माँ की हत्या करने वाले पुत्र को जिला कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा
खाना के लिए माँ पर हो गया था आक्रोशित, रोटी सेंकने के तवे से कर दिया था हमला
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
मां के हत्यारे पुत्र को जिला सत्र न्यायाधीश ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सोमवार को यह फैसला आया है। सत्र न्यायाधीश छिंदवाड़ा जितेंद्र कुमार शर्मा ने सत्र प्रकरण क्रमांक 16/2022 में निर्णय पारित करते हुए आरोपी राहुल उर्फ मुनिया कहार पिता छोटेभैया कहार उम्र 25 वर्ष ,निवासी वार्ड नम्बर 5, भाजीपानी ,थाना चांदामेटा ,जिला छिंदवाड़ा को मां रामोबाई की हत्या का दोषी पाते हुए कठिन आजीवन कारावास एवं 2000 रुपए के अर्थदंड से दंडित किए जाने का निर्णय पारित किया गया है।
अपराधी ने खाना खाने के दौरान अपनी मां से विवाद किया था। इस दौरान उसने किचन में रखे रोटी सेकने के तबे से मा के सिर पर हमला कर दिया था जिससे उसकी मौत ही गई थी। पुलिस ने आरोपी के विरुद्ध हत्या का अपराध दर्ज कर प्रकरण न्यायालय में पेश किया था।
घटना के संबंध में बताया गया कि गत 21/11/2021 को चांदामेटा पुलिस को मोबाइल पर सूचना मिली कि पीड़िता शशि कहार एवं उसकी मां रामोबाई को चोटें आने से इलाज के लिए परासिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। परासिया पुलिस ने अस्पताल पहुंचकर पीड़िता शशि कहार के कथन लिए थे। पीड़िता शशि कहार ने पुलिस को बताया था कि आरोपी राहुल कहार ने अपनी मां रामोबाई से खाना मांगा था । जिस ओर रमा ने दाल चावल खाने के लिए कहा तो राहुल ने अपनी मां से झगड़ा विवाद कर ,गाली गलौज, धक्का- मुक्की की और बाल पकड़कर जमीन पर गिरा दियाथा। शशि कहार के बीच-बचाव करने पर राहुल कहार ने रोटी सेकने के लोहे के तवे से बहन शशि कहार और मां के सर पर तवे से चार पांच बार मारा था। जिससे रामोबाई को सिर से खून निकलने लगा और वो जमीन पर गिर कर बेहोश हो गई थी।
दोनो घायलों को इलाज के लिए परासिया अस्पताल से छिंदवाड़ा रिफर किया गया था। जहां रामो बाई को 22/11/ 2021 को इलाज के लिए हॉस्पिटल नागपुर रेफर किया गया था, जहां इलाज के दौरान 28/ 11/ 2021 को रामो बाई की मृत्यु हो गई थी।
थाना चांदामेटा पुलिस ने राहुल उर्फ मुनिया कहार के विरुद्ध धारा 324,294, 302 भा.द.वि. का अपराध क्रमांक 361 /2021पंजीबद्ध कर न्यायालय में विचारण चालान प्रस्तुत किया था जिसकी सुनवाई चल रही थी।
अभियोजंन पक्ष के कथन के बाद विचारण उपरांत आरोपी राहुल मुनिया को धारा 324 भा.द.वि में दोषी पाते हुए 6 माह का सश्रम कारावास तथा 500 अर्थदंड एवम धारा 302 भा.द.वि. के तहत दोष सिद्ध पाते हुए आरोपी को आजीवन कारावास एवं ₹2000 के अर्थदंड से दंडित किया गया । राज्य की ओर से लोक अभियोजक अजय पालीवाल ने पैरवी की।