फैसला : तामिया जनपद के रिश्वतखोर सी ई ओ को चार साल का सश्रम कारावास
छिन्दवाड़ा की जनपद तामिया में सी ई ओ थे महावीर प्रसाद जैन

ग्राम पंचायत के सचिव से मांगी थी 50 हजार की रिश्वत
-जबलपुर लोकायुक्त ने रंगे हाथों किया था ट्रेप-
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
छिन्दवाड़ा जिले की जनपद तामिया के पूर्व सी ई ओ महावीर प्रसाद जैन को जिला न्यायालय ने रिश्वत का एक मामला सिद्ध होने पर चार साल और तीन साल का सश्रम कारावास के साथ 10 – 10 हजार रुपया जुर्माना की सजा सुनाई है।
भ्रष्टाचारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तामिया महावीर प्रसाद जैन का यह मामला आठ साल पहले वर्ष 2014 का है। एक ग्राम पंचायत के सचिव को उन्होंने पंचायत का रिकार्ड परीक्षण का नोटिस देकर 50 हजार रिश्वत मांगी थी तब सचिव की शिकायत पर लोकायुक्त जबलपुर ने उन्हें कार्यालय में ही सचिव के हाथों 20 हजार रुपया नगद लेते ट्रेप किया था। लोकायुक्त ने भ्र्ष्टाचार निरोधी अधिनियम सहित अन्य धाराओं में सी ई ओ के खिलाफ अपराध दर्ज कर प्रकरण न्यायालय में पेश किया था
ग्राम पंचायत सचिव सुमरन मरकाम ने 02/12/14 को पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त कार्यालय जबलपुर के समक्ष उपस्थित होकर यह आवेदन दिया था कि सीईओ महावीर जैन ने पंचायत का रिकार्ड परीक्षण करने का नोटिस दिया था जिस पर जनपद पंचायत तामिया के दो समन्वयक ने निरीक्षण कर रिपोर्ट सीईओ को दी थी। रिपोर्ट पर कार्यवाही न करने के लिये सी ई ओ महावर जैन ने रिश्वत मे 50 हजार रूपये मांगे हैं।
सचिव के आवदेन पत्र लोकायुक्त ने सी ई ओ को रेंज हाथो पकड़ने का जाल बना और सचिव को 20 जहर रुपए देकर भेज दिया जैसे ही सी ई ओ ने यह रिश्वत ली उसे रेंज हाथो ट्रेप कर लिया गया था।
लोकायुक्त ने विवेचना के पश्चात आरोपी सीईओ महावीर प्रसाद जैन के विरूद्ध धारा 7, 13(1) डी सहपठित धारा 13(2) भ्रंनि.अधिनियम के साथ अभियोग पत्र जिला न्यायालय में प्रस्तुत किया था। न्यायालय ने आरोपी के विरूद्ध आरोप विरचित कर साक्षियों के परीक्षण उपरांत अभियोजन के तर्को से सहमत होते हुये आज बुधवार 28 जून को न्यायधीश वरूण पुनासे भ्रष्टाचार निवारण.अधिनियम न्यायालय ने सी ई ओ महावीर प्रसाद जैन को धारा 7 भ्रष्टा(चार निवारण अधिनियम में 4 वर्ष सश्रम कारावास एवं 10000 रूपये जुर्माना एवं धारा 13 (1)D सहपठित धारा 13(2) भ्रष्टा चार निवारण अधिनियम में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10000 रूपये जुर्माने से दण्डित किया है।
प्रकरण में शासन की ओर से समीर कुमार पाठक जिला अभियोजन अधिकारी ने अभियेाजन संचालन किया गया। प्रकरण की विवेचना लोकायुक्त निरीक्षक प्रभात शुक्ला ने की थी।