Chhindwara Politics- छिन्दवाड़ा विधानसभा में उपचुनाव के आसार नही, नकुलनाथ ही लड़ेंगे लोकसभा का चुनाव, कमलनाथ करेंगे प्रचार
चार दिन के छिन्दवाड़ा दौरे के बाद मीडिया से चर्चा में की तस्वीर साफ
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
भविष्य में छिन्दवाड़ा विधानसभा सीट में उपचुनाव के आसार नही है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ इस सीट से विधायक है। राजनीतिक संभावना थी कि मध्यप्रदेश में सरकार ना बनने पर कमलनाथ दिल्ली का रुख कर सकते हैं। ऐसे में वे सांसद नकुलनाथ की जगह अगला लोकसभा चुनाव पुनः छिन्दवाड़ा से लड़ सकते हैं। यदि वे चुनाव लड़ते तो सांसद बनने के बाद उन्हें छिन्दवाड़ा विधानसभा सीट के विधायक पद से इस्तीफा देना पड़ता और फिर इस सीट पर उपचुनाव का रास्ता बनता लेकिन ऐसा – वैसा कुछ नही हो रहा है। पहले सांसद नकुलनाथ ने परासिया की जनसभा में साफ किया कि लोकसभा का चुनाव वे ही लड़ेंगे और अब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि छिन्दवाड़ा से नकुलनाथ ही उम्मीदवार होंगे। दोनो नेताओ के दौरे और बयान से छिन्दवाड़ा तस्वीर साफ है कि यहां की राजनीति में कोई बड़ा बदलाव नही होने जा रहा है बल्कि नकुलनाथ छिन्दवाड़ा संसदीय सीट से दूसरी बार भी मोर्चा संभालने जा रहे हैं। चार दिन के छिन्दवाड़ा दौरे के बाद मंगलवार को मीडिया से चर्चा में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।नकुलनाथ छिन्दवाड़ा से लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे।
विधानसभा चुनाव के बाद मध्यप्रदेश की राजनीति में दो बड़े बदलाव हुए हैं। भाजपा ने बम्पर जीत के बाद भी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जगह डॉ मोहन यादव को नया मुख्यमंत्री बनाया है। वही कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को ना नेता प्रतिपक्ष बनाया और ना ही प्रदेश कॉंग्रेस कमेटी का अध्यक्ष रहने दिया है। कांग्रेस ने जीतू पटवारी को प्रदेश कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाया है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की भूमिका को लेकर मंथन था की वे अब लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे।
इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के रूष्ट होकर भाजपा में जाने की बात भी सुर्खिया बनी थी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इसका भी खंडन किया कि यह सब अफवाह है। इस बात को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खारिज कर दिया है। उनके छिन्दवाड़ा में दिए गए बयान कि सब स्वतंत्र है कोई किसी से बंधा नही का राजनैतिक प्रेक्षक अपने – अपने नजरिए से आकलन कर रहे थे। पार्टी उन्हें चाहे जो भूमिका दे लेकिन कमलनाथ को लेकर एक बड़ा सत्य है कि मोदी सरकार की एक नही दो – दो लहर में भी उन्होंने अपने गृह क्षेत्र छिन्दवाड़ा को भाजपा मुक्त रखा है। इस मायने में छिन्दवाड़ा तो पूरे देश मे कांग्रेस का मॉडल होना चाहिए था। एक बड़ी बात यह भी है कि मध्यप्रदेश में अभी टीम कमलनाथ ही लोकसभा चुनाव के मोर्चे पर है। डेढ़ माह में नए प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक भी नई नियुक्ति नही की है।
मध्यप्रदेश में नकुलनाथ कांग्रेस के एक मात्र सांसद हैं। पिछले चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की 29 में से 28 सीट जीती लेकिन भाजपा को छिन्दवाड़ा में सफलता नही मिली। 2018 में कमलनाथ के मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनने पर छिन्दवाड़ा से नकुलनाथ को पहला लोकसभा चुनाव लड़ाया था। 37 हजार 500 वोट से वे विजयी हुए थे। नकुलनाथ अपने पिता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलते हैं। छिन्दवाड़ा में उन्होंने वो ही छवि हासिल कर ली है जो उनके पिता कमलनाथ की है। कमलनाथ छिन्दवाड़ा से लगातार 9 बार सांसद रह चुके हैं। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सहित वे 15 माह तक प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे हैं और अब छिन्दवाड़ा से दूसरी बार विधायक है। लोकसभा चुनाव में अपनी भूमिका को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि वे लोकसभा चुनाव में प्रचार करेंगे और नकुलनाथ दूसरी बार छिन्दवाड़ा से लोकसभा काचुनाव लड़ेंगे।