हिट एंड रन : एक्सीडेंट के बाद पीड़ित को मरता छोड़कर भागने वाले ड्राइवर पर ही लागू होगा नया कानून, छिन्दवाड़ा में आर टी ओ ने संभाला मोर्चा
नए कानून को लेकर ट्रांसपोटर्स और ड्राइवर्स को शंकाओं का किया समाधान

♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
केंद्र सरकार ने “हिट एंड रन ” मामले को लेकर कानून में नए प्रावधान किए हैं। इनमे गलत ड्राइविंग या लापरवाही के चलते किसी व्यक्ति की मृत्यु सहित ड्राइवर के बिना पुलिस को सूचना दिए मौके से फरार हो जाने और पुलिस के ढूंढ के पकड़ लाने पर 10 साल तक की सजा हो सकती है। इसके अलावा 7 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लग सकता है। जबकि चालक के मजिस्ट्रेट या पुलिस को सूचना देने पर सजा कम होगी। नए कानून में इस प्रावधान को लेकर ही देश का माहौल गरमाया हुआ है। बिना सूचना बिना एसोसिएशन के देश के कई राज्यो में ड्राइवर अघोषित हड़ताल पर है। हड़ताल से ईंधन की कमी के साथ ही अन्य सामग्री की आपूर्ति बाधित होने की आशंका पैदा हो गई है। इसको लेकर पिछले दो दिनों से जिले के पेट्रोल पम्प्स में लंबी कतारें बजी लग रही थी। मामले में कलेक्टर मनोज पुष्प ने कल ही ऑयल कंपनी डीलर्स की बैठक लेकर स्थिति स्पष्ट की है कि जिले में पेट्रोल – डीजल का पर्याप्त स्टॉक और आपूर्ति बनी हुई है। लोगो को पैनिक होने की जरूरत नही है।
नए कानुम को लेकर ट्रांसपोर्टर्स और ड्राइवर को यहां जागरूक किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि कानून के प्रावधान किसी के खिलाफ नही है। ड्राइवर्स डरे हुए हैं कि उनके साथ नाइंसाफी हो गई है। दुर्घटना होने पर तो उनकी जिंदगी ही खराब हो जाएगी। ड्राइवर्स का मानना है कि नए कानून के अनुसार, हिट-एंड-रन मामलों में 10 साल की जेल की सजा और सात लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। नया कानून चालकों के हित के खिलाफ है। वाहन मालक इतना वेतन नही देता कि 10 लाख का जुर्माना भर सके और घटना हो गई तो मौके पर रुकना जिंदगी का जोखम है। चालक किसी को मारना नहीं चाहते लेकिन दुर्घटनाएं हो जाती हैं। ऐसे मामलों में लोग चालक के खिलाफ हो जाते है। ड्राइवर्स की मांग है कि नए कानून में संशोधन किया जाना चाहिए।
इस मामले में अब ड्राइवर्स को जागरूक किया जा रहा है। जिला प्रशासन के साथ ही आर टी ओ ने भी मोर्चा संभाल लिया है। मंगलवार को दोपहर आर टी ओ मनोज तिहनगुरिया ने आर टी ओ कार्यालय में वाहन चालक और संचालकों की बैठक ली है। बैठक में आर टी ओ ने वाहन मालिकों और चालको के पूछे गए प्रश्नों का समाधान करते हुए बताया कि उक्त नियम पूर्ववत् रहते हुये केवल उन लोगों पर लागू होगा जो व्यक्ति (ड्रायवर) दुर्घटना के पश्चात् पीड़ित की मौत पर भी दुर्घटना स्थल से भाग जाता है। वह भागने के उपरांत भी निकटस्थ पुलिस थाना या निकटतम किसी मजिस्ट्रेट को सूचित नहीं करता है। उन पर ही इस नये नियमों के तहत कार्यवाही होगी।
आर टी ओ मनोज तिहनगुरिया ने बताया कि प्रस्तावित भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 के भाग 2 में केवल उसी स्थिति में 10 वर्ष की अधिकतम सजा के प्रावधान का वर्णन है जबकि कोई मोटरयान चालक किसी सड़क दुर्घटना में व्यक्ति की मृत्यु कारित हो जाने के बाद बिना पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचना दिये मौके से भाग जाता है। यदि किसी व्यक्ति से एक्सीडेंट हो जाता है और वह इस संबंध में पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचना दे देता है तब धारा 106 (2) भारतीय न्याय संहिता के प्रावधान उस पर लागू नहीं होते है। धारा 106 (2) भारतीय न्याय संहिता में जुर्माने की राशि को विशिष्ट रूप से वर्णित नहीं किया गया है। 7 लाख या 10 लाख संबंधी जुर्माने की राशि के प्रावधान का प्रचार भ्रामक है । यदि वाहन चालक एक्सीडेंट में हुई मृत्यु के विषय में समय पर पुलिस को सूचना दे देता है तो उस स्थिति में नये कानून में भी जमानती धारा का प्रावधान है।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आरटीओ अधिकारी से एक बड़ी बैैठक करने की भी मांग रखी जिस पर 3 जनवरी को दोपहर एक बजे मानसरोवर कॉम्प्लेक्स प्रांगण में ट्रांसपोर्टर्स और ड्रायवरों की बैठक बुलाई गई है। दुर्घटनाओं में हर साल मौत के बढ़ते आंकड़ों के चलते केंद्र सरकार ने नए कानून में सख्ती की है।