जिला पंचायत : छिंदवाड़ा में अफसरों और नेताओ में बढ़ रहा टकराव,सामान्य सभा की बैठक में मचा हंगामा
अध्यक्ष ; उपाध्यक्ष सहित सदस्यों ने अफसरों की कार्यप्रणाली पर जताई नाराजी
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
जिला पंचायत में नेताओ औरअधिकारियों के बीच टकराव के हालात हैं। अफसर सुन नही रहे हैं। ग्रामीण विकास पर ग्रहण बढ़ता जा रहा है।जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक से अफसर कतराते नजर आते हैं। यहां कोई जवाब नही दे पाते लेकिन अपने दफ्तरों में ठाट बताते हैं। जिले में पंचायत राज की स्थिति आगे पाठ पीछे सपाट वाली है।भृष्टचार थमने का नाम नही ले रहा है। कागजो में प्रगति और करोड़ो का व्यय बताया जा रहा है।
जिला पंचायत के अध्यक्ष संजय पुन्हार ने बुधवार को सामान्य सभा की बैठक तलब की तो पता चला कि तीन – तीन माह का समय बीता जा रहा है। 15 वे वित्त आयोग और मनरेगा के कार्य करोड़ो के बजट के बाद भी लंबित पड़े हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रधानमंत्री सड़क, जल जीवन मिशन, महिला बाल विकास, सहकारिता, सार्वजनिक वितरण प्रणाली ,लोक निर्माण, जल संसधान , ग्रामीण यांत्रिकी, प्रधानमंत्री आवास, वन सरंक्षण सहित अन्य विभागों के कार्य अधर में लटके पड़े हैं। कोई भी कार्य पूरे होने की स्थिति में नही है।पंचायत प्रतिनिधयों के दिए गए प्रस्तावों पर कोई करवाई का नामोनिशान नही है। हितग्राही मूलक योजनाओ का प्रगति भी थमी हुई है।
पंचायत प्रतिनिधियों का कहना था कि जिला पंचायत सी ई ओ की कोई रुचि निर्माण कार्यो को लेकर नही है। सी ई ओ के दफ्तर में भुगतान से लेकर स्वीकृति की फाइलों का अंबार लग रहा है। हालात ये हो गए हैं कि जिले के गांवों में विकास कार्य ठप्प है। जिला पंचायत क्या जनपदों के हाल भी यही है। मनरेगा जैसी योजना के काम बंद पड़े हैं। गांवों से मजदूरों का पलायन हो रहा है।
बैठक में क्या अध्यक्ष क्या उपाध्यक्ष सभापति से लेकर सदस्य तक आक्रोशित नजर आए। सभी ने एक सुर से अफसरों की जमकर खिंचाई की है। हर मुद्दे पर जवाब मांगा लेकिन अफसर यहां जवाब देने की स्थिति में नही थे। बैठक में जिला पंचायत के सी ई ओ और विभागों के अफसर जवाब देने से कन्नी काटते नजर आए । बसिथक में हर मामले में टालमटोल वाला रवैय्या ही सामने आया है। हालात बता रहे हैं कि छिन्दवाड़ा में पंचायत राज कागजो में चल रहा है। बस चल रही है तो केवल अफसरों की मनमानी। जिला पंचायत सी ई ओ बैठक में ना आने वाले अफसरों से सवाल – जवाब तक नही करते हैं। जवाबदेही तय करना तो दूर की बात है।
सी ई ओ जिला पंचायत के पदेन सेकेट्री है जब सेकेट्री ही ढीला होगा तो पूरा सिस्टम अपने आप ही ढीला हो जाता है। इस बात का खामियाजा ही पंचायत के चुने हुए प्रतिनिधियों को भोगना पड़ रहा है। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार, उपाध्यक्ष अमित सक्सेना, सभापति चंपा लाल कुरचे, नवीन मरकाम, अरुण परते सहित अन्य सदस्यों ने अफसरों की जमकर घेरे बंदी की है। सी ई ओ से सीधे सवाल पूछे है कि कब तक ये हालात बने रहेंगे। सुधरेंगे या नही।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार और उपाध्यक्ष अमित सक्सेना ने अफसरों को अपनी कार्यप्रणाली सुधारने कहा है। ताकि ग्रामीण विकास प्रभावित ना हो ।अध्यक्ष संजय पुन्हार ने कहा कि यदि कार्यप्रणाली नही सुधरी तो फिर अगली बैठक में अफसरों के खिलाफ ही प्रस्ताव पारित कर शासन को भेजा जाएगा। वे स्वयं भोपाल जाकर मुख्यमंत्री, पंचायत मंत्री और प्रभारी मंत्री के समक्ष छिन्दवाड़ा के अफसरों की नकारा कार्यप्रणाली और ग्रामीण विकास पर अपनी बात रखेंगे। बैठक में मुख्य रूप से 15 वे वित्त आयोग, मनरेगा,लोक निर्माण,प्रधानमंत्री सड़क,स्वास्थ्य,,जल संसाधन ,ग्रामीण यांत्रिकी, विद्युत सहकारिता के साथ ही अन्य विभागों के कार्यो की समीक्षा की गई। बैठक में अगली बैठक में एक बार फिर हर विभाग का रिव्यूह करने का भी निर्णय लिया गया है