Chhindwada Politics- नगर निगम छिन्दवाडा में नई मेयर इन कौंसिल, महापौर ने बनाए दस विभागों के दस नए सभापति
सांसद विवेक साहू और पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के करीबी बने सभापति

♦छिन्दवाडा मध्यप्रदेश –
नगर निगम छिन्दवाडा में कांगेस के तख्ता पलट के बाद अब महापौर विक्रम अहके ने मंगलवार को मेयर इन कौंसिल भंग कर नई मेयर इन कौंसिल बनाई है। कौंसिल में चयनित दस पार्षदों को नगर निगम के दस विभागों का सभापति बनाया गया है। महापौर ने अपनी कौंसिल में बेलेंस बनाया है। भाजपा के पांच और कांग्रेस से भाजपा में आए पूर्व सभापतियों को फिर से सभापति बनाया है। कौंसिल में सांसद विवेक साहू और पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के करीबियों को सभापति पद दिया गया है। सभापति पद को लेकर फिफ्टी – फिफ्टी का फार्मूला अपनाया गया है लेकिन भाजपा ने यहां निगम अध्यक्ष को बदलने का मौका गंवा दिया हैं। नई मेयर इन कौंसिल में पांच चेहरे पुराने ही है।
इतना ही नही अब तक महापौर ने स्वास्थ्य विभाग अब तक अपने पास रखा था। अब यह विभाग भाजपा की पार्षद प्रवीणा अल्डक को दिया गया है। भाजपा के जिन पांच पार्षदों को सभापति बनने का मौका मिला है। उनमें प्रवीणा जगेंद्र अल्डक ,राहुल उइके, संजीव यादव ,बलराम साहू,शिल्पा पहाड़े के नाम शामिल हैं। कांग्रेस से पूर्व सभापति रही नमिता मनोज सक्सेना, चंद्रभान देवरे,प्रमोद शर्मा, सुनीता पाटिल, अरुणा मनोज कुशवाह पुनः सभापति बनाए गए हैं।
इनमे बलराम साहू को राजस्व, राहुल उइके को योजना, संजीव यादव को सामान्य प्रशासन, शिल्पा पहाड़े को शहरी उपशमन, नमिता मनोज सक्सेना को यथावत लोक निर्माण, चंद्रभान देवरे को वित्त एवं लेखा, प्रमोद शर्मा को जल कार्य से हटाकर विद्युत, सुनीता पाटिल को यातायात और अरुणा मनोज कुशवाह को जल कार्य विभाग का सभापति बनाया गया है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान महापौर विक्रम अहके सहित कांग्रेस के 14 पार्षदों ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया था। लंबे इतंजार के बाद निगम की यह एम आई सी बदल पाई है। इनमे वे चेहरे नही है जो निगम में कभी दम्भ भरते नजर आते थे। नई पी आई सी में भाजपा के नए चेहरे है वही पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के समर्थक यथावत बने हुए हैं अर्थात वे पहले भी सभापति थे और अब भी सभापति है।
अध्यक्ष पद का गंवा दिया मौका ..
नगर निगम अध्यक्ष पद पर भाजपा के पार्षद की ताजपोशी का मौका भाजपा ने खुद गंवा दिया है। तख्ता पलट के बाद भाजपा के पास 34 पार्षद है। लेकिन भाजपा पार्षदों की गुटबाजी के कारण भाजपा की यहां नगर निगम के अध्यक्ष का चुनाव कराने की हिम्मत ही नही हो पाई। 8 अगस्त को निगम अध्यक्ष सोनू मांगो का दो वर्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका था । 8 अगस्त से 18 अगस्त तक यदि अविश्वास प्रस्ताव रख दिया जाता तो नया अध्यक्ष बन सकता था किंतु 18 अगस्त को केबिनेट का निर्णय आ गया कि अब निकायों में तीन साल के कार्यकाल तक कोई अविश्वास प्रस्ताव नही रखा जा सकता है। ऐसे में अब अल्पमत बाद कांग्रेस के सोनू मांगो अध्यक्ष बने रहेंगे।