दीनदयाल रसोई योजना का तीसरा चरण : अब छिन्दवाड़ा सहित प्रदेश के 16 नगर निगम में चलित रसोई
जरूरत मन्दो को रसोई के माध्यम से सस्ती दर ओर मिलेगा भोजन

♦ भोपाल मध्यप्रदेश –
मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार ने अब दीनदयाल रसोई योजना का तीसरा चरण लांच किया है इसमें अब रसोई स्थाई नही बल्कि चलित होंगी जो शहर में घूम – घूमकर जरूरत मन्दो को सस्ती दर पर भोजन उपलब्ध कराएगी ये चलित रसोई छिन्दवाड़ा सहित प्रदेश के 16 नगर निगम क्षेत्रो में संचालित होंगी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दीनदयाल अंत्योदय रसोई योजना के तृतीय चरण को मंजूरी दी है। तृतीय चरण में 25 चलित रसोई केन्द्र और 20 नये स्थायी रसोई केन्द्र बनेंगे। 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले 4 नगरीय निकायों में 11 चलित रसोई केन्द्र और शेष 12 नगर पालिक निगमों एवं पीथमपुर तथा मंडीदीप में एक-एक नवीन चलित रसोई केन्द्र शुरू किये जायेंगे।
इनमे नगरपालिक निगम भोपाल में 4, इंदौर में 3, ग्वालियर और जबलपुर में 2-2, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, देवास, कटनी, खंडवा, मुरैना, रतलाम, रीवा, सागर, सिंगरौली एवं उज्जैन में एक-एक तथा नगरपालिका परिषद पीथमपुर और मंडीदीप में एक-एक चलित रसोई केन्द्र शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है
नवीन रसोई केन्द्र में बीस हजार से 50 हजार जनसंख्या वाले नगरीय निकाय मंडीदीप, आष्टा, गंजबासौदा, सिरोंज, गोहद, राघौगढ़, डबरा, सारणी, इटारसी, सेंधवा, पीथमपुर, गाड़रवाड़ा, बीना, खुरई, मकरोनिया, बुजुर्ग, जावरा, शुजालपुर, नागदा, मालथौन और बुधनी में एक-एक नवीन रसोई केन्द्र की स्थापना की जायेगी
जरूरतमंदों को किफायती दर पर पौष्ठिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए प्रथम चरण में प्रदेश के 51 जिला मुख्यालयों के 56 केन्द्रों में दीनदयाल अन्त्योदय रसोई योजना प्रथम चरण प्रारंभ की गई थी द्वितीय चरण में 52 जिला मुख्यालयों में 94 एवं 6 धार्मिक नगरियों मैहर, चित्रकूट ओंकारेश्वर, महेश्वर ओरछा एवं अमरकंटक के कुल 100 रसोई केन्द्रों में विस्तार किया गया था
नगरीय प्रशासन मंन्त्री भूपेंद्र सिंह ने कहा है कि दीनदयाल अन्त्योदय रसोई में केवल स्थाई केन्द्र संचालित होने से कई ऐसे जरूरतमंद लोग जो स्थाई केन्द्र तक नहीं पहुँच पाते, इस योजना के लाभ से वंचित रह जाते हैं। तैयार भोजन चलित रसोई केन्द्र में लेकर हितग्राहियों को वितरित किया जा सकेगा। दीनदयाल रसोई में रियायती दर पर जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराया जाता है। थाली मे गेहूँ की पांच रोटी सब्जी, दाल, चावल दिया जाता है