भाजपा में नो एंट्री : पूर्व सी एम कमलनाथ के बाद सांसद नकुलनाथ भी बोले हम नही जा रहे भाजपा में , सम्हाला छिन्दवाड़ा लोकसभा का मोर्चा
लंबे समय से चल रही अटकलों पर लगा विराम
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ के भाजपा में जाने की खबरों का छिन्दवाड़ा ही नही प्रदेश की राजनीति पर विपरीत असर था। कांग्रेस में ही नही भाजपा में भी उथल -पुथल मची थी। दिल्ली एपिसोड के दस दिन बाद दोनों नेता छिन्दवाड़ा लौटे हैं।पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ तीन दिन से छिन्दवाड़ा में ही है और बुधवार को तीसरे दिन सांसद नकुलनाथ भी छिन्दवाड़ा पहुंचे हैं। दोनो नेताओ ने भाजपा में जाने की मीडिया में आई खबरों का खंडन किया है। इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ मीडिया में कह रहे थे कि ऐसी कोई बात होगी तो सबसे पहले आपको बताऊंगा।
छिन्दवाड़ा पहुंचकर अटकलों पर विराम लगाते हुए पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मैंने ऐसा कभी नही कहा है। यह सब खबरे मीडिया चला रहा है और मीडिया ही खंडन करे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के दौरे के तीसरे दिन सांसद नकुलनाथ भी बुधवार को छिन्दवाड़ा पहुंचे हैं।उन्होंने दमुआ के नवेगांव में कार्यकता सम्मेलन में कहा कि ना मैं भाजपा में जा रहा हूँ ना कमलनाथ जी भाजपा में जा रहे हैं। यह सब अफवाह भाजपा फैला रही है।
सभी अटकलों को विराम देते हुए छिन्दवाड़ा में अब दोनों नेता लोकसभा चुनाव के लिए मोर्चा संभालते नजर आ रहे हैं। छिन्दवाड़ा लोकसभा से ही उनका राजनीतिक अस्तित्त्व है। छिन्दवाड़ा में कांग्रेस ने चुनाव को लेकर तैयारियां तेज कर दी है। सांसद नकुल नाथ को प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रत्याशी चयन सूची में शामिल कर सूची दिल्ली भेज दी है। छिन्दवाड़ा से एक मात्र नाम केवल नकुलनाथ का ही है जो यह दर्शाता है कि कांग्रेस छिन्दवाड़ा में उनके अलावा किसी पर भरोसा नही कर सकती है। 45 साल के लंबे राजनीतिक सफर के बाद तो कमलनाथ कांग्रेस की प्रॉपर्टी बन गए हैं।
अब पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ अपनी प्रतिष्ठा की सीट छिन्दवाड़ा के मोर्चे पर जुटे नजर आ रहे है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पिछले दो दिनों से लगातार छिन्दवाड़ा में है। इस दौरान उन्होंने चांद नगर पंचायत के कार्यकर्ता सम्मेलन में इमोशनल कार्ड भी खेला कि क्या आप मुझे विदा करना चाहते हैं। मैं अपने आपको आप पर थोपना नही चाहता यह आपकी मन – मंशा है।यहां उन्होंने कहा मैं कोई पागल हूँ जो भाजपा में जाऊंगा। यह कोरी अफवाह है। वही नकुलनाथ ने इन अटकलों पर विराम लगाया है कि उनके पिता कमलनाथ ना सही वे भाजपा में जा रहे हैं। अब दोनो पिता – पुत्र ने सार्वजनिक खंडन कर दिया है कि वे भाजपा में नही जा रहे हैं यह केवल अफवाह थी लेकिन छिन्दवाड़ा में अब पूर्व मंन्त्री दीपक सक्सेना के उस बयान का क्या मतलब निकाला जाए जिसमे उन्होंने कहा था कि कांग्रेस लगातार कमलनाथ जी की उपेक्षा कर रही है। तीन राज्य हारे हैं मगर मध्यप्रदेश में केवल कमलनाथ जी पर हार का ठीकरा फोड़ा जा रहा है और मैं भी जा रहा हूँ उनके साथ। दीपक सक्सेना पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के सबसे करीबी माने जाते हैं। बहरहाल सच्चाई जो भी हो अब कांग्रेस का मामला वापस पटरी पर है। पार्टी में चुनाव की तैयारी को लेकर ही दोनो नेताओ का लगातार दौरों का कार्यक्रम भी बन गया है। चुनाव को ज्यादा वक्त नही है अगले 15 दिनों में चुनाव की आचार संहिता भी लग जाएगी और चुनाव आयोग अप्रैल माह में लोकसभा चुनाव के चरणों मे मध्यप्रदेश की 29 सीटो में नए सांसद का चुनाव करा सकता है।