संसद में छिन्दवाडा का सबसे बड़ा मुद्दा, छिन्दवाडा सांसद विवेक साहू ने संसद में मांगी छिन्दवाडा – सागर नई रेलवे लाइन
छिन्दवाडा दक्षिण से उत्तर बदल सकता है रेलवे का नक्शा

रेलवे संशोधन बिल पर बोलते हुए संसद में सांसद विवेक साहू ने रखी मांग
मुकुंद सोनी ♦छिन्दवाडा मध्यप्रदेश –
रेल मंत्रालय °छिन्दवाडा – सागर रेलवे लाइन° को बजट मंजूरी देता है तो यह “छिन्दवाडा”की ही नही “भाजपा” के साथ पहली बार सांसद बने “विवेक साहू” की भी सबसे बड़ी “जन उपलब्धि” साबित होगी। रेल लाइन का यह मुद्दा वर्षो से है। पिछले 75 सालो में छिन्दवाडा को इतनी बड़ी उपलब्धि कभी हासिल नही हुई है। अब लग रहा है कि रेल मंत्रालय छिन्दवाडा की इस मांग पर गंभीर होगा। सांसद विवेक साहू ने यह मुद्दा ना केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव बल्कि संसद के माध्यम से पूरे देश की नजर में ला दिया है। उन्होंने देश की संसद में बेबाकी से छिन्दवाडा के विकास के इस सबसे बड़े मुद्दे को उठाकर छिन्दवाडा संसदीय क्षेत्र की जनता के मन की बात कही है। जिसके लिए छिन्दवाडा पिछले कई सालों से उम्मीद लगाए बैठा है।
बात की जाए छिन्दवाडा में रेल सुविधा की तो मेट्रो के जमाने मे छिन्दवाड़ा को पैसेंजर्स भी नसीब नही हो पा रही है। यहां छिन्दवाडा के सिंगल लाइन रेलवे स्टेशन से तीन रूट पर केवल चार ट्रेन दौड़ती है। छिन्दवाडा के बाद दूसरा बड़ा स्टेशन पांढुर्ना है। जो नागपुर और इटारसी जंक्शन कनेक्ट है। छिन्दवाडा में रेलवे सुविधा विस्तार से विकास की नई क्रांति लाई जा सकती है।
अभी नागपुर – इटारसी जंक्शन पर रेलवे ट्रैफिक का बड़ा बोझ है। यहां रेलवे लाइन को टू लेन से फोर लेन और अब सिक्स लेन किया जा रहा है लेकिन छिन्दवाडा – सागर रेल लाइन को यदि टू लाइन ही बना दिया गया तो रेलवे के लिए भी यह नई और बड़ी उपलब्धि हो सकती है।दक्षिण से उत्तर तक सेवा में छिन्दवाडा – सागर रेल लाइन नया रूट नई क्रांति नई उम्मीदे नए व्यवसाय ला सकती है। रेलवे इसे बनाकर नागपुर – इटारसी का ट्रैफिक छिन्दवाडा – सागर के जरिए डाइवर्ट कर नागपुर – इटारसी ट्रेक पर बढ़ता रेलवे ट्रैफिक का दबाव भी कम कर सकता है।
सांसद विवेक साहू ने संसद में रेलवे संशोधन बिल पर बोलते हुए यह बात रखी है। यह रेलवे के लिए बड़ा प्लस पॉइंट हो सकती है कि छिन्दवाडा – सागर रेल लाइन बनने से उत्तर से दक्षिण के बीच 120 किलोमीटर के सफर की दूरी कम होगी। हर यात्री का तीन घंटे का समय भी बचेगा और रेलवे को करोड़ो का फायदा भी होगा। बड़ी बात है कि छिन्दवाडा – सागर रेल लाइन बनने से छिन्दवाडा इटारसी के बाद मध्यप्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा रेलवे जंक्शन बन सकेगा। इस ट्रैक के बनने से रेलवे ट्रैफिक का एक नया रास्ता बनेगा जो छिन्दवाडा को रेल सुविधा के मामले में देश के हर हिस्से से जोड़ेगा।
बड़ी बात है कि किसी भी शहर से जब चौतरफा रेल लगातार दौड़ती है तब वह कहलाता है रेलवे का बड़ा जंक्शन और छिन्दवाड़ा तब तक बड़ा जंक्शन नही बन सकता है जब तक कि केंद सरकार छिन्दवाड़ा-सागर नई रेलवे परियोजना को मंजूरी नही दे देती हैं। मोदी सरकार देश के समग्र विकास की सरकार है तो फिर मध्यप्रदेश का छिन्दवाडा इससे वंचित रहे ऐसा हो नही सकता है।
