के फ्लैट खरीदा था। कॉलोनाइजर ने फ्लैट की जगह देवर्धा गांव में भूखण्ड की रजिस्ट्री कर रुपये हड़प लिए थे। इस मामले में जिला उपभोक्ता आयोग ने कॉलोनाइजर को क्रेता को दस लाख जुर्माना सहित फ्लैट विक्रय के ली गई राशि मय ब्याज सहित कुल 28 लाख का भुगतान करने के आदेश दिए हैं।
इस धोखाधड़ी के चलते क्रेता की मौत भी हो गई थी और बैंक लोन ना चुकाने पर पूरा परिवार ही बैंक डिफाल्टर हो गया था। क्रेता की पत्नी ने पूरी जांच पड़ताल के बाद कॉलोनाइजर की धोखाधड़ी को पकड़ा और न्याय के लिए जिला उपभोक्ता फोरम में परिवाद दायर किया था। जिला उपभोक्ता आयोग में अध्यक्ष श्यामाचरण उपाध्याय, सदस्य मोहन सोनी और नीता मालवीय की बैंच ने दोनों पक्षो की सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया है।
चन्दनगांव के पाठाढाना में शक्ति ग्रुप आफ इंफास्क्टचर के संचालक शेखर सिसोदिया का आफिस है। यही फ्लैट के लिए सौदकर उन्होंने यह ने यह धोखाधड़ी की है। शेखर सिसोदिया से अशोक मर्सकोले निवासी रेल्वे लोको कालोनी छिंदवाडा से मौजा चंदनगांव में स्थित ख.नं.204, 205/1 का 3 बी.एच. के. फ्लेट जो 30 बाय 46 बराबर 1380 वर्गफुट का सौदा 13 लाख ,81 हजार में तय किया था। शेखर ने दिनांक 29/7/2021 को नगद बयाना राशि 21 हजार रूपये अपने ग्रुप की रसीद कमांक 1066 के माध्यम से ली। 3 लाख 80 हजार रूपये नगद लिए और अशोक मर्सकोले के नाम से बंधन बैंक शाखा छिदंवाडा में होम फायनेंस कराकर ऋण खाता खुलवाकर शक्ति ग्रुप आफ इंफास्क्टचर के नाम पर डीडी कमांक 001506 के माध्यम से 9 लाख 80 हजार रुपये प्राप्त किए थे।
जब फ्लैट की रजिस्ट्री की बारी आई तो कॉलोनाइजर ने चन्दनगांव के निर्धारित जमीन में फ्लैट की जगह देवर्धा गांव में बंदोबस्त नंबर 134, प.ह.नं. 42 रा.नि.मं. इकलबिहरी तह मोहखेड जिला छिंदवाडा स्थित भूखंड प्लाट) ख.नं. 40/1/1/1/1 मे से प्लाट नंबर 20 एवं 21 का रकबा 1600 वर्गफुट के प्लाट की रजिस्ट्री करवा दी। इस बात को लेकर शेखर और अशोक के बीच विवाद हो गया था। तब शेखर ने अशोक को धमका कर भगा दिया था। धोखाधड़ी के सदमे के चलते अशोक को ब्रेन स्टोक आया था और उसकी मौत हो गई थी।
इसके बाद शेखर से अशोक की पत्नी अनीता मर्सकोले ने जब शेखर से फ्लेट की मांग की गई तो वह बोला कि रजिस्ट्री बैंक में बंधक है। अनीता ने बैंक से जब फ्लैट की प्रमाणित रजिस्ट्री बैंक से निकलवाई तो पता चला कि शेखर सिसोदिया ने चन्दनगांव में फ्लैट की नही बल्कि देवर्धा गांव में भूखंड की रजिस्ट्री कर धोखाधड़ी की है। इधर बैंक ऋण वसूली के लिए अनीता को बैंक नोटिस पर नोटिस दे रहा था और ऋण अदायगी ना होने पर डिफाल्टर भी घोषित कर चुका था। जिससे कोई भी बैंक से ऋण पात्रता भी समाप्त हो गई थी। अनीता ने मामले में जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद प्रस्तुत किया और न्याय की गुहार लगाई। उपभोक्ता आयोग ने मामले में सुनवाई की।
जिला उपभोक्ता आयोग ने शेखर सिसोदिया को आदेश दिया है कि वे 29/11/2024 के पारित आदेश के मुताबिक अनीता मर्सकोले को एक माह के भीतर फ्लैट विक्रय के लिए ली गई राशि 13 लाख ,91हजार रूपए, बयाना राशि दिनांक 29/7/2021 से भुगतान दिनांक तक 9 प्रतिशत ब्याज 4 लाख 14 हजार 300 सहित अदा करे। साथ दुर्व्यवहार और धोखाधडी के लिए क्षतिपूर्ति राशि दस लाख रूपये अदा करे। आयोग ने बंधन बैंक को आदेश दिया है को यदि बंधन बैंक के पास शक्ति ग्रुप के संचालक की कोई भी राशि जमा है तो वह सीधे आवेदिका श्रीमती अनीता बर्सकोले को खाते में अदा करे।
आवेदिका अनीता नर्सकोले को वाद व्यय के स्वरूप दस हजार रूपये , विक्रय राशि 13,91,000/ रूपये तथा आज दिनांक तक का ब्याज 4,14,300/रूपये 10 लाख क्षतिपूर्ति इस तरह कुल 28. लाख 5 हजार 300 के भुगतान करने का आदेश दिया गया है। प्रकरण में आवेदिका अनीता मर्सकोले की और से अधिवक्ता शरद मालवीय ने पैरवी की है।