एक्शन में सांसद : बंद नही होगी तानसी, मुआरी और महादेवपुरी खदान, पेंच – कन्हान जी एम के साथ की बैठक, अब वन और कोयला मंत्री से भी मिलेंगे
छिन्दवाड़ा के कोयला अंचल परासिया - जुन्नारदेव के लिए सांसद विवेक साहू की बड़ी पहल
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
छिन्दवाड़ा लोकसभा के सांसद विवेक साहू एक्शन में है। फारेस्ट एन ओ सी के चक्कर मे करीब एक साल से बंद कोयला अंचल की तीन खदानों को पुनः शुरू करने उन्होंने वेकोलि पेंच और कन्हान के महाप्रबंधक के साथ बैठक की है। बैठक में उन्होंने दोनो क्षेत्र में चालू और बंद खदानों की जानकारी लेकर एक साल पहले बंन्द की गई तानसी, मुआरी और महादेवपुरी खदान को शुरू करने कहा है।
इन खदानों में अभी कोयला भंडार है। लेकिन खुदाई के लिए फारेस्ट एन ओ सी ना मिलने के कारण वेकोलि ने हाथ खड़े कर दिए थे। यहां का मेन पावर बैतूल की पाथाखेड़ा सहित अन्य खदानों में ट्रान्सफर कर दिया था। सांसद विवेक साहू ने कहा कि जुन्नारदेव और परासिया क्षेत्र की अर्थ व्यवस्था कोयला आधारित है। यहां खदानों से ही रोजगार पैदा होता है। कोई भी खदान बंद ना करे बल्कि बंद तीनो खदानों को शुरू करने के साथ ही सर्वे में आई नई खदानों को शुरू करने की तैयारी करें।
बैठक में पेंच जी एम निर्मल कुमार ,कन्हान जी एम के डी जैन ने तानसी, मुआरी और महादेवपुरी खदान को लेकर फारेस्ट एन ओ सी क्लीयर ना होने की बात रखी है। बैठक में सांसद विवेक साहू ने कहा कि खदान पुनः शुरू करने की तैयारी करें। वे इस मुद्दे को लेकर जल्द दिल्ली जाएंगे और केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी से मुलाकात करेंगे।
जिले के पेंच और कन्हान कोयला अंचल में खदानें बंद होने से क्षेत्र का व्यापार ,व्यवसाय और रोजगार प्रभावित है। यहां वेकोलि ने खदान बंन्द करने के साथ ही कन्हान कोयला क्षेत्र का पेंच क्षेत्र में विलय की भी तैयारी कर ली थी। लेकिन सांसद विवेक साहू का कहना है कि वेकोलि बन्द खदान चालू करे। इसके अलावा वेकोलि के ही सर्व के आधार पर प्रस्तावित भाकरा , टेढ़ी इमली, नारायणी, अम्बाड़ा क्षेत्र , भारत ओपन कास्ट, घोरावाड़ी, और धाउनार्थ खदान के लिए भी फारेस्ट की एन ओ सी के प्रस्ताव दे ताकि क्षेत्र के विकास के नए रास्ते खुले।
बैठक में इसके अलावा “शारदा” और “धनकसा” खदान की भूमि के राज्य सरकार को हस्तांतरण के साथ ही उत्पादन और मेन पावर बढ़ाने पर भी चर्चा हुई है। पिछले 20 साल से क्षेत्र में नई खदानें तो नही खुली है उल्टे जो खदानें चल रही थी उन्हें ही वेकोलि ने बंद कर दिया था। जिससे क्षेत्र में उद्योग- धंधे, व्यापार- व्यवसाय चौपट होने के साथ ही क्षेत्र की “अर्थव्यवस्था” पर ही प्रश्न चिन्ह लग गया था। इस बड़े जन व्यापी मुद्दे को लेकर सांसद विवेक साहू बड़ी पहल करने जा रहे हैं। जिससे पेंच- कन्हान कोयला अंचल के संकट बादल छंटने के आसार प्रबल है।
वेकोलि यहां गणपति, विष्णुपुरी, और भवानी कोयला खदान को बंद कर चुका है। “तानसी” के बंद होने के बाद तो कन्हान कोयला अंचल में एक भी खदान नही बची है । कन्हान जी एम आफिस को भी पेंच जी एम आफिस में शिफ्ट करने के आदेश थे। लेकिन अब राजनीतिक हालात बदलने से क्षेत्र के हालात भी तेजी से बदलेंगे।