छिन्दवाड़ा यूनिवर्सिटी में भ्रष्ट कुलसचिव : लोकायुक्त ने 25 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों किया अरेस्ट , एस एस कालेज के संचालक से मांगे थे एक लाख
25 हजार लेते कार्यालय में ही लोकायुक्त टीम ने किया ट्रेप
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
छिन्दवाड़ा की बर्बाद यूनिवर्सिटी के कुल सचिव मेघराज निनामा की यूनिवर्सिटी में दबंगई चल रही थी। कुलसचिव निजी कालेज के संचालकों को खुले आम धमका रहे थे कि कॉलेज चलाना है तो रुपया देना होगा। छिन्दवाड़ा के एस एस कालेज के संचालक अनुराग कुशवाह को भी उन्होंने धमकाया और एफिलेशन के लिए एक लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। अनुराग ने इसकी शिकायत प्रमाण सहित जबलपुर लोकायुक्त को की थी। लोकयुक्त की टीम सोमवार को छिन्दवाड़ा पहुंची और कुलसचिव को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ने का जाल बिछाया गया। अनुराग उन्हें एक लाख में से 25 हजार रुपए पहली किश्त के देने उनके दफ्तर पहुंच गया। जैसे ही कुल सचिव मेघराज निनामा ने रिश्वत ली लोकायुक्त की टीम ने उन्हें ट्रेप कर लिया। इस कांड से यह प्रमाणित हो गया कि छिन्दवाड़ा यूनिवर्सिटी भृष्ट अफसरों के भरोसे है । जहां एक दो नही बल्कि छिन्दवाड़ा , सिवनी, बालाघाट के सौ से ज्यादा कालेज है।
कुलसचिव के खिलाफ लोकायुक्त ने भ्र्ष्टाचार निरोधी अधिनियम में अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया है। लोकयुक्त डी एस पी सुरेखा ने बताया कि एस एस कालेज के संचालक अनुराग कुशवाह की शिकायत पर छिन्दवाड़ा यूनिवर्सिटी के कुल सचिव मेघराज निनामा को 25 हजार की रिश्वत लेते ट्रेप किया गया है। उनके खिलाफ अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। लोकायुक्त टीम में निरीक्षक भूपेंद्र दीवान सहित अन्य स्टाफ भी था।
एस एस कालेज के संचालक अनुराग कुशवाह ने बताया कि कुल सचिव ने कहा था कि छिन्दवाड़ा में कालेज चलाना है तो एक लाख रुपया देना होगा। यहां के माई – बाप हम ही है। गौरतलब है छिन्दवाड़ा यूनिवर्सिटी पी जी कालेज के ग्रन्थालय भवन में लग रही है। यूनिवर्सिटी का अपना भवन तक नही है। यूनिवर्सिटी से छिन्दवाड़ा, सिवनी और बालाघाट के सौ से ज्यादा कालेज के हजारो छात्र – छात्राए परेशान हैं। यूनिवर्सिटी से परीक्षा का समय तय होता है ना ही रिजल्ट का और रिजल्ट आ भी गया तो 100 में से 90 छात्र – छात्राए फेल का परिणाम आता हैं। जबसे ये यूनिवर्सिटी बनी है नाम मात्र के छात्र – छात्राए ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट हुए हैं। परेशानी के चलते बैतूल जिले के छात्र – छात्राओ ने आंदोलन कर इस यूनिवर्सिटी से बैतूल को अलग करवा लिया है। जहां तक बात कुल सचिव मेघराज निनामा की है तो उन्हें छतरपुर की छत्रसाल यूनिवर्सिटी से यहां भेजा गया था। वहां भी उनके हाल यही थे। जब छत्रसाल यूनिवर्सिटी ही नही चल पाई तो छिन्दवाड़ा में बिना भवन और व्यवस्था के छिन्दवाड़ा यूनिवर्सिटी भला कैसे चलेगी। उच्च शिक्षा के नाम पर छिन्दवाड़ा के यूनिवर्सिटी प्रबन्धन का यह खिलवाड़ तो सामने आ ही गया इससे बड़ा खिलवाड़ तो छात्र – छात्राओ के भविष्य के साथ हो रहा है। ऐसे भ्र्ष्टाचारी अफसर को तत्काल यूनिवर्सिटी से हटाना चाहिए लेकिन शासन की व्यवस्था इतनी भृष्ट है कि रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद भी यह अफसर यूनिवर्सिटी की छाती पर ऐसे ही मूंग दलता रहेगा।