जल जीवन मिशन: जल पहुंचा ना ही नल और 80 प्रतिशत कार्य अफसरो ने बताया पूरा
जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक में अफसरो का जवाब

♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
जिला पंचायत की बैठक में आए अफसरो के जवाब बता रहे हैं कि सरकारी विभागों के काम काज कुछ ठीक नही चल रहे हैं। विभागों में लाखो नही करोड़ो का बजट है लेकिन कार्य की स्थितियां आगे पाठ पीछे सपाट वालो बनी हुई है। बुधवार को जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक में जल जीवन मिशन ,सर्व शिक्षा अभियान, शिक्षा, कृषि, वन , इरिगेशन, पेंच परियोजना ,उच्च शिक्षा सहित अन्य विभागों की समीक्षा की गई। बैठक में जिला पंचायत के सदस्य विभागों की कार्यप्रणाली से खासे नाराज दिखे और अपने क्षेत्रों के कार्यो के लिए अफसरो के घेरते दिखे।बैठक में जिला पंचायत के सदस्यी के सवालों के अधिकारी जवाब नही दे पा रहे थे । स्वयं जिला पंचायत के अध्यक्ष संजय पुन्हार अफसरो को फटकार लगाते रहे कि ऐसा नही चलेगा।
सबसे बड़ा मुद्दा जल जीवन मिशन का था जिले में करीब 711 करोड़ के बजट वाले मिशन में विभाग के ही अफसर कागजो में मिशन को पूरा करने में लगे हैं। गांवो में योजना के कार्य अधूरे पड़े हैं गांवो के घरों में नल पहुंच पाया ना ही जल इतना ही नही स्कूल और आंगनवाड़ी तक मे नल नही लगा है किंतु विभाग की रिपोर्ट में योजना का 80 प्रतिशत कार्य पूरा बताया जा रहा है। मिशन में जिले की करीब 700 ग्राम पंचायतों के गांवो में जल स्त्रोत के साथ पाइप लाइन बिछाकर हर घर तक नल पहुंचाया जाना है।इस मुद्दे पर बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष ने अफसरों की जमकर क्लास ली है और अफसरो को जिला पंचायत सदस्यों सहित जनपद के अध्यक्ष के साथ योजना क्रियान्वयन का फील्ड निरीक्षण करने कहा है। जिले की हर जनपद में अब जिला पंचायत सदस्य और जनपद के अध्यक्ष फील्ड विजिट करेंगे। जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार ने कहा कि जल जीवन मिशन जिले में फेल हो चुका है।योजना के निर्माण में लापरवाही और भ्र्ष्टाचार व्याप्त है मिशन की मॉनिटरिंग भी नही हो रही है।मिशन के कार्य की छिन्दवाड़ा सहित सौसर ,पांढुर्ना, बिछुआ ,मोहखेड, चौरई, अमरवाड़ा, हर्रई, तामिया, जंन्नारदेव, परासिया हर जनपद क्षेत्र से शिकायतें आ रही है।
बैठक में शिक्षा और सर्व शिक्षा अभियान में तीन सौ से ज्यादा स्कूलों की मरमम्त के बजट पर चर्चा की गई जिला पंचायत सदस्यों का कहना था कि बजट मिले 6 माह हो गए हैं बरसात से पहले स्कूलों की रिपेयरिंग का कार्य हो जाना चाहिए था किंतु अब भी हालत जस की तस है बरसात में गांव के स्कूलों के बच्चों को काफी परेशानी उठानी पड़ेगी।इतना ही नही विभाग के अफसरों ने यह मामला लोक निर्माण विभाग पर टाल दिया है कि जर्जर स्कूल भवन की सूची सहित बजट पी आई यू को ट्रांसफर की गई है । शिक्षा विभाग के स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है नया सत्र शुरू हो गया है तो भी अतिशेष की समस्या का निदान किया गया है ना ही नए शिक्षक अपॉइंट किए गए हैं। जिले के 11 ब्लाकों में 172 स्कूल ऐसे हैं जिनमे एक भी शिक्षक नही है वही 411 स्कूल ऐसे हैं जो केवल एक शिक्षक के भरोसे है। 198 स्कूलों को मरम्मत के लिए बजट मिलने के बाद भी अब तक केवल 77 स्कूलों में ही मरम्मत का कार्य शुरू कराया जा सका है।
यही हाल वन ,,कृषि सहित अन्य विभागों का भी था। वन विभाग के अफसर तो बैठक में आए नही थे दिखाने के लिए एस डी ओ को भेज दिया था जिस पर जिला पंचायत अध्यक्ष सहित सदस्यो ने आपत्ति दर्ज कराई।कृषि विभाग ने खरीफ फसल को लेकर बोवनी के साथ ही खाद – बीज वितरण की स्थिति को रखते हुए बताया कि जिले में खाद बीज की कोई कमी नही है जबकि पिछले दिनों यूरिया के लिए विपणन संघ के कार्यालय में ही किसानों की भीड़ लग गई थी।
बैठक में समाज कल्याण विभाग का कन्यादान योजना में सामग्री खरीदी घोटाला के बाद एक और घोटाला उजागर हुआ है वो यह है कि विभाग ने बिना किसी की अनुशंसा के नशा मुक्ति के नाम और एक एन जी ओ को 10 लाख का आवंटन दे दिया है। इरिगेशन में पेंच परियोजना के कार्यो में भी बड़ी लापरवाही का मुद्दा बैठक में उठा इस पर जिला पंचायत अध्यक्ष ने अगली बैठक केवल पेंच परियोजना पर करने की बात कही है।
बैठक में किसी भी विषय पर अफसरो के जवाब जिला पंचायत को संतुष्ट नही कर पाए। बड़ी हैरानी तो उस समय हुई जब जिले में महाविद्यालयों के स्नातक इरर स्नातकोत्तर के कम परिणाम पर सवाल किया गया तो बैठक में आए प्रिंसीपल का जवाब था कि बच्चे पढ़ना नही चाहते हैं इसलिए रिजल्ट कम है।
बैठक में जिला पंचायत के सी ई ओ पार्थ जायस्वाल, विभागों के अफसर सहित सभापति और सदस्य मौजूद थे जो बैठक में अफसरो के जवाब और क्षेत्रो में कार्य ना होने से असंतुष्ट नजर आए। बैठक के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार ने मीडिया से चर्चा में इसका इजहार भी किया।