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छिन्दवाड़ा का “पांढुर्ना” बन गया जिला, आज हो सकती है पहले कलेक्टर- एस पी की पदस्थापना

बुधवार की रात शिवराज केबिनेट ने लगाई मोहर

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♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-

पांढुर्ना अब तहसील नही मध्यप्रदेश का नया “जिला” है। राजपत्र में नोटिफिकेशन और दावा- आपत्तियों की सुनवाई के बाद बुधवार की रात “शिवराज केबिनेट” ने इस पर अपनी मोहर लगा दी है। संभवत गुरुवार को इस नए जिले में पहले “कलेक्टर- एस पी की पदस्थापना भी हो जाएगी। क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्यप्रदेश के सबसे बड़े जिले छिन्दवाड़ा  की दो तहसील  सौसर और पांढुर्ना को मिलाकर यह नया जिला बनाया गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक माह पहले ही अपने सौसर दौरे में जामसांवली में “हनुमान लोक” की आधारशिला के समारोह में “पांढुर्ना” को जिला  बनाने की घोषणा की थी। उनकी घोषणा के बाद दूसरे दिन ही राजस्व विभाग ने जिले के गठन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया था।

पांढुर्ना प्रदेश का 55 वां जिला है।  1956 में जिला पुनर्गठन आयोग ने ” छिन्दवाड़ा” जिले का गठन किया था। जिसमे विदर्भ से लगे सौसर- पांढुर्ना को भी शामिल किया गया था। दोनो क्षेत्रो को  मराठी भाषी माना जाता  हैं। पांढुर्ना छिन्दवाड़ा जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर है। भोपाल नेशनल हाइवे से जुड़ा है। अब अलग जिले के “अस्तित्व” में आकर विकास के नए आयाम गड़ेगा। वर्तमान में विधानसभा चुनाव का संचालन छिन्दवाड़ा जिले से ही होगा। 1956 में मध्यप्रदेश बनने से पहले छिन्दवाड़ा सहित सौसर पांढुर्ना महाराष्ट्र के सेंट्रल क्षेत्र  “”बरार”  का हिस्सा थे। जब मध्यप्रदेश बना तब मराठी भाषी होने के चलते दोनो तहसील को महाराष्ट्र के प्रस्तवित  विदर्भ राज्य में  शामिल करने की मांग  भी थी।

नए “पांढुर्ना” जिले में पांढुर्ना और सौसर तहसील के कुल 137  “पटवारी हल्के” शामिल किए गए हैं। इनमे पांढुर्ना के 74 और सौसर तहसील के 63 पटवारी हल्के शामिल हैं। नए पांढुर्ना जिले का मुख्यालय  “पांढुर्ना” होगा। जिले के गठन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब  यहां “कलेक्टर” और “एस पी” पदस्थ किए जाएंगे। कार्यालय के लिए भी स्थल चिन्हित कर दिए गए हैं। इनमे कलेक्टर कार्यालय, पुलिस अधीक्षक का कार्यालय एवं अन्य विभागों के जिला स्तरीय कार्यालयों के संचालन के लिए  पांढुरना नगर में स्थित  शासकीय सिविल अस्पताल का अमरावती रोड पर स्थित पुराना भवन , लक्ष्मी स्मृति भवन, नगरपालिका परिषद पांढुरना का भवन  और कृषि उपज मंडी समिति पांडुरना के भवन का प्रथम तल का सम्पूर्ण भाग चिन्हित किया गया है। यहां डेढ़ करोड़ की लागत से “एस डी एम” कार्यालय बन रहा है भविष्य में यह पांढुर्ना का “कलेक्टरेट” होगा।इस जिले में दो विधानसभा क्षेत्र सौसर और पांढुर्ना होंगे। अब  पांढुर्ना  मध्यप्रदेश का  वह जिला होगा जो ” महाराष्ट्र” बॉर्डर से लगा जिला होगा।

अब ऐसा रहेगा छिन्दवाड़ा जिला …

छिन्दवाड़ा जिले से अलग होकर नया “पांढुर्ना” जिला बनने के बाद  अब  “छिन्दवाड़ा” जिले में कुल 636 पटवारी हल्के रहेंगे। इनमे  9 ब्लाक  छिन्दवाड़ा  अमरवाड़ा, हर्रई  चौरई, परासिया, जुन्नारदेव,  तामिया,  मोहखेड, बिछुआ रहेंगे।  जिले की 11 तहसील के 636 पटवारी हल्के होंगे। इनमे छिन्दवाड़ा ग्रामीण के 58, छिन्दवाड़ा नगर जे  19,अमरवाड़ा के 72, उमरेठ के 43, चाँद के 37, चौरई के 55, जुन्नारदेव के 99 , तामिया के 53, परासिया  के 52, बिछुआ के 51, मोहखेड के 79 और हर्रई के 68 पटवारी हल्के शामिल हैं। छिन्दवाड़ा जिले की सीमा पूर्व में सिवनी,पश्चिम में बैतूल और नर्मदापुरम, दक्षिण में पांढुर्ना और उत्तर में नरसिंहपुर जिले तक रहेगी। इसी तरह प्रस्तावित पांढुर्ना जिले की सीमा पूर्व में छिन्दवाड़ा और नागपुर, पश्चिम में बैतूल, दक्षिण में अमरावती; नागपुर और उत्तर में छिन्दवाड़ा जिले तक रहेगी।


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