तस्करों के निशाने पर परासिया का रिजर्व बाग – बर्दिया का सागौन जंगल
शिकायत के बाद कार्रवाई के लिए पहुंचते हैं वन विभाग के अफसर
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
वन वृत्त छिन्दवाड़ा के पशिचम वन मण्डल में परासिया का बाग़- बर्दिया का जंगल सागौन तस्करों और वन विभाग के अफसरों का चारागाह बना हुआ है। जंगल से अवैध कटाई का सिलसिला थमता नजर नही आ रहा है। यहां वन अमला तब भी करवाई को तैयार नही रहता जब कि कोई गंभीर शिकायत हो। इसका परिणाम यह ही रहा है कि यहां से तेजी से जंगल का सफाया हो रहा है। फ़ॉरेस्ट के अफसरों को खबर तब मिलती है जब यहां की कीमती सागौन कटने के बाद मार्केट पहुंच जाती है। बाग – बर्दिया का जंगल रिजर्व घोषित है क्योंकि जंगल मे बाघों की उपस्थिति है। यह जंगल बाघों की टेरेटरी है। इसके बावजूद जंगल मे पेड़ो की कटाई की अवैध गतिविधि बनी हुई है।
यह जंगल मीलों तक फैला है और काफी घना है। यहां बड़ी मात्रा में सागौन शीशम है जिससे यह माफिया के निशाने पर है। शिकायत है कि अधिकारी जंगलों का सही ढंग से नियमित मुआयना नहीं करते है जिसके परिणाम स्वरूप सागौन जैसी कीमती लकड़ियों को हासिल करने पेड़ बड़ी मात्रा में काटे जा रहे हैं जंगल मे सागौन के ठूठ इसका प्रमाण देटे है।
बाग – बर्दिया के साथ ही रावन वाड़ा निरहुआ सोना पिपरी खिर साडू सहित अनेक क्षेत्रों में पेड़ों के अवैध कटाई की खबरें लगातार मिल रही हैं । सोनापीपरी का जंगल मैदान में तब्दील होता जा रहा है
पिछले दिनों तामिया के लहगडुआ के जंगल में एक कुख्यात बदमाश को सागौन के पेड़ों को काट कर ले जाते हुए ग्रामीणों ने पकड़ा गया था वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना दी गई थी तब कही जाकर मौके पर क्षेत्र के अधिकारी पहुंचे थे और सरगना को गिरफ्तार कर ट्रक सहित सागौन जप्त की थी।
खबर है कि वन विभाग के अफसरों ने आरोपी को पकड़ने के कुछ घंटे बाद ही छोड़ दिया था। कहा जाता है कि मण्डल की परासिया रेंज में पदस्थ महिला अधिकारी की बड़ी लापरवाही परासिया के जंगलों का सफाया कर रही है ।महिला अधिकारी के रहते ही यहां वन माफिया बेख़ौफ़ है। रात में जंगलों की गश्त होती है ना ही नाको पर चेकिंग ऐसे में जंगल का माल रातों – रात ही ढो दिया जाता है। अधिकारी किसी की सुनती भी नही है अपने दफ्तर के चेम्बर में ही रहना पसंद करती है अब भला दफ्तर में बैठकर तो जंगल की सुरक्षा होगी नही तब रात में माफिया अपना काम आसानी से कर निकल जाता है। परासिया में कोयला के बाद जंगल माफिया का नया ठिकाना बन रहा है। माफिया के पास वाहन ,कटर ,मजदुर से लेकर राजनीतिक सरंक्षण सब कुछ है तो क्या ऐसे में अफसरों ने मिली भगत का रास्ता निकाल रखा है। खबरो की माने तो यहां जंगल के गोलमाल में माफिया भी मालामाल है और अफसर भी मालामाल है ।
शिकायत पर पकड़ी सागौन से भरी गाड़ी …
बाग- बर्दियाके जंगल से लगे टांडा गांव में सागौन की तस्करी की शिकायत के बाद अफसरों ने छापामार कार्रवाई की है जिसमे गांव के झाड़ू लाल राठौर और दुर्गा राठौर के घर से बड़ी मात्रा में सागौन मिली हैं। विभाग ने यहां डेरा डालकर दर्जन भर से ज्यादा जगह चेकिंग की इस दौरान अलका भूरिया वन परीक्षेत्र अधिकारी सहित टीम में बी कुमरे, एसएन त्रिपाठी , आरके ढाकरे डिप्टी रेंजर , कमला पाटिल वनपाल, धर्मेंद्र ब्रह्में, जागेश्वर भलावी, लिंकन सिंह राठौर, दिनेश सैनी ,दिनेश भारती, रघुनंदन परतेती, राकेश मालवीय, प्रमेंद्र मसराम, राहुल डेहरिया, रविशंकर सलाम, विनोद साहू, प्रवीण श्रीवास्तव, क्रोध सिंह ठाकुर, श्रीमती अनीता आहक, नीतू बरखडे, कृष्णा सरेआम, मोनिता रैकवार, ज्योति धुर्वे, उर्मिला नर्रे, कार्यवाही टीम में शामिल रहे और करीब सवा लाख रुपया कीमