MP Politics- तीन साल से एक ही जिले में पदस्थ अफसर हटेंगे , चुनाव से पहले चुनाव आयोग का पहला अलार्म
प्रमुख सचिव को पत्र लिखा , मांगी अफसरों की सूची

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♦भोपाल मध्यप्रदेश –
मध्यप्रदेश में पांच माह बाद नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर केंद्रीय चुनाव आयोग का अलार्म बज गया है। आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार से तीन साल से एक ही जिले में पदस्थ कलेक्टर और एसपी को हटाने के आदेश दिए हैं। आयोग से सरकार से ऐसे अधिकारियों की जानकारी मांगी है जो फील्ड पोस्टिंग में लगातार तीन साल से एक ही जगह जमे है। आयोग ने मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव और मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी से 31 जुलाई तक रिपोर्ट मांगी है। आयोग के इस कदम के बाद से मध्य प्रदेश के जिलो में तीन साल से एक ही जिले में जमे अफसरों का हटना तय माना जा रहा है।
मध्य प्रदेश में अभी दतिया कलेक्टर संजय कुमार 12 नवंबर 2020, पन्ना कलेक्टर संजय कुमार मिश्रा 22 अगस्त 2020, टीकमगढ़ कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी 16 जून 2020 से पदस्थ हैं। इन तीनों कलेक्टरों के तीन साल का कार्यकाल चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के दौरान हो रहा है। इन्हें हटाया जाना तय माना जा रहा है।
इसके अलावा आठ जिलों के कलेक्टर पिछले ढाई साल से पदस्थ हैं.इनमें अमनबीर सिंह बैंस 12 फरवरी 2021 से बैतूल कलेक्टर हैं । आमनबीर सिंह प्रदेश शासन के मुख्य सचिव इकबाल सिंह के पुत्र है। सात कलेक्टरों में शिवम शर्मा श्योपुर, उमा माहेश्वरी आर अशोकनगर, गिरीश कुमार मिश्रा बालाघाट, संदीप जी आर छतरपुर, अनूप कुमार सिंह खंडवा, हर्ष दीक्षित राजगढ़, फ्रेंक नोबल गुना, सतीश कुमार भिंड, दीपक आर्य सागर,नीरज कुमार सिंह होशंगाबाद, उमाशंकर भार्गव विदिशा, वंदना वैद्य शहडोल कलेक्टर के नाम शामिल हैं। चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलांगााना और मिजोरम के चीफ सेक्रेटरी को भी पत्र लिखा है। इनमे मध्य प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 6 जनवरी 2024 को पूरा हो रहा है। इसके पहले नई विधानसभा का गठन होना है ।
आदेश के अनुसार चुनाव ड्यूटी से जुड़े अफसरों में एक ही जिले में तीन साल से पदस्थ एडीएम, एसडीएम, डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार और आरआई को भी हटाया जाएगा। इसके साथ ही आईजी, एसपी, एडिशनल एसपी, डीएसपी, टीआई और एसआई को भी हटाया जाएगा. इसके साथ ही पिछले विधानसभा या लोकसभा चुनाव में शिकायतों के आधार पर चुनाव आयोग ने जिन अफसरों को हटाया है उन्हें भी हटाया जाएगा । आदेश के मुताबिक गृह जिलों में पदस्थ अफसर भी हटेंगे।
गृह जिले में पदस्थ अधिकारियों को हटाने में समय सीमा की कोई बाध्यता नहीं है इनमे छह महीने, एक साल से लेकर तीन साल वाले अफसर हटेंगे वहीं चुनाव ड्यूटी से जुड़े अफसरों में डाक्टर्स, इंजीनियर, शिक्षक, प्रिसिंपल के ट्रांसफर नहीं किए जाएंगे।
आयोग के आदेश के बाद सरकार ने ऐसे कितने अधिकारियों का तबादला किया है इसका प्रतिवेदन भारत निर्वाचन आयोग को 31 जुलाई के पहले भेजना होगा। यह प्रतिवेदन मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक द्वारा आयोग को दिया जाएगा। इसके बाद यदि कोई अधिकारी ऐसा पाया जाता है जिसे तीन साल एक स्थान पर पदस्थ रहते हुए हो गए हैं और उसे नहीं हटाया गया है तो आयोग अपने स्तर से उस पर कार्रवाई करेगा।