गोटमार मेला: बारिश से जाम नदी का जल स्तर बढ़ा, नही टूट पाया झंडा
अब भी जाम नदी किनारे पांढुर्ना और सावरगांव में सैकड़ो लोग मौजूद
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झंडा तोड़ने को लेकर “वेट एंड वाच” की स्थिति
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पत्थरबाजी में डेढ़ सौ से ज्यादा लोग घायल
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
छिन्दवाड़ा जिले की पांढुर्ना तहसील में हर साल “बड़गा” के दिन लगने वाला ” गोटमार” मेला “बारिश के चलते भी नही रुका। चंडिका माता मंदिर में पुजन के बाद जाम नदी के बीच पलाश की डाल के साथ “ध्वज” लगाकर ” गोटमार” का श्री गणेश किया गया और ध्वज तोड़ने की कोशिश में नदी में उतरे युवाओ को गोटमार “पत्थर” मारकर रोका गया। पांढुर्ना और सावरगांव के बीच ” पत्थर बाजी” में 150 से ज्यादा युवा घायल हुए हैं। घायलों का तत्काल ही मेला स्थल पर बनाए गए “अस्थाई” अस्पताल में इलाज किया गया। इनमे तीन युवाओ को गंभीर चोट भी आई है जिन्हें नागपुर रेफर किया गया है।
खास बात यह है कि इस बार मेले के दौरान पूरे समय जोरदार बारिश का दौर रहा और “ध्वज” तोड़ना मुश्किल हो गया। यह मेले का इतने वर्षो में शायद पहला मौका था कि रात 9 बजे तक भी कोई ” ध्वज” नही तोड़ पाया था। शाम तक जाम नदी का जल स्तर इतना बढ़ गया था कि पानी पुलिया के ऊपर तक आ गया था। जल स्तर बढ़ने से कोई नदी में उतरा नही और फिर ” पत्थर बाजी” भी थमी रही।
ध्वज तोड़ने के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों ने पांढुर्ना और सावरगांव के लोगो से बात की और मेले के समापन के लिए उनके बीच सहमति बनाए की कोशिश की किन्तु दोनो के बीच ” मुद्दा” ध्वज तोड़ने का ही बना रहा और वर्तमान में भी हालात ” वेट एंड वाच” वाले बने हुए हैं।
मेले में भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर तैनात हैं। शाम तक कलेक्टर मनोज पुष्प, एस पी विनायक वर्मा भी यहां मौजूद रहे। एस डी एम आर आर पांडेय अब मेले के मोर्चे पर है। बताया गया कि “ध्वज” तोड़े बिना मेला का समापन नही होगा। जाम नदी का जल स्तर बढ़ने और पानी की तेज गति के चलते “मोटर वोट” से भी “ध्वज” तक जाने के हालात नही है। इसके बावजूद अभी नदी के दोनो किनारे पांढुर्ना और सावरगांव में सैकड़ो लोग मौजूद हैं।