भाजपा का सांसद चुनने के बाद छिन्दवाडा की जनता की टकटकी भी मोदी सरकार पर टिकी हुई है कि सरकार छिन्दवाडा को कौन – कौन से बड़े प्रोजेक्ट देती है। जो छिन्दवाडा की तकदीर और तसवीर बदलकर रख दे। अर्थात ऐसा क्या है जो पिछले 75 सालो से नही हुआ है जो अब किया जा सकता है।
छिन्दवाडा – सागर परियोजना वर्ष 2017 में सर्वे के बाद से रेल मंत्रालय की पिंक बुक में दर्ज है। बजट मंजूरी के लिए अटकी पड़ी है। वर्ष 1902 में अंग्रेजो के जमाने मे छिन्दवाड़ा में छिन्दवाड़ा-नागपुर नेरोगेज सेवा से रेल आई थी। 1902 से रेल का सफर देखे तो 122 साल बीतने के बाद भी हालात ज्यादा बदले नही है। बस नेरोगेज ट्रेक ब्राड गेज में बदला है। रेल देश की धड़कन है लेकिन छिन्दवाड़ा में इतने धीरे धड़क रही है कि जिंदा होने का अहसास भी जाने को हैं। रेल जनमानस को सस्ती दर पर यात्रा और माल परिवहन के साथ हर उस जिले की किस्मत की चाबी है जो विकास की नई इबारत लिखने को बेताब हैं।
देश के सैकड़ों शहरों की किस्मत रेल ने चमक दी है। छिन्दवाड़ा की किस्मत कब चमकेगी। यह सवाल अब भी बना हुआ है। जिसके हल के लिए सासंद विवेक साहू जी – जान से लगे हुए हैं।
छिन्दवाडा ही नही पूरे बुंदेलखंड का होगा विकास..
यदि छिन्दवाड़ा-सागर रेल लाइन बनती है तो केवल छिन्दवाडा ही नही पूरे बुंदेलखंड का विकास होगा। छिन्दवाड़ा – नरसिंहपुर के साउथ रेल मार्ग से जुडऩे से परियोजना की लागत मात्र 5 साल में ही वसूल हो जाएगी। रेल लाईन बनने से इस क्षेत्र के विकास का नया रास्ता खुलेगा जो क्षेत्र के दर्जनभर जिले को नई गति देगा। सागर – देवरी-करेली-छिंदवाड़ा रेल लाईन बनने से नरसिंहपुर से 12 घंटे की दूरी वाला नागपुर मात्र 3 घंटे की दूरी पर रह जाएगा और दक्षिण जाने वाले राजधानी दिल्ली की दूरी भी कम हो जाएगी।
बुंदेलखंड रेलवे के मामले में पिछड़ा है। देश की 5 प्रतिशत आबादी बुंदेलखंड में निवास करती है। जहां रेल का पहिया घूमता है वहां विकास का पहिया भी घूमता है। जिससे अकेले छिन्दवाड़ा- नरसिंहपुर नही पूरे बुंदेलखंड के विकास को नया रास्ता मिलेगा देश की आजादी के 75 वर्ष बाद भी बुंदेलखंड का यह क्षेत्र रेलवे सुविधा से वंचित है।
4 हजार 805 करोड़ का बजट प्रस्तावित.
छिंदवाड़ा – सागर रेलवे लाईन के सर्वे के बाद परियोजना को शुरू करने 4 हजार 805 करोड़ का बजट प्रस्तावित है। सागर से छिंदवाड़ा के बीच 279.37 किलोमीटर ब्राडगेज रेलवे लाईन बनना है। इस लाईन के बीच में 28 रेलवे स्टेशन है ।जिसमें से 4 स्टेशन पहले से ही बने हुए है। और 24 नए स्टेशन बनाए जाने है।
बदलेगी हर्रई-अमरवाड़ा की किस्मत..
छिन्दवाड़ा के दो आदिवासी विकासखंड अमरवाड़ा और हर्रई में रेल है ही नही। दोनों विकासखंड रेल सुविधा से वंचित है। छिंदवाड़ा -सागर रेल लाईन बनने से दोनो विकासखंड रेल सुविधा से जुड़ेंगे। बड़ी बात यह है कि दोनो ब्लाको में आदिवासी जनसंख्या सबसे ज्यादा है। रेल लाईन बनने से दोनो ब्लाको का कायाकल्प होगा ।जो अब भी विकास को तरस रहे हैं ।दोनो ब्लाकों में कृषि के अलावा अर्थव्यवस्था का कोई दूसरा विकल्प आज तक विकसित नही हो पाया है। रेल अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र की भी किस्मत बदलकर रख देगी।