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बंद नही होगी कोयला खदानें :पेंच- कन्हान कोयला अंचल के संकटमोचक बने “नत्थन शाह” और “ज्योति डेहरिया” केंद्रीय वन और श्रम मंत्री से की मुलाकात ,

साथ मे थे कोयला श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि, तीन खदानों के लिए मिलेगी फ़ॉरेस्ट की एन ओ सी

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♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-

जिले के कोयला अंचल “पेंच” और  “कन्हान” को नया जीवन मिलेगा। केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री “भूपेंद्र सिंह” ने खदानों के लिए फ़ॉरेस्ट की “एन ओ सी” जारी करने के साथ ही नई “कोयला” खदानों के लिए भी अनुमति देने के सहमति दे दी है। जल्द ही इनके आदेश जारी होंगे और कोयला खदानें बंन्द नही होंगी।

क्षेत्र में  खदानों के बंद करने जे “वेकोलि” के आदेश से  उद्योग- धंधे, व्यापार- व्यवसाय चौपट होने के साथ ही क्षेत्र की “अर्थव्यवस्था”पर ही प्रश्न चिन्ह लग गया था।इस बड़े जन- जन व्यापी मुद्दे को लवकर  पेंच और कन्हान कोयला अंचल परासिया और जुन्नारदेव में लगातार आंदोलन हो रहे थे। कन्हान में आम जनों ने “दमुआ” बंन्द के बाद 6 अक्टूम्बर को “जुन्नारदेव” बंद का आह्वान किया था।इस मामले में जुन्नारदेव के नेता ” नत्थन शाह” ने बड़ी पहल की है। उन्होंने परासिया की नेता “ज्योति डेहरिया” और बी एम एस के पदाधिकारियों के साथ सीधे दिल्ली में डेरा डाला और मंत्रालय पहुँचकर ” केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र सिंह” से मुलाकात कर मौजूदा तीन कोयला खदानों के साथ ही वेकोलि की प्रस्तवित आठ अन्य खदानों के लिए भी “एन ओ सी ” मांगी है।

क्षेत्र के भाजपा नेता नत्थन शाह और ज्योति डेहरिया ने “केंद्रीय मंत्री” को  बताया कि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था ही “कोयला खदानों” ओर टिकी है यदि खदानें बंन्द कर दी गई तो “हाहाकार” मच जाएगा। हजारो लोगों के सामने ” रोजी – रोटी” का संकट खड़ा हो जाएगा। भाजपा के नेता “नत्थन शाह” और ज्योति डेहरिया” ने केंद्रीय मंत्री के समक्ष मांग रखी कि कन्हान क्षेत्र का विलय  पेंच क्षेत्र में ना किया जाए।तानसी, मुआरी और महादेवपुरी खदान के लिए फारेस्ट एन ओ सी तत्काल जारी की जाए।  क्षेत्र में वेकोलि के सर्व के आधार पर  भाकरा , टेढ़ी इमली, नारायणी,  अम्बाड़ा क्षेत्र , भारत ओपन कास्ट,  घोरावाड़ी, और  धाउनार्थ  खदान के लिए भी फारेस्ट की एन ओ सी जारी कर इन खदानों को शुरू किया जाए। वेकोलि इन खदानों को लेकर राज्य सरकार से अनुमोदन लेकर प्रस्ताव  केन्द्र सरकार को भेज चुका है। “शारदा” और “धनकसा” खदान की भूमि का हस्तांतरण राज्य सरकार को किया जाए।

बताया गया कि केंद्रीय मंत्री ने तीनो खदानों के लिए सहमति व्यक्त करते हुए जल्द “एन ओ सी” जारी करने की बात कही है। साथ ही अन्य खदानों के किए भी कार्रवाई पूरी करने कहा है। जिससे पेंच- कन्हान कोयला अंचल के संकट बादल छंटने के आसार प्रबल है। विधानसभा चुनाव से पहले ही यह मसला हल हो सकता है।

केंद्रीय श्रम एवं वन जलवायु परिवर्तन पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव से मिले प्रतिनिधि मंडल में  भाजपा नेता नत्थनशाह कवरेती, ज्योति डेहरिया, भाजपा पूर्व जिला उपाध्यक्ष गौरव सिंह, बीएमएस के प्रतिनिधि मंडल अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ उपाध्यक्ष नारायणराव सराटकर, अध्यक्ष राम सिंह बघेल, कुंवर सिंह, तेज प्रताप शाही, आशीष यादव, भूपेंद्र साहू सहित बीएमएस के अन्य पदाधिकारी भी शामिल थे।

बंद होती खदानों के मुद्दे पर यहां 30 सितम्बर को “दमुआ” बंद किया गया था वही 6 अक्टूबर को “जुन्नारदेव” बंन्द का आह्वान है। वेकोलि ने यहां “तानसी” के साथ ही महादेवपुरी और मुआरी खदान से कोयला उत्पादन बंद कर यहां का ” मेन पावर”  अन्य खदानों में शिफ्ट करने का फैसला लिया था। जिसके बाद क्षेत्रवासियों की चिंताएं बढ़ गई थी। अब माना जा रहा है कि “समस्या” का बड़ा समाधान निकाला जा रहा है। कोयला अंचल में वेकोलि  गणपति, विष्णुपुरी, और भवानी कोयला खदान को बंद कर चुका है। “तानसी” के बंद होने के बाद तो कन्हान कोयला अंचल में एक भी खदान नही बचती । कन्हान जी एम आफिस को भी पेंच जी एम आफिस में शिफ्ट करने के आदेश थे।


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