गर्भवती महिला की जिला अस्पताल के गेट पर ही हो गई डिलेवरी
नही मिली 108 एम्बुलेंस की सुविधा , डिलेवरी के बाद वार्ड में भर्ती कराया
छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
इससे पहले की महिला को चिकित्सालय के मेटरनिटी वार्ड में भर्ती कराया जाता गेट पर ही उसकी डिलेवरी हो गई जच्चा – बच्चा दोनो स्वस्थ हैं डिलेवरी के बाद महिला को वार्ड में भर्ती करा दिया गया है मामला छिन्दवाड़ा जिला चिकित्सालय के गेट नंबर -3 में दोपहर करीब 3 बजे का है जिला अस्पताल में दर्जन भर से ज्यादा 108 एम्बुलेंस होने के बावजूद महिला को सुविधा नसीब नही हो पाई मजबूरी में उसका पति ऑटो से महिला को अस्पताल ला रहा था
जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल से करीब 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नोनिया करबल निवासी गोलू सातपुते की पत्नी रीना सातपुते की डिलिवरी होना था इसके लिए गोलू ने जिला अस्पताल की 108 एम्बुलेंस को फोन किया था जवाब मिला कि दो घण्टे बाद आ पाएंगे इस दौरान रीना को लेबर पैन आने लगे तब गोलू ने एम्बुलेंस की राह तकना छोड़कर तत्काल ही एक ऑटो चालक को बुलाया और जिला अस्पताल आ रहा था कि गेट नम्बर तीन पर पहुँचते ही बिना किसी डॉक्टर और स्टाफ के रीना ने ऑटो में ही बालक को जन्म दिया
इस दौरान हो हल्ला मचा तब मेटर्निर्टी वार्ड का स्टाफ मौके पर पहुंचा और जच्चा – बच्चा दोनों को वार्ड में भर्ती कराया है गोलू का कहना था कि हमने एम्बुलेंस को फोन लगाया था लेकिन दो घंटे बाद आने की बात पर रीना को ऑटो में ही बैठाकर जिला अस्पताल ले आए और गेट पर आते ही डिलेवरी हो गई
जिला चिकित्सालय के गेट नंबर 3 में हुई डिलीवरी,,, नोनिया करबल निवासी रीना सातपुते को अचानक दर्द उठे पति ने एंबुलेंस के लिए 108 पर कॉल किया मगर तब तक एंबुलेंस आती उससे पहले रीना को ज्यादा ही दर्द उठने लगे जिससे आनन-फानन में गोलू सातपुते ने अपनी पत्नी को ऑटो में बैठा कर जिला चिकित्सालय की ओर दौड़ लगा दी मगर जिला चिकित्सालय के गेट नंबर 3 पर पहुंचते ही महिला की गेट पर ही डिलीवरी हो गई तुरंत ही जिला चिकित्सालय कास्ट आफ गेट पर पहुंचा और महिला और बच्चे को जिला चिकित्सालय के अंदर लेकर पहुंचे,,, अब सोचने वाली बात यह है कि एक गरीब किसान के भी दिमाग में यहां बात बैठ गई की शासकीय काम लेटलतीफी से ही होते हैं जिससे एंबुलेंस को भी पहुंचने में टाइम लगा तो अपनी पत्नी को ऑटो में ही गोलू सातपुते फिर लेकर जिला चिकित्सालय पहुंचा