MP Politics- मध्यप्रदेश में कांग्रेस की करारी हार, कमलनाथ से नाराज कांग्रेस आलाकमान, मांगा प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा
पी सी सी चीफ ने आज भोपाल में बुलाई पार्टी के हारे और जीते उम्मीदवारों की बैठक, समीक्षा के बाद जाएंगे दिल्ली
-Metro City Media News-
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के चलते कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से खासा नाराज बताया गया हैं। खबर है कि आलाकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा मांग लिया है। मध्यप्रदेश की 230 सीट में से कांग्रेस को मात्र 66 सीट मिली है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में स्वयं को मुख्यमंत्री प्रोजेक्ट करते हुए चुनाव लड़ा था और मध्यप्रदेश में भारी बहुमत से कांग्रेस की सरकार बनने का भरोसा दिया था।
सूत्रों की माने तो टिकट वितरण में आलाकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को फ्री हैंड भी दे रखा था। प्रदेश में टिकट वितरण के बाद ही पार्टी कार्यकर्ताओं में जमकर असंतोष उभर आया था। इसके बाद डेमेज कंट्रोल में तीन सीट के उम्मीदवार बदले भी गए थे। किन्तु मध्यप्रदेश में हार के बाद अब पार्टी में फिर जमकर असंतोष है।
इधर कमलनाथ ने शनिवार को भोपाल में पार्टी के हारे और जीते उम्मीदवारों की बैठक बुलाई है।। बैठक में हार के कारणों पर मंथन होना है। बैठक के बाद कमलनाथ दिल्ली जाकर कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करने वाले है किंतु इससे पहले ही उनसे इस्तीफा मांग लिया गया है।
करारी शिकस्त की उम्मीद तो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को भी ना थी। कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में जनता को लुभाने तमाम वादे भी किए थे। इसको लेकर लंबा- चौड़ा वचन पत्र भी जारी किया गया था। पिछले चुनाव में कांग्रेस को 114 सीट मिली थी और कमलनाथ को मुख्यमंत्री भी बनाया गया था किंतु इस बार कांग्रेस मात्र 66 सीट में ही सिमट गई है।
इस चुनाव में कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को चुनाव में हार का मुंह देखना पड़ा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी माने जाने वाले दर्जन भर पूर्व मंन्त्री तक चुनाव हार गए हैं। चुनाव में मिली हार के बाद अब पार्टी में अंदरूनी कलह तेजी से बढ़ रही है।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ मंगलवार को भोपाल बैठक लेंगे। जिसमे हार के कारणों की समीक्षा होगी। इसके बाद वे राहुल गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को रिपोर्ट देने दिल्ली जाएंगे।
दरअसल मध्यप्रदेश में कांग्रेस की इतनी बड़ी हार के बाद पार्टी में जमकर हल्ला मचा हुआ है। शिकवा- शिकायते दिल्ली तक पहुंची है। आज भोपाल में होने वाली बैठक में काफी कुछ कहा- सुना जा सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ही मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का प्रचार के केंद्र रहे हैं। राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने गृह क्षेत्र छिन्दवाड़ा की सात सीट बचाने में भले ही कामयाब रहे मगर पार्टी को मध्यप्रदेश के हर अंचल में नुकसान हुआ है।कांग्रेस को किसी भी अंचल में बढ़त नही मिली है उल्टे पिछले चुनाव से भी कम सीट मिली हैं।
कांग्रेस को निमाड़, भोपाल, बुंदेलखंड, बघेलखंड, चंबल, महाकौशल, और मालवा में पहले से ज्यादा नुकसान हुआ है। कांग्रेस ने प्रदेश के किसी भी अंचल में लीड नही किया है। महाकौशल क्षेत्र में भी इस बार भाजपा ने बढ़त बना ली है। यहां छिंदवाड़ा जिले की कमलनाथ के प्रभाव वाली सभी सात सीटें जीतने में कांग्रेस जरूर कामयाब हुई है, लेकिन महाकौशल में आठ सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है.
बड़ी बात यह भी है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस की हार पर छिन्दवाड़ा से ही कांग्रेस नेता बलकरण पटेल ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष को चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए। बलकरण पटेल प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव और केंद्र सरकार के मसाला बोर्ड के सदस्य के साथ ही पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं।
2014 के लोकसभा चुनाव में केंद्र में मोदी सरकार बनने पर सांसद रहते हुए उन्हें विधानसभा चुनाव -2018 के 6 माह पूर्व मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था। चुनाव में जब कांग्रेस को 114 सीट मिली थी तब कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें मुख्यमंत्री भी बनाया था। उनकी सरकार 15 माह तक सत्ता में रही और सिंधिया प्रकरण में उलझकर तख्तापलट का शिकार हो गई। इसके बाद से बतौर प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ लगातार चुनाव की तैयारी में ही लगे रहे थे।