हाई टेक जमाने मे बिना बिजली लालटेन युग मे जीने को मजबूर छिन्दवाड़ा के चार गांवो के वाशिंदे
आजादी के 75 साल बाद भी नही पहुंची बिजली
समस्या सुनकर हतप्रभ रह गए जिला पंचायत के अध्यक्ष
मुकुन्द सोनी ♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
देश की आजादी के 75 साल बाद भी छिन्दवाड़ा के आदिवासी विकासखंड हर्रई के चार गांवो में अब तक बिजली नही पहुंची है इन गावो में माड़ीपुर पंचायत के गांव उचाखेड़ा ,रावलगोदी , पाताल पानी और लोधरी शामिल हैं। ग्रामीण आज के हाई टेक युग मे अंधेरे में लालटेन युग का जीवन जीने को मजबूर हैं ।विकास के बड़े – बड़े दाव करने वाले नेताओं को ये गांव नजर आए ना ही जिला प्रशासन को बड़ी बात तो ये है कि विद्युत वितरण कंपनी विद्युत मण्डल के जमाने मे वर्ष 1980 में ही छिन्दवाड़ा जिले को शत – प्रतिशत विद्युतीकरण वाला जिला घोषित कर चुकी है छिन्दवाड़ा को मध्यप्रदेश में मॉडल जिला बताया जाता है विकास मॉडल में सड़क ,बिजली ,पानी की बात है ये तो बुनियादी मूलभूत सुविधा और अत्यावश्यक सेवा में है जो इन चार गांवो के ग्रामीणों को नसीब नही है । ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को दो बार जिला मुख्यालय आकर समस्या बताई है लिखित ज्ञापन दिया है फिर भी समस्या का समाधान नही हो पाया है
शुक्रवार को इन गांव के निवासी ग्रामीण रवि खमरिया , कोमल ढकरिया , दिनेश ढकरिया ,संतराम रावतिया जिला पंचायत सदस्य महेश धुर्वे के साथ छिन्दवाड़ा जिला मुख्यालय में जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार के समक्ष यह समस्या बताने आए थे ।ग्रामीणों का कहना था कि 20 – 25 साल पहले गांव में बिजली के लिए खंबे गाड़े गए थे ऐसा उनके बुजुर्गों ने बताया था किंतु आब गांव में ना वे खंबे है ना ही बिजली ।
रवि खमरिया का कहना था कि बिजली के अभाव में ग्रामीणों का जीवन संकट में गुजर रहा है पानी ,सड़क ,की भी समस्या है गांव में लोग लालटेन ,चिमनी जलाते हैं अब तो मिट्टी का तेल मिलना भी बंद हो गया है गांव में खेती सिचाई ,पढ़ाई , आटा चक्की सहित कई सुविधा से ग्रामीण बिजली के अभाव में वंचित और आंधेरे में जीवन जीने को मजबूर हैं
जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार ने जब यह समस्या सुनी तो वे हतप्रभ रह गए उनका कहना था कि 18 सालों से भाजपा का शासन है इस दौरान एक नही दो – दो बार मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान चल चुका है तो भी अधिकारियों तक यह समस्या ना पहुंची ना ही दिखाई दी ।जिला पंचायत सदस्य महेश इवनाती का कहना था कि ये गांव उनके निर्वाचन क्षेत्र में आते हैं जब वे गांव के दौरे पर पहुंचे तो देखा कि एक नही चार – चार गांवो में बिजली नही है ना ही गांवो में कही बिजली लाइन का नामोनिशान है ग्रामीण अब भी बिन बिजली लालटेन युग मे जी रहे हैं चारो गांव आदिवासी गांव है । जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार ने समस्या को लेकर तत्काल ही कलेक्टर और विद्युत कम्पनी के अधीक्षण यंत्री को पत्र लिखा है ।