कंकाल मिलने के दो साल बाद जिंदा लौट आई लड़की, हत्या के आरोप में पिता जमानत पर और भाई दो साल से है जेल में
छिन्दवाड़ा जिले की सिंगोड़ी चौकी का संगीन मामला ,पिता का आरोप दरोगा ने मांगे थे दो लाख ..?
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चौकी पहुँचकर कहा कि मेरे पिता और भाई को मेरी ही मौत की साजिश में फंसाया गया
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मैं जिंदा हूँ पुलिस ने पता नही किसका कंकाल लाया
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दो साल में भी नही आई कंकाल की जांच रिपोर्ट
छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
छिन्दवाड़ा के अमरवाड़ा थाना की सिंगोड़ी चौकी के एक मामले ने पूरे पुलिस महकमे को हिलाकर रख दिया है दरअसल जिस लड़की की हत्या के आरोप में पिता जमानत पर और पुत्र दो साल से जेल में है वह लड़की जिंदा है आज बुधवार को सिंगोड़ी चौकी पहुंचकर इस लड़की ने आवेदन दिया है कि मेरी हत्या के आरोप में मेरे पिता और भाई को पुलिस ने गलत फंसाया है मैं जिंदा हूँ पुलिस ने पता नही किसका कंकाल बरामद किया था पुलिस ने पिता – पुत्र पर हत्या का प्रकरण दर्ज करने से पहले इस लड़की का ही कंकाल बरामद किया था जो पुलिस की रिपोर्ट में नामजद कंचन उइके का कंकाल हैं इसके बाद ही पिता – पुत्र का कहना कि के खिलाफ हत्या का अपराध दर्ज कर दोनो को न्यायालय में पेश किया था न्यायालय ने दोनों को जेल भेज दिया था जिसमे एक साल पहले पिता को जमानत मिल गई और पुत्र अब भी अमरवाड़ा की जेल में है न्यायालय में यह मामला अभी सुनवाई में है सवाल यह है कि जिसकी हत्या के आरोप में पिता -पुत्र पर हत्या का केस चल रहा है वह जिंदा है तो फिर वह कंकाल किसका है जो पुलिस ने बरामद किया था
हत्या के प्रकरण की कहानी कुछ ऐसी है कि सिंगोड़ी चौकी के ग्राम जोपनाला में रहने वाले सन्नू उइके की उस समय की नाबालिग पुत्री कंचन उइके 14 साल की उम्र में सन 2014 घर से लापता हो गई थी परिजनों ने उसे खोजा था लेकिन वह नही मिली और उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी इसके बाद सिंगोड़ी पुलिस को लड़की की गुमशुदगी के सात साल बाद 12 जून 2021 को खबर मिलती है कि जोपनाला गांव से जो नाबालिग लापता थी उसकी हत्या उसके पिता सन्नू उइके और भाई सोनू ने की है और नाबालिग का शव खेत मे दफन है
इस दौरान अमरवाड़ा पुलिस अनुभाग में संतोष डेहरिया एस डी ओ पी और एस आई अभिषेक प्यासी सिंगोड़ी चौकी के प्रभारी थे दोनो अधिकारी खबर पर अमरवाड़ा एस डी एम से परमीशन लेकर जोपनाला गांव के पास ही राहीवाड़ा में धरम उइके के खेत की मेड में आम के झाड़ के पास जे सी बी मशीन से खुदाई कराते हैं और एक कंकाल बरामद करते हैं जिसका तहसीलदार की उपस्थिति में पंचनामा किया जाता है और कंकाल जांच के लिए फॉरेन्सिक लैब भोपाल भेज दिया जाता है लैब की रिपोर्ट आए बिना ही पुलिस लड़की की हत्या के आरोप में कंचन के पिता सन्नू उइके और भाई सोनू उइके पर हत्या का प्रकरण दर्ज कर लेती है और न्यायालय से दोनो जेल चले जाते हैं जबकि कंकाल की रिपोर्ट अब तक भी नही आई है कि वह कंचन का है या नही ..? खुदाई के दौरान पुलिस ने बरामद एक कंगन दिखाकर सन्नू उइके की पत्नी और कंचन की माँ से पुछा था कि यह कंगन कंचन का है क्या .? तब कंचन की माँ का जवाब था कि कंगन कंचन का नही है फिर भी पिता -पुत्र और हत्या जैसा जघन्य अपराध दर्ज कर दिया जाता है
13 जून 2021 के दो साल बाद कंचन 29 मार्च 2023 को सिंगोड़ी चौकी पहुंचकर कहती है कि मैं जिंदा हूँ मेरे पिता और भाई को मेरी ही हत्या के आरोप में गलत फंसाया गया है इस पर चौकी प्रभारी का कहना है कि मामले के समय वे यहां पदस्थ नही थे चौकी से तत्कालीन प्रभारी अभिषेक पयासी का भी तबादला हो चुका है और एस डी ओ पी संतोष डेहरिया का भी
इधर जमानत पर छूटे कंचन के पिता सन्नू उइके ने वीडियो में बयान दिया है कि दरोगा ने मुझसे दो लाख रुपया मांगा था नही दिया तो मुझे मेरी लापता बेटी की हत्या के आरोप में ही फंसा दिया है मेरी बेटी को डेहरिया ले गया था शायद यह डेहरिया वही है जो अब कंचन का पति है और तत्कालीन समय मे कंचन के नाबालिग होने से छिपता फिर रहा था कंचन का कहना है कि वह अपनी मर्जी से घर से उज्जैन चली गई थी अब उसने शादी भी कर ली है और उसके दो बच्चे भी है पुलिस ने किसका कंकाल बरामद कर मेरे पिता और भाई पर हत्या का केस बनाया मालूम नही मेरे पिता और भाई निर्दोष है भाई को भी जेल से छोड़ने की गुहार उसने लगाई है
मामला बहुत गंभीर है कि जिस लडक़ी की हत्या के आरोप में पिता जमानत पर और भाई अब भी जेल में है तो फिर वह कौन जिसका कंकाल पुलिस को मिला था जिसे पुलिस ने कंचन का मानकर उसके पिता और भाई के खिलाफ कंचन की ही हत्या का अपराध दर्ज किया है मामले में अब जांच के बाद ही खुलासा होगा कि आखिर सच्चाई क्या है पिता- पुत्र को फसाने वाला है कौन जिसने लड़की के लापता होने के सात साल बाद मय कंकाल के यह साजिश रच डाली और तो औऱ पुलिस ने पिता – पुत्र से कंचन की हत्या का जुर्म भी कबूल करवा लिया और जांच डायरी में लिखा कि सन्नू उइके – सोनू उइके ने अपने मकान के पीछे छपरी में कंचन के सिर पर डंडा मारा जिससे उसकी मौत हो गई थी और दोनो ने अपना अपराध छिपाने के लिए शव खेत मे गाड़ फ़िया था खास बात यह भी है कि पुलिस ने कंकाल में 206 की जगह 210 हड्डी बरामद होना बताया मतलब कंकाल में चार हड्डी टूटी मिली जब दोनों ने डंडे से कंचन को मारा तो क्या हड्डी उससे ही टूटी थी इस मामले में पुलिस जांच और कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं मामला इतना गम्भीर है कि इंस्पेक्टर जनरल लेबल नही बल्कि डायरेक्टर जनरल आफ पुलिस के लेबल पर इसकी जांच होना चाहिए
देखे पिता और पुत्री के बयान का वीडियो –