छिन्दवाड़ा मेडिकल कालेज में फर्जीवाड़ा, बिना एफिलेशन डी एम एल टी में तीन साल से चल रहा एडविसन
तीन साल से फर्स्ट ईयर में ही है छात्र - छात्राएं , ना नामंकन ना छात्रवृति ना परीक्षा

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परेशान छात्र – छत्राओ ने कलेक्ट्रेट के सामने मुख्य मार्ग पर कर दिया चक्काजाम
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डीन के सामने की नारेबाजी
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बिना जवाब दिए ही लौटे डीन
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डी आई जी से एफआईआर की गुहार
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हर साल ली है 80 – 80 हजार रुपया फीस
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
छिन्दवाड़ा मेडिकल कालेज फर्जीवाड़ा का शिकार हैं।कालेज ने मेडिकल कौंसिल से मान्यता के बिना पैरामेडिकल कोर्स डी एम एल टी में छात्र – छात्राओं के एडविसन लिए है। तीन साल से लगातार यह क्रम जारी है चार साल के इस कोर्स में हर साल 60 छात्र – छात्राओं के एडविसन लिए गए हैं।तीन साल में अब तक एक बार भी परीक्षाएं नही हुई है ।
जिन छात्राओं ने तीन साल पहले एडविसन लिया था उनकी ही परीक्षा आब तक नही हुई है और कालेज ने दूसरे से लेकर तीसरे बैच तक के एडविसन कर डाले है।कालेज में ना डी एम एल टी की पढ़ाई हो रही है ना ही क्लास लग रही है ना ही कोई टीचर है ना ही कालेज को पैरामेडिकल कोर्स चलाने के लिए शासन और मेडिकल कौंसिल की मान्यता मिली हैं तब किस आधार पर यहां एडविसन लिए गए हैं।यह जांच का विषय है।
इस मामले को लेकर पिछले दो साल से लगातार छात्राएं कलेक्ट्रेट आकर जिला प्रशासन को ज्ञापन देकर बता रही है कि मेडिकल कालेज में फर्जीवाड़ा चल रहा है बिना मान्यता के ही यहां डी एम एल टी में एडविसन लिए जा रहे हैं और मोटी फीस वसूली जा रही है किंतु प्रशासन ने छात्राओं का ज्ञापन रद्दी की टोकरी में डालकर मेडिकल कालेज को खुलेआम फर्जीवाड़ा करने की छूट दे रखी हैं।
छात्र – छात्राएं लैब टेक्नीशियन बनने के लिए इस पाठ्यक्रम में एडविसन लेते हैं और कोर्स पुरा कर डी एम एल टी की डिग्री हासिल कर अपना कैरियर बनाते हैं। छिन्दवाड़ा मेडिकल कालेज में एडविसन को इसलिए चुना जाता है कि कॉलेज सरकारी कालेज है अब तक तो यह देखने मे आया है कि प्रायवेट कालेज मेडिकल कोर्स के नाम पर फर्जीबाड़ा करते हैं किंतु छिन्दवाड़ा के प्रायवेट कालेज मान्यता लेकर छात्र – छात्राओं को सरकारी छात्रवृति भी दे रहे हैं और हर साल परीक्षा भी हो रही है किंतु छिन्दवाड़ा में उल्टी गंगा बह रही है यहां सरकारी कालेज ही फर्जीवाड़ा करने पर तुला हुआ है।
कालेज की यह पोल किसी और ने नही कालेज में डी एम एल टी में प्रवेश लेने वाले छात्र – छात्राओं ने खोली है जो अब तक परीक्षाओं से वंचित हैं।यहां कालेज ने एडविसन देकर हर छात्र – छात्रा से हर साल 80 – 80 हजार की मोटी फीस ली है लेकिन मेडिकल एजुकेशन में कालेज की मान्यता नही है यह बात छिपाकर छात्र – छात्राओं का भविष्य अंधकारमय कर दिया है।
कालेज में छात्र – छात्राओं का ना मेडिकल एजुकेशन में एनरोलमेंट हुआ है ना उन्हें छात्रवृति मिली है अब तो शक यहां तक गहरा गया है कि छात्र – छात्राओं से जो फीस हर साल ली जा रही है वह किसके खाते में जमा है और जो मेडिकल स्टूडेंट यहां एम बी बी एस कर रहे हैं वे भी जरा कालेज की मान्यता का पता कर ले कि इस कॉलेज से एम बी बी एस करने के बाद उन्हें डॉक्टर की डिग्री और मान्यता मिल पाएगी या नही।
कालेज की इस कार्यप्रणाली से छात्र – छात्राओं में जबरदस्त आक्रोश है ।दस दिन पहले भी छात्र – छात्राओं ने कलेक्ट्रेट आकर जिला प्रशासन के समक्ष लिखित में अपनी समस्या रखकर कार्रवाई की मांग की थी किन्तु प्रशासन ने कोई एक्शन नही लिया तब स्टूडेंट बुधवार को डी आई जी कार्यालय डीन के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने पहुंचे थे कि डीन ने उनके साथ धोखाधड़ी की है और आज गुरुवार को डीन के खिलाफ मोर्चा खोलकर कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठे हैं। छात्र – छत्राओ ने कलेक्ट्रेट के सामने मुख्य मार्ग ओर चक्काजाम कर भी विरोध दर्ज कराकर न्याय की गुहार लगाई है कि उनके साथ न्याय किया जाए गलती एक साल हो सकती है दो साल हो सकती है लेकिन यहां तो तीन साल से एक ही पिक्चर बनी हुई है कि मान्यता नही मिली यहां दाल में काला नही पूरी दाल काली है जो उच्च स्तरीय जांच के बिना पीली नही होने वाली है।
मेडिकल कालेज के डीन आंदोलन कर रहे छात्र – छात्राओं से मिलने आए थे लेकिन छत्राओ के सवालों के जवाब नही दे सके कि जब मान्यता नही थी तो एडविसन क्यो लिया गया।तीन साल में अब तक परीक्षा क्यो नही हुई है। हर साल 80 – 80 हजार फीस ली गई उसका क्या ? हमे छात्रवृत्ति नही मिली उसका क्या? सवालों पर डीन ने इतना ही कहा कि एफिलेशन के प्रयास चल रहे हैं मगर सवाल यह है कि कालेज बिना मान्यता और राज्य शासन की अनुमति के पिछले तीन साल से हर साल डी एम एल टी में एडविसन कैसे ले रहा है यह तो सीधे – सीधे ही फर्जीवाड़ा नही तो क्या?