डेमेज कंट्रोल : मिशन छिन्दवाड़ा पर बिहार के पूर्व डिप्टी सी एम “सुशील मोदी”
विधानसभा क्षेत्रों में पहुंचकर प्रत्याशी और दावेदारों से खास मुलाकात
मुकुन्द सोनी ♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
छिन्दवाड़ा में भाजपा के सात में से छह सीट के “प्रत्याशी” घोषित होने के बाद भाजपा अन्य दावेदारों को लेकर अब चुनाव से पहले ही “डेमेज कंट्रोल” भी कर लेगी। छिन्दवाड़ा में भाजपा का “कलेवर” बदल चुका है लेकिन सीटो से अब तक “चुनाव”लड़ते आए नेता अपना “दावा”छोड़ते नजर नजर नही आ रहे हैं। छिन्दवाड़ा की हर सीट पर दावेदार अब भी “उम्मीद”का दामन थामे बैठे हैं। यहां हर सीट पर दो- दो तगड़े दावेदार है। पार्टी आम तौर पर चुनाव “नामंकन” के बाद ” बागी”के नाम पर “डेमेज कंट्रोल”करती है किंतु इस बार सब कुछ पहले ही कर लिया जा रहा है ताकि “जीत” के लिए पार्टी मैदान में “एकजुट”रहे।
बिहार के पूर्व डिप्टी सी एम “सुशील मोदी” को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने “छिन्दवाड़ा” के तीन दिन के दौरे पर “स्पेशल टास्क” पर भेजा है। “सुशील मोदी” छिंदवाड़ा आते ही अपने “टास्क” में जुट गए हैं। वे अपनी रिपोर्ट “केंद्रीय नेतृत्व” को देंगे। उन्होंने यहां पहुंचकर पहले सीधे “जुंन्नारदेव” का रुख किया। जुंन्नारदेव में उन्होंने कोई सार्वजनिक सभा या बैठक नही की बल्कि भाजपा के घोषित प्रत्याशी “नत्थन शाह और दावेदार “आशीष ठाकुर” से मुलाकात की और साफ शब्दों में ” केंद्रीय नेतृत्व” की मंशा से अवगत करा दिया है कि “पार्टी” को छिन्दवाड़ा में “विधानसभा” और “लोकसभा” में जीत के अलावा कुछ मंजूर नही है। जब “रण” में दिग्गज केंद्रीय मंत्री और सांसद मैदान में है तो फिर पार्टी की “रणनीति” का “अंदाजा” हो जाना चाहिए। पार्टी “सत्ता”में रहेगी तो “मौके” अनेक है।लेकिन शर्त यही है कि ऐसा कुछ पार्टी सहन नही करेगी कि पार्टी प्रत्याशी को चुनाव में कोई भी नुकसान उठाना पड़े।
यही सबकुछ उन्होंने “परासिया” में भी किया है। यहां उन्होंने पार्टी की घोषित प्रत्याशी “ज्योति डेहरिया” और “ताराचंद बावरिया से मुलाकात की है। परासिया से लगातार दो बार “ताराचंद” के चुनाव हार जाने के कारण ही यहां पार्टी ने अपनी “रणनीति” बदली है। पहली बार “महिला” उम्मीदवार के तौर पर “ज्योति डेहरिया” को “टिकट” दिया है। अमरवाड़ा पहुंचकर उन्होंने “प्रेमनारायण ठाकुर” उत्तम ठाकुर और घोषित प्रत्याशी “मोनिका बट्टी” से चर्चा की है। यहां भी “ठाकुर” लगातार दो बार चुनाव हार चुके हैं। बड़ी बात यह भी है कि “गोंडवाना” के मनमोहन शाह भी दो बार भाजपा के साथ ही चुनाव हारे हैं। अब यहां गोंडवाना की ताकत ” मोनिका बट्टी” का सहारा लेकर पार्टी ने आदिवासी वोट बैंक में सीधे बड़ी बढ़त बना ली है तो फिर विरोध कैसा।
बिहार के पूर्व डिप्टी सी एम “सुशील मोदी” पार्टी के अनुभवी और वरिष्ठ नेता हैं। बिहार जैसे राज्य के “चुनाव” का उन्हें गहरा अनुभव है और बात केवल “विधानसभा” चुनाव की नही बल्कि इसके बाद होने वाले “लोकसभा” चुनाव की भी है। सातों सीट की “फील्डिंग” से ही लोकसभा का मार्ग “प्रशस्त” होगा तो पहले पूरी ताकत विधानसभा चुनाव जीतने में ही लगाना होगा। मध्यप्रदेश में दोनो चुनाव की तैयारी “साथ – साथ चल रही है। दिग्गज नेता सुशील मोदी तीन दिन के लिए छिन्दवाड़ा आए हैं। छिन्दवाड़ा के साथ ही वे अमरवाड़ा सौसर और पांढुर्ना भी जाएंगे। साथ ही “चौरई” के मुद्दे पर भी “मंथन” करेंगे।
छिन्दवाड़ा में भाजपा के जिला अध्यक्ष विवेक साहू बंटी को प्रत्याशी घोषित किया गया है। यहां से पूर्व मंत्री ” चौधरी चन्द्रभान” अब तक चुनाव लड़ते रहे हैं। हालांकि छिन्दवाड़ा में विरोध के “स्वर” नही सुनाई दिए हैं किंतु “भीतरघात” बड़ी समस्या है। सौसर में “नाना मोहोड़” को लेकर तो पांढुर्ना में “प्रकाश उइके” को लेकर भी पार्टी में ही कुछ “आक्रोश” था। इससे पहले कि चुनांव घोषित हो पार्टी छिन्दवाड़ा में अपने ही स्थानीय नेताओं का ” मिजाज” ठीक कर लेना चाहती हैं जिसकी कवायद में अभी दौरे पर दौरे में छिन्दवाड़ा में “दिग्गजों” का आगमन मामूली नही है।
यहां पार्टी सात में से छह विधान सभा के “उम्मीदवार” घोषित कर चुकी है। अब केवल चौरई का फैसला शेष है। इस सीट पर रमेश दुबे का दावा तो “मजबूत” है ही वही “रंघुवंशी” वोटो के नाम पर “पूर्व मंत्री” चौधरी चन्द्रभान सिंह” भी लड़ाई लड़ते नजर आ रहे हैं। उनकी परम्परागत सीट छिन्दवाड़ा में भाजपा ने पार्टी के जिला अध्यक्ष “विवेक साहू बंटी” को टिकट दे दिया है। चौरई का प्रत्याशी घोषित ना होने का बड़ा कारण कोई नेता बता नही रहा है पर यहां “रमेश दुबे” की प्रतिष्ठा दांव पर है। वोटों के गणित और चेहरे में तो यहां पूर्व सी एम और केंद्रीय मंत्री “उमा भारती” के नाम की भी चर्चा है।किन्तु “सुशील मोदी ” की रिपोर्ट के बाद इस सीट का भी फैसला हो जाएगा।