छिन्दवाड़ा में 6 करोड़ का इंडो-इजाइल प्रोजेक्ट
सौंसर के संजय निकुंज में बन रही संतरा उत्पादन की नई पाठशाला

मध्यप्रदेश में केवल छिन्दवाड़ा का चयन
बन रहा प्रशिक्षण केंद्र औऱ पाली हाउस
-मुकुन्द सोनी-
छिंदवाड़ा- छिन्दवाड़ा जिला वेराइटी वाला जिला है यहां सौसर-पांढुर्ना तहसील क्षेत्र में संतरा का उत्पादन दोनो तहसीलों को खास बनाता है एक जिला एक उत्पाद योजना में दोनों तहसील के संतरा को सतपुड़ा आरेंज ब्रांड का नाम दिया गया है जिसका कारोबार देश से लेकर विदेश तक जा पहुंचा है छिन्दवाड़ा के संतरा उत्पादक किसान कम पानी मे भी संतरा फसल का बेहतर उत्पादन लेकर मालामाल हो सके इसको लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने छिन्दवाड़ा को विदेश की संतरा उत्पादक तकनीक से जोड़ने इंडो-इजराइल प्रोजेक्ट दिया है इजरायल में पानी की कमी है यहां की कृषि तकनीक कम पानी मे भी ज्यादा फसल लेने की है छिन्दवाड़ा के संतरा उत्पादक किसान विदेश की इस तकनीक को सीख सके इसको लेकर सरकार ने इस प्रोजेक्ट में सौसर के कुड़ड़म गांव में बनी संजय निकुंज नर्सरी में किसानों के लिए 6 करोड़ की पाठशाला बनाने का कार्य शुरू कराया है
संजय निकुंज में संतरा उत्पादक किसानों के लिए साढ़े तीन करोड़ की लागत से आधुनिक तकनीकी से लैस पाठशाला भवन बन रहा है जिसमे दो सौ किसानों के लिए छात्रावास भी बनाया जा रहा है इसके अलावा 50-50 लाख लागत के चार पाली हाउस भी बन रहे हैं और 50 लाख की लागत से प्रोजेक्ट का प्रशासनिक भवन बनाया जा रहा है जिसमे कम पानी मे संतरा की फसलों को तैयार करना सिखाया जाएगा यहां से प्रशिक्षित किसान फिर अपने खेतों में यह तकनीक अपनाएंगे
पाली हाउस में तैयार होंगे पौधे..
पॉलीहाउस में संतरा के उच्च तकनीक वाले पौधे तैयार किए जाएंगे। केन्द्र सरकार का यह प्रोजेक्ट जिले के सौंसर और पांढुर्णा के संतरा उत्पादक किसानों की किस्मत बदलकर रख देगा ताकि कम पानी में भी संतरा उत्पादक किसान ज्यादा और क्वालिटी वाली फसल का उत्पादन ले सकेंगे। इजराइल में कम पानी में उद्यानिकी फसलों का सबसे बेहतर उत्पादन होता है ऐसे में केन्द्र सरकार ने संतरा फसल उत्पादन के लिए यह प्रोजक्ट छिंदवाड़ा जिले को सौसर-पांढुर्ना में संतरा उत्पादक किसानों की नई तरक्की के लिए लागू किया है इजराइल सरकार के प्रतिनिधि अब तक दो बार छिन्दवाड़ा में बन रही इस पाठशाला का दौरा कर चुके हैं यहां उदायनिकी विशेषज्ञ किसानों को ट्रेनिंग देंगे
विदेश तक जाने लगा है संतरा..
इस प्रोजेक्ट के शुुरु होने के साथ ही संतरा उत्पादक किसानों में व्यापक जागरुकता आई है और एक जिला एक उत्पाद योजना में संतरा का चयन कर उसकी ब्रांडिंग सतपुड़ा संतरा के नाम से की जा रही है। अब तक सौंसर – पांढुर्णा क्षेत्र से संतरे की करीब 220 टूक से ज्यादा की खेप बांग्लादेश तक भेजी जा चुकी है।
हर साल होता है 49 हजार मीट्रिक टन संतरा ..
सौंसर – पांढुर्णा में संतरे का उत्पादन व्यापक है दोनो ब्लाको के 24 हजार 500 हेक्टेयर क्षेत्र में सालाना 49 हजार मिट्रिक टन संतरे का उत्पादन होता है यह संतरा बांग्लादेश और दुबई के साथ दिल्ली, कानपुर, हावड़ा और मिडिल ईस्ट तक भेजा जाता है। इस प्रोजेक्ट के बाद यहां संतरा का उत्पादन करीब एक लाख मीट्रिक टन तक पहुंच सकता है विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इंडो – इजराइल प्रोजेक्ट पर कार्य चल रहा है और इस पैटर्न पर किसानों को प्रशिक्षित किया जा रहा है जिसके बेहतर परिणाम आने लगे है छिंदवाड़ा का संतरा विदेश तक जा रहा है।