जल जीवन मिशन : छिन्दवाड़ा की 711 करोड़ की योजना में आगे पाठ पीछे सपाट का आलम
जिला पंचायत की बैठक में अधिकारियों पर भड़के अध्यक्ष - उपाध्यक्ष सहित सदस्य

♦मुकुन्द सोनी छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
छिन्दवाड़ा जिले के गांव- गांव में हर घर तक नल और नल में जल पहुचाने के अभियान में केंद्र सरकार के 711 करोड़ के मेगा बजट के बाद भी छिन्दवाड़ा फ़िसड्डी बना हुआ है लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी योजना में अपेक्षित कार्य नही कर पा रहे है जिसका परिणाम है कि दो साल बाद भी हर घर तक नल और जल का मामला हल होते नही दिख रहा है परेशान ग्रामीण गांवो से सामूहिक रूप से जिला मुख्यालय आकर कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करने को मजबूर है
इस मेगा प्रोजेक्ट में विभाग को 727 ग्राम पंचायतो के साथ ही जिले के गांवो में करीब दो हजार स्कूलों और आंगनवाड़ी तक भी नल – जल पहुंचाने का लक्ष्य दिया गया है बजट मिलने के बाद से हर माह योजना की समीक्षा हो रही है किंतु विभाग का प्रगति प्रतिवेदन है कि टेंडर पर ही अटका नजर आ रहा है अब भी इस मिशन में स्थिति यह है कि 727 ग्राम पंचायतों की योजना में 404 टेंडर हुए है जिन पर कार्य चल रहा है और 323 टेंडर अब भी विभाग के पास प्रक्रिया में है बात स्कूलों में नल कनेक्शन की हो तो 2029 स्कूलों में से केवल 1017 स्कूलों तक पानी पहुंचाने का विभाग कार्य आदेश जारी कर पाया है अभी कार्य हुआ नही है यही हाल आंगनबाड़ियों का भी है कि 1178 आंगनबाड़ी में केवल 668 आंगनबाड़ी तक नल कनेक्शन करने के आदेश मात्र हो पाए है जिला प्रशासन स्तर पर कलेक्टर मिशन में प्रगति लाने की बात कहते – कहते थक चुके है बात यहाँ तक भी पहुंच चुकी है कि कलेक्टर विभाग के प्रमुख सचिव तक को पत्र लिख चुकी है सरकार जल जीवन मिशन की उपलब्धि बताते नही थक रही है किंतु छिन्दवाड़ा में आगे पाठ पीछे सपाट के मामले में सरकार का कोई एक्शन दिख नही रहा है ऐसे में अधिकारी और इतने बेफिक्र हो चले है कि स्वयं अपनी रिपोर्ट में गर्मी के इन दिनों में जिले के दो सौ से ज्यादा गांवो में संकट बताकर जल संकट निवारण मद से पेयजल परिवहन के लिए भी बजट मांग रहे है
बुधवार को जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक में में खास जल जीवन मिशन की समीक्षा की गई जिला पंचायत के अध्यक्ष संजय पुन्हार और उपाध्यक्ष अमित सक्सेना ने विभाग के अधिकारी से क्रियान्वयन की प्रगति पूछी तब सभापतियों और सदस्यो ने अपने – अपने क्षेत्रों के गांवो में मिशन के कार्य नजर ना आने पर बैठक में मौजूद विभाग के कार्य पालन यंत्री मनोज बघेल के समक्ष सवाल पर सवाल दागे लेकिन अधिकारी जवाब नही दे पाए केवल टेंडर लग रहा है जल्द कार्य शुरू होगा की बात दोहराते रहे
जनपद छिन्दवाड़ा ,मोहखेड़ ,बिछुआ ,सौसर , पांढुर्ना ,परासिया , तामिया ,जुन्नारदेव, अमरवाड़ा , हर्रई चौरई के गांवो में मिशन की योजना में चल रहे कार्यो में घपले घोटाले और घटिया कार्य कराने के आरोप विभाग पर लगे है खास बात तो यह थी कि जनपद चौरई की अध्यक्ष सरोज रघुवंशी तो बैठक में वह पाइप लेकर आई थी जो योजना में ठेकेदार गांव में पाइप लाइन के नाम पर बिछा रहा है पाइप की क्वालिटी का कोई मानक ही नही था जबकि एक -एक ग्राम पंचायत के लिए जल जीवन मिशन में करीब एक करोड़ का औसत बजट सरकार ने हर घर तक नल और जल पहुंचाने के लिए दिया है इस बजट में पेयजल स्त्रोत ,पानी टँकी बनाकर पाइप लाइन बिछाकर हर घर तक नल कनेक्शन पहुचाने का लक्ष्य है योजना में बजट मिले दो साल हो गए है लेकिन अब तक एक भी जनपद में लक्ष्य के अनुपात में कार्य पूरा नही हो पाया है
बैठक में जिला पंचायत के अध्यक्ष संजय पुन्हार ने कहा कि वे जिला पंचायत सदस्यों की एक जांच कमेटी बना रहे है जो जनपद के अध्यक्ष के साथ हर ग्राम पंचायत में नल – जल योजना की जांच करेगी योजना में लगने वाली सामग्री की गुणवत्ता भी परखी जाएगी
बैठक में बुधवार के दिन फटकार डे बन गया था जब पिछली बैठक के पालन प्रतिवेदन का मामला आया तो भी अधिकारी जवाब देने की स्थिति में नही थे प्रधानमंत्री सड़क का मामला हो या फिर पी एम आवास का टांसफार्मर बदलने का मामला हो या फिर गांवो में शिक्षकों और डॉक्टर की कमी का स्कूलों में ड्रेस वितरण हो या फिर साइकिल वितरण या फिर पंचायतो में वित्त आयोग के बजट के कार्य किसी भी मुद्दे का माकूल जवाब नही मिला यहां तक कि जिला पंचायत के सी ई ओ भी बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष -उपाध्यक्ष और सदस्यो उठाए मुद्दों पर चुप्पी साधे रहे
बैठक में जल जीवन मिशन के अलावा खनिज ,इरिगेशन, कृषि विभाग के साथ खाद बीज वितरण, आपूर्ति विभाग के साथ गेंहू खरीदी ,प्रदूषण बोर्ड के साथ इंड्रस्ट्रीयल एन ओ सी के कार्यो की समीक्षा के साथ ही जिला पंचायत के वार्षिक बजट पर भी चर्चा की गई बैठक में जिला पंचायत के सदस्य सहित सांसद ,विधायक प्रतिनिधि और विभाग प्रमुख अधिकारी ओर सी ई ओ पाथ जायसवाल मौजूद थे