बिना अहाते शराब दुकानों से रेवेन्यू बढ़ाना हो गया मुश्किल .? छिन्दवाड़ा में 40 समूह की 117 दुकानें
कॉम्पटीशन में केवल बेस्ट सेलर 40 दुकानों की ही लगी ऊंची बोली ,77 दुकानों में रेट अपसेट प्राईज से भी कम
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आबकारी का रेवेन्यू का कांटा 320 करोड़ पर अटका
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349 करोड़ का है नए वित्तीय वर्ष का लक्ष्य
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अहाते बन्द करने के आदेश से लगा झटका
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महकमे ने बिलो रेट पर भी मांगी ठेका देने की परमिशन
मुकुन्द सोनी छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
छिन्दवाड़ा जिले की 88 शराब दुकानों के अहातों में शनिवार 1 अप्रैल से सरकारी ताला बंदी हो जाएगी अर्थात शराब दुकानों से शराब ठेकेदार केवल शराब बेच पाएंगे शराब दुकानों में शराब पीने -पिलाने के लिए कोई जगह नही होगी पीने के शौकीन भी केवल शराब खरीद पाएंगे पीना कहा है यह अब पीने वाले को डिसाइड करना पड़ेगा अहातों की व्यवस्था शनिवार से पूरी तरह समाप्त हो जाएगी यदि शराब दुकान के पास अवैध रूप से व्यवस्था संचालित की गई तो ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई होगी इतना ही नही शराब दुकान के पास पीने वालों का जमघट भी अवैध माना जाएगा अहातों में ताला बन्दी को लेकर आबकारी और पुलिस की टीम संयुक्त कार्रवाई करेगी इसको लेकर उड़न दस्ता बना लिया गया हैं जो शराब दुकानों पर नजर रखेगा
अहाता बन्दी से आबकारी महकमे को राजस्व की भारी क्षति भी होने जा रही है इस आदेश का सीधा असर जिले के आबकारी रेवेन्यू पर पड़ चुका है शराब ठेकेदार नए वित्तीय वर्ष के लिए 10 प्रतिशत रेवेन्यू बढ़ाकर ठेका लेने सहमत नही हो पाए हैं हालाकि अब शराब दुकानों की टेंडर प्रक्रिया ऑनलाइन है जिसे लेना है वह सीधे टेंडर भर सकता है शराब दुकानों के ठेके की व्यवस्था अब चिल्हर में है मतलब आपको जो दुकान ठेके पर लेना है उसका टेंडर लगा सकते हैं निर्धारित प्राइज से ज्यादा रेट दिया तो आपको ठेका मिलना तय है किंतु ठेके में लिकर लॉबी ने अपने ग्रुप बना रखे हैं और ग्रुप में ही सही पर टेंडर ग्रुप रणनीति में अलग -अलग भरे जाते हैं इस बार के हालात बता रहे है कि महकमे पर जिले की लिकर लॉबी भारी पड़ गई है
इस बार आबकारी का लक्ष्य पिछले वर्ष से 10 प्रतिशत अधिक रेवेन्यू का है पिछले वर्ष का शराब ठेका 317 करोड़ का था जो इस बार बढ़कर 348 करोड़ का हो जाना चाहिए था किंतु अब तक कि स्थिति में विभाग केवल 320 करोड़ के रेवेन्यू पर ही अटक गया है विभाग को सीधे 28 करोड़ का घाटा हो रहा है
विभाग अब तक जिले के 40 समूह की 117 अंग्रेजी और देशी शराब दुकानों के लिए चार बार टेंडर खोल चुका है टेंडर सभी दुकानों के लिए आए लेकिन 10 प्रतिशत बढ़कर हर दुकान लेने लिकर लॉबी तैयार नही है हालांकि जो बेस्ट सेलर एरिया है वहा की दुकानों के लिए ठेकदारों के बीच खासी टसल रही है करीब 40 दुकानें ही ऐसी है जो 10 क्या 20 प्रतिशत तक बढ़कर ठेके पर उठ गई है किंतु करीब 77 दुकानों के टेंडर बिलो रेट पर ही हैं ऐसे में महकमे के अधिकारियों ने एवरेज में रेवेन्यू को काऊंट कर मात्र 3 करोड़ की बढ़ोत्तरी बताई है और बिलो रेट पर ही ठेका देने की अनुमति शासन से मांगी है
अधिकारियों ने अहाता बन्दी को कारण बताया है यह स्थिति केवल छिन्दवाड़ा जिले की ही नही प्रदेश के अन्य जिलों की भी है शासन अहाता बन्दी का नुकसान उठाने तैयार हो जाता है तो संभवतः अनुमति मिल भी सकती है अन्यथा फिर से बिलो रेट शराब दुकानों के लिए टेंडर लगाने होंगे या फिर विभाग को ही दुकानों का संचालन करना होगा बहरहाल पुराना ठेका शनिवार से समाप्त और नया ठेका बिना आहतों के शुरू हो रहा है अफसर ठेके का खांका भेजकर अब मंजूरी की राह तकते नजर आ रहे हैं वही शराब ठेकेदार रेट बढ़ाकर अहाता का खर्चा भी बिना अहाता के निकालने की तैयारी में लग रहे हैं