दमोह लोकसभा : राम पटेल बन सकते हैं बुंदेलखंड की बुलंद आवाज, लोकसभा प्रत्याशी के लिए पार्टी में चल रहा मंथन
आठ साल तक रहे संघ के प्रचारक, वर्तमान में है युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष
♦दमोह मध्यप्रदेश-
मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड की लोकसभा सीट दमोह में प्रह्लाद पटेल के बाद अब नए सांसद के लिए भाजपा ने नए प्रत्याशी के लिए काउंटडाउन शुरू कर दिया है। माना जा रहा है कि यहां लोकसभा चुनाव से पहले ही प्रत्याशी घोषित किया जा सकता है। भाजपा ने प्रत्याशी पैनल में जो नाम शामिल किए हैं। उनमें युवा मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष राम पटेल का नाम सबसे आगे बताया गया है। राम पटेल दमोह के उन युवा नेताओ में है जिन्होंने पार्टी के लिए लगातर कार्य करते हुए दमोह को नई दिशा देने में अपना बड़ा योगदान दिया है।राम पटेल क्षेत्र की जातिवादी राजनीति के गणित में भी फिट बैठते हैं। इस सीट से केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल लगातार दो बार सांसद रहे हैं। पार्टी ने हाल ही में हुए विधानसभा के चुनाव में उन्हें सांसद पद से इस्तीफा दिलवाकर नरसिंहपुर से विधायक का चुनाव लड़वाया था। प्रह्लाद पटेल अब नरसिंहपुर के विधायक और प्रदेश सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री है।
दमोह लोकसभा सीट के खाली होने के साथ ही यहां नए प्रत्याशी की तलाश शुरू हो गई है। इनमे राम पटेल के साथ ही प्रीतम सिंह लोधी, राहुल सिंह लोधी, राघवेंद्र सिंह लोधी,गोपाल पटेल और दीपू भार्गव के नाम भी है। पार्टी यहां चेहरे और वोटो के गणित में राम पटेल पर विश्वास जता सकती है। इसको लेकर पटेल समर्थकों में भारी उत्साह है और उन्होंने चुनावी तैयारी भी शुरू कर दी है। राम पटेल संघ लाबी से जुड़े नेता हैं। उन्होंने 2011 से 2018 तक संघ विस्तारक के तौर पर जबलपुर क्षेत्र में कार्य किया है। इतना ही नही पार्टी ने उन्हें पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए बूथ विस्तारक ननाकर भी भेजा था। इसके अलावा उन्होंने जबलपुर, बालाघाट में भी संगठन का कार्य किया है। जब बे टीकमगढ़ जिले के संगठन मंन्त्री बनाए गए थे। तब यहाँ युवाओ को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग सेंटर शुरू कराए थे। राम पटेल बुंदेलखंड का बड़ा नाम है। उन्होंने बुंदेलखंड स्वाभिमान मंच बनाकर बुंदेलखंड के विकास को गति देने के प्रयास शुरू किए। यही कारण है कि पार्टी ने उन्हें अनेक जवाबदेही दी और युवा मोर्चा में प्रदेश उपाध्यक्ष जैसा बड़ा पद भी दिया था। बुंदेलखंड का जनमानस भी यही चाहता है कि दमोह का प्रतिनिधित्व दमोह का ही नेता करे। इसके लिए चल रही उठापटक में राम पटेल का नाम प्रदेश से लेकर केंद्रीय नेतृत्व तक पहुंच चुका है। अब इंतजार पार्टी के फैसले का है।
दमोह सीट में 1962 से 1977 तक बाहरी प्रत्याशी ही यहां से जीतते रहे है। साल 1980 में पहली बार स्थानीय प्रत्याशी प्रभु नारायण टंडन ने दमोह से जीत हासिल की थी। इसके बाद में जीत हासिल करने वालो में डॉ. रामकृष्ण कुसमरिया, चंद्रभान सिंह और शिवराज सिंह लोधी के बाद प्रह्लाद पटेल दमोह से लगातार दो बार सांसद चुने गए हैं।अब नए प्रत्याशी के लिए पार्टी स्थानीय उम्मीदवार के तौर पर युवा पीढ़ी को आगे बढ़ाने की रणनीति पर है। बुंदेलखंड से राम पटेल जैसे बुलंद नेता लोकसभा में बुंदेलखंड की आवाज बुलंद करे। इसको लेकर उनका दावा प्रबल है। इस बारे में जब श्री राम पटेल से चर्चा की गई तो उनका कहना था कि सबका साथ सबका विकास ही बुंदेलखंड को नई ऊंचाइयों पर ले जा सकता है। जनमानस के लिए कार्य करने का लक्ष्य ही हमे इस मुकाम तक लाया है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन ने बुंदेलखंड को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुंदेलखंड बुलंदियों पर हो इसके लिए विशेष पैकेज भी दिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश में 29 में से 29 सीट के लिए दमोह में हम पूरा दम लगाएंगे। समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए कार्य करते विजन – 400 को भी पूरा करेंगे।
दमोह लोकसभा सीट में दमोह, हटा, जबेरा, पथरिया, बड़ा मलहरा, देवरी, रहली और बंडा समेत आठ विधानसभा हैं। दो नगर पालिका दमोह, हटा के साथ ही चार नगर परिषद हिंडोरिया, पथरिया,पटेरा, और तेन्दूखेड़ा है। 7 जनपदों में 460 ग्राम पंचायत और 1290 गांव के साथ 19 लाख से ज्यादा मतदाताओं की ताकत है। दमोह में जैन धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल कुंडलपुर है। नोहलेश्वर शिव मंदिर, बांदकपुर धाम मंदिर, भैसाघाट जलप्रपात, सिंगौरगढ़ का किला पर्यटन स्थल है। दमोह का नाम हिंदू राजा नल की पत्नी दमयंती के नाम पर पड़ा है।