छिन्दवाड़ा में जनजातीय विभाग के कन्या परिसर में छात्रा ने लगा ली फांसी, विभाग सकते में, पुलिस कर रही जांच
विभाग के छात्रावासो के है हाल - बेहाल , निरीक्षण पर भी नही जाते अफसर
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
जिले के जनजातीय विभाग के जिला मुख्यालय में धरम टेकड़ी के पीछे स्थित ” कन्या शिक्षा परिसर” के पोस्ट मैट्रिक संयुक्त कन्या छात्रावास की एक कन्या ने छात्रावास में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। छात्रा के इस कदम से पूरा विभाग सकते में है। खबर लगते ही पुलिस सहित विभाग के अधिकारी कन्या शिक्षा परिसर पहुंचे हैं। छात्रा के शव को फंदे से उतारकर पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है। पुलिस की एफ़ एस एल टीम छात्रा के कमरे की जांच कर रही है। अन्य छात्राओं से बात कर भी कारणों का पता लगाया जा रहा है कि छात्रावास में छात्रा ने ऐसा कदम कैसे उठा लिया। अभी पुलिस भी छात्रा की आत्महत्या के पीछे किसी ठोस कारण तक नही पहुंच पाई है ना ही छात्रावास की अन्य छात्राएं कुछ बता पा रही है।
बताया गया कि गुरुवार की सुबह छात्रा ने नाश्ता किया था। इसके बाद वह पढ़ने के लिए दूसरी मंजिल के स्टडी हाल में आई थी। इसके बाद इसी फ्लोर के एक कमरे में छात्रा का शव फंदे पर लटका मिला। छात्राओं ने तत्काल ही इसकी सूचना अधीक्षक इंद्राणी बेलवंशी को दी। अधीक्षक ने पुलिस सहित विभाग के सहायक आयुक्त सत्येंद्र मरकाम को खबर की। खबर मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे और पुलिस ने जांच शुरू की है। छात्रा का नाम अनामिका धुर्वे बताया गया जो मैनिखापा गांव की निवासी थी। पिछले संडे को ही वह अपने गांव भी गई थी। 6 माह पहले ही उसका दाखिला इस छात्रावास में हुआ था। छात्रा के परिवार जन भी छात्रावास पहुंच गए हैं। उनकी मौजदगी में ही जांच – पड़ताल चल रही है।
छात्रावास अधीक्षिका इंद्राणी बेलवंशी के कहना है कि वे छात्रावास परिसर में ही निवास करती है। छात्रा ने कोई समस्या नही बताई थी। पिछले संडे को ही वह अपने माता – पिता के साथ अपने घर गई थी और वापस लौटकर पढ़ाई कर रही थी कि आज अचानक यह हादसा हो गया है। सहायक आयुक्त सत्येंद्र मरकाम ने कहा कि घटना दुखद है। पुलिस जांच कर रही है। विभाग भी जांच करेगा कि छात्रा ने ऐसा कदम क्यो उठाया है।
इस घटना से तो लग रहा है कि जनजातीय विभाग के अफसर छात्रावासो की व्यवस्था संभालने में नाकामयाब है। अफसर ना तो कभी छात्रावास जाते है ना ही कभी छात्रावास में रहने वाले छात्र – छात्राओं से संवाद कर उनकी समस्या जानने की कोशिश करते हैं। विभाग के छात्रावासो में छात्र – छात्राएं बेहतर भोजन ना मिलने की समस्या से बेजार है। विभाग के हर छात्रावास की यह शिकायत है। जिस पर विभाग कभी एक्शन ही नही लेता है। विभाग के क्षेत्र सयोजक, मंडल संयोजक की यह जवाबदारी है लेकिन वे दफ्तर में बैठे – बैठे ही छात्रावास मेनटेन होने का दम्भ भरते हैं।