छिन्दवाड़ा नगर निगम में बदलेंगे अध्यक्ष सहित 10 के 10 सभापति, महापौर विक्रम अहके की भाजपा के साथ नई पारी
महापौर जल्द बना सकते हैं अपनी नई प्रेसिडेंट इन कौंसिल
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
छिन्दवाड़ा नगर निगम के महापौर विक्रम अहके भाजपा में आने के अब अपनी नई पारी का “श्री गणेश” करेंगे। उनके श्री गणेश में ‘वोटिंग डे” का विध्न आ गया था। जो अब समाप्त हो गया है। अब भाजपा संगठन की हरी झंडी मिलते ही महापौर अपनी नई प्रेसिडेंट इन कौंसिल का गठन कर सकते हैं। इसको लेकर उठापटक शुरू हो गई है। अगले माह निगम में बहुत कुछ नया होने वाला है। नया निगम अध्यक्ष, नए – नए सभापति और बजट के साथ नए – नए कार्य । मतलब लड़खड़ाया नगर निगम पटरी पर लौट सकता है।
लोकसभा के चुनाव परिणाम ने छिन्दवाड़ा की राजनीति का नक्शा ही बदलकर रख दिया है। ऐसे में एक बार फिर महापौर विक्रम अहके ने ना केवल नवनिर्वाचित सांसद विवेक साहू से नजदीकी बढ़ाई है बल्कि अपनी निष्ठा भाजपा के प्रति जाहिर करते हुए कहा है कि वे भाजपा में ही है और आजीवन भाजपा में ही रहेंगे। वे अपने पूर्व बॉस के ऋण में थे इसलिए मतदान के दिन भावनाओ में बहकर ऐसा किया था। लेकिन अब ऋण मुक्त महसूस करते है। भाजपा संगठन जो भी कार्य उनके लिए तय करेगा वे पूरी निष्ठा के साथ निभाएंगे।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के छिन्दवाड़ा दौरे में जीत की आभार रैली और दशहरा मैदान की जनसभा में मंच पर नजर आए महापौर विक्रम अहके को लेकर लग रहा है कि भाजपा ने उनका “वोटिंग डे मेटर शार्ट आउट” कर लिया है। अब महापौर नगर निगम में नई पारी शुरू कर सकते हैं। क्योकि नगर निगम में ना केवल महापौर बल्कि कांग्रेस के 14 पार्षद भी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं।
महापौर विक्रम अहके नगर निगम में अगले माह दो साल का कार्यकाल पूरा करने जा रहे हैं। इन दो वर्षों में वे नगर के लिए कुछ उल्लेखनीय नही कर पाए हैं। अब भाजपा के साथ तीसरे वर्ष के कार्यकाल में आकर उन्हें स्वयं बड़ी उम्मीदें हैं कि वे शहर के विकास में अपना अहम योगदान दे सके। अब नगर निगम भाजपा की गाइड लाइन पर चलेगा।
बड़ी बात यह है कि लोकसभा चुनाव के दौरान नगर निगम छिन्दवाड़ा के ना केवल महापौर बल्कि चार सभापति सहित कुल 14 पार्षदो ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा है। ये पार्षद भी भाजपा के साथ नई पारी के इंतजार में है। पार्षदो केभाजपा में आने से कांग्रेस नगर निगम में “अल्पमत” में आ गई है। ऐसे में नगर निगम के अध्यक्ष पद का नया चुनाव भी होगा। भाजपा यहां अपने किसी पार्षद को अध्यक्ष बना सकती है।
48 पार्षदो वाले निगम में कांग्रेस के महापौर सहित 29 पार्षद थे। कांग्रेस ने यहां सोनू मांगो को अध्यक्ष और 10 सभापति भी बनाए थे। तब भाजपा के पास केवल 19 पार्षद थे। अब भाजपा के पास 33 पार्षद सहित महापौर है। ऐसे में तय है कि आने वाले समय मे निगम “अध्यक्ष” का चुनाव तो होगा ही। साथ ही 10 के 10 सभापति बदलेंगे। अर्थात महापौर विक्रम अहके अब भाजपा के साथ अपनी नई “मेयर इन कौंसिल” बनाएंगे। जिसकी तैयारी शुरू हो गई है। भाजपा संगठन से ही 10 सभापतियों के नाम तय होंगे। इसके बाद अगले माह अगस्त में निगम का नया अध्यक्ष भी तय होगा।
अगले माह नगर निगम में बहुत कुछ नया देखने को मिल सकता है।नया निगम अध्यक्ष, नए – नए सभापति और नगर निगम को बजट के साथ नए – नए कार्य । दो साल से लड़खड़ाया नगर निगम अब नई राजनीतिक पारी में पटरी पर लौट सकता है।
लोकसभा चुनाव से पहले इन्होंने थामा है भाजपा का दामन ..
लोकसभा चुनाव के दौरान नगर निगम महापौर विक्रम अहके सहित पार्षद चंदू ठाकरे, धनराज भावरकर, जगदीश गोदरे, लीना तिरंगाम, दीपा माहोरे, रोशनी सल्लाम, अरुणा कुशवाह, नमिता सक्सेना,प्रमोद शर्मा, शिवानी सक्सेना, चंदभान देवरे, पण्डित राम शर्मा, सुनीता पाटिल ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली है।