नगर के बिगड़ते हालातो को लेकर कांग्रेस ने नगर निगम कमिश्नर के खिलाफ खोला मोर्चा,फव्वारा चौक में धरना , निगम कार्यालय में प्रदर्शन
कार्यालय में नही मिले कमिश्नर ,महापौर बोले एक सप्ताह में हालात नही सुधारे तो होगा उग्र आंदोलन

♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
चार माह से कर्मियों को वेतन नही , ठेकेदारों को भुगतान नही , नगर में एक भी विकास कार्य नही ,स्वच्छता रैंकिंग 14 वे से 55 वे स्थान पर , कर वसूली को लेकर जोर जबरदस्ती एक साल में नगर निगम की यही उपलब्धि है। 48 वार्डो वाले नगर निगम में महापौर सहित बहुमत कांग्रेस का है।ऐसे में राज्य की भाजपा सरकार से भी विकास के लिए बजट तो दूर की बात चुंगी क्षति पूर्ति की राशि भी नसीब नही है। अधिकारी है तो बिना चुने भाजपा नेताओं की कठपुतली बने हुए हैं। वेतन के अभाव में कर्मचारी बुरे हाल में है। भुगतान के अभाव में ठेकेदार कोई कार्य करने को तैयार नही है। हाल ये है कि शहर के श्मशान में मुर्दा जलाने को लकड़ी तक नही है।
इन मुद्दों को लेकर नगर कांग्रेस कमेटी ने सोमवार को फव्वारा चौक स्थित महात्मा गांधी स्मारक पर नगर निगम कमिश्नर राहुल सिंह के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया। इसके बाद महापौर सहित कांग्रेस के नेता कमिश्नर से मिलने पैदल मार्च करते हुए नगर निगम दफ्तर पहुंचे लेकिन कमिश्नर दफ्तर में नही थे ना ही कोई जवाबदार अधिकारी निगम में मिला। ऐसे में कांग्रेस ने दफ्तर परिसर में निगम कमिश्नर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन का मोर्चा स्वयं महापौर विक्रम अहके ने सम्हाला । उनके साथ प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष गंगा प्रसाद तिवारी, जिला कांग्रेस अध्यक्ष विश्वनाथ ओकटे, नगर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष पप्पू यादव, निगम अध्यक्ष सोनू मांगो सहित निगम के सभापति, पार्षद और कार्यकर्ता उपस्थित थे।
महापौर विक्रम अहके ने कहा कि निगम कमिश्नर भाजपा नेताओं के हाथों की कठपुतली बने हुए हैं। निगम प्रशासन जनता के प्रति अपनी जवाबदारी नही निभा पा रहा है। अधिकारी स्वयं विकास कार्यो को रोक रहे हैं।शहर में स्वछता के हाल बेहाल हैं। रैंकिंग 14 से 55 वे स्थान पर आ गई है।शहर के बाग- बगीचों और सार्वजनिक स्थानों का रख- रखाव ठप्प है।अधिकारी निगम के निर्वाचित जंन प्रतिनिधियों की अवहेलना में लगे हैं। चुंगी क्षतिपूर्ति में 75 प्रतिशत कटौती कर दी गई है।वेतन, बिजली बिल तक का भुगतान नही हो पा रहा है। निगम ने 20 कचरा वाहनो को रिपेयरिंग के लिए भेजा था उन्हें भी वायस नही लाया जा सका है। शहर का विकास और व्यवस्थाओ का संचालन ठप्प पड़ा है।
महापौर बिक्रम अहके सहित कांग्रेस नेताओं ने निगम प्रशासन को चेतावनी दी है कि एक सप्ताह के भीतर यदि व्यवस्था नही सुधारी गई तो कांग्रेस उग्र आंदोलन करेगी। कांग्रेस की शहर सरकार नगर के विकास के लिये प्रतिबद्ध है, किन्तु निगम प्रशासनिक अधिकारी राज्य की भाजपा सरकार के इशारों पर जनसरोकार के कार्यों को रोक रहे हैं। यह स्थिति सहन नई की जाएगी। निगम में भाजपा के महापौर रहते हुए भी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निगम को पर्याप्त बजट दिया था। ऐसी स्थिति कभी नही आई जो आज भाजपा के राज में हो गई है। निगम में महापौर और पार्षद जनता के चुने हुए प्रतिनिधि है। धरना- ओरदर्शन में महिला कांग्रेस अध्यक्ष किरण चौधरी, शहर कांग्रेस समन्वयक आनंद बक्षी, जय सक्सेना, पंडित राम शर्मा, सुधीर पाटनी, जसपाल नैय्यर, मनीष पांडेय, पंकज शुक्ला, दिगम्बर ठाकरे, आशीष चौधरी, राजीव तिवारी, चैतराम पाल, शैलेश पाटनकर, लालसाहब, फिरोज खान, नितिन उपाध्याय, संतोषी गजभिये, मनीषा पाल सहित कांग्रेस के विभाग, प्रकोष्ठ और मोर्चा संगठन के प्रभारी सहित सभापति- पार्षद उपस्थित थे।