छिन्दवाडा के एफ डी डी आई में स्कॉलरशिप स्कैम, जांच के लिए आए अफसर, “एम बी ए” डिग्री के नाम किया फर्जीवाड़ा
केंद्र प्रभारी और प्रबंधक के खिलाफ कोतवाली पुलिस दर्ज कर चुकी है धोखाधड़ी का मामला
♦छिन्दवाडा मध्यप्रदेश –
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के निजी प्रयासों से करोड़ो की बिल्डिंग बनाकर छिन्दवाडा के इमलीखेड़ा चौक के समीप में शुरू किए गए “एफ डी डी आई” में फर्जी एडविसन के साथ ही स्कालरशिप घोटाला हो गया है। यहां संस्थान के केंद्र प्रभारी प्रदीप मंडल और प्रशिक्षक विनीत वर्मा ने मिलकर “एम बी ए ” डिग्री पाठ्यक्रम में 9 स्टूडेंट के फर्जी एडविसन आन लाइन शो किए और उनके नाम से स्कॉलर शिप निकालकर करीब 20 लाख के घोटाले को अंजाम दिया है।इस मामले में कोतवाली पुलिस जांच के बाद धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर चुकी है लेकिन दोनों को अब तक गिरफ्तार नही किया गया था। अब इस घोटाले की जांच के लिए एफ डी डी आई मुख्यालय के अफसर मंगलवार को छिंदवाड़ा पहुंचे हैं।
अफसरों के आने से लग रहा है कि मामला छोटा – मोटा नही बल्कि करोड़ो के घोटाले का है।अफसर संस्थान का पूरा रिकार्ड ही चेक कर रहे है। एफ डी डी आई में संचालित कोर्स में एडविसन से लेकर डिग्री और स्कालरशिप को लेकर बड़े विवाद रहे हैं। इस घोटाले के सामने आने के बाद माना जा रहा है कि यहां एडविसन और स्कालरशिप का बड़ा स्कैम है। “एफ डी डी आई” केंद्र सरकार के उद्योग मंत्रालय के अधीन है। देश में केवल तीन स्थानों दिल्ली, गाजियाबाद और छिन्दवाडा में ही ये संस्थान है।
छिन्दवाडा एफ डी डी आई में जो घोटाला सामने आया है वह “एम बी ए ” पाठ्यक्रम का बताया गया है। इसके अलावा यहां फुट वेयर डिज़ाइनिंग के डिप्लोमा और डिग्री कोर्स भी संचालित है। जिनकी फीस और स्कालरशिप काफी मोटी है। स्कालरशिप का यह घोटाला जिला प्रशासन के पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने पकड़ा था। जब यहां ” एम बी ए” डिग्री के 9 स्टूडेंट का फर्जी एडविसन आन लाइन शो कर स्टूडेंट की 75 प्रतिशत संस्थान में उपस्थिति दर्शाकर करीब 20 लाख रुपए स्कालरशिप निकाली गई जबकि वास्तविकता में स्टूडेंट संस्थान में थे ही नही बल्कि वे तो छिन्दवाडा के बाहर अन्य जिलों में जॉब पर थे। संस्थान के स्टूडेंट को राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार की भी स्कालरशिप दी जाती है। जिसमे फर्जीवाड़ा कर करोड़ो के घोटाले की आशंका बताई जा रही है।
कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के आदेश पर यह जांच की गई थी और कलेक्ट्रेट बुलाकर स्टूडेंट के बयान लेने पर यह चौकाने वाला खुलासा हुआ था कि स्टूडेंट तो छिन्दवाडा के बाहर अन्य जिलों में जॉब पर है और ” एफ डी डी आई ” में उन्हें नियमित स्टूडेंट बताकर प्रथम सत्र की प्रत्येक स्टूडेंट करीब 2 लाख 38 हजार रुपये की छात्रवृत्ति का फर्जी भुगतान दिखाया गया है।
जिला प्रशासन ने ही करीब एक माह पहले इस घोटाले में लिप्त पाए गए संस्था के केंद्र प्रभारी प्रदीप मंडल और प्रशिक्षक विनीत वर्मा के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराई गई थी। इस पर कोतवाली पुलिस ने दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया था। पुलिस ने अपराध दर्ज करने के बाद दोनों को अरेस्ट कर न्यायालय में पेश नही किया था। अफसरों की जांच के बाद दोनों पर विभागीय कार्रवाई भी होगी।
इन स्टूडेंट के नाम पर किया स्कालरशिप स्कैम ..
छिन्दवाडा एफ डी डी आई में जो 20 लाख से ज्यादा का स्कालरशिप स्कैम सामने आया है। केंद्र प्रभारी प्रदीप मंडल और प्रशिक्षक विनीत वर्मा ने मिलकर “एम बी ए ” डिग्री पाठ्यक्रम में फर्जी एडविसन शो कर इन स्टूडेंट के नाम पर स्कालरशिप निकाली है।
1. भानु प्रताप बैस, वार्ड नं. 05 तहसील
मोहखेड पोस्ट बीसापुरकला छिन्दवाड़ा , भुगतान राशि 2.38,920-/
2. विनय गड़ेवाल, पुराना छापाखाना कोठीपुरा छिन्दवाड़ा , भुगतान राशि 2.38.920-/
3. कमलेश फरकसे, 189 इंदिरा गांधी वार्ड नं. 05 मोहगांव छिन्दवाड़ा , भुगतान राशि 2.38,920-/
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7. नयन ठाकुर, वार्ड न. 07 अमरवाड़ा जिला छिन्दवाड़ा, भुगतान राशि 2.38,920-/
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.कुल 19 लाख 11 हजार,360/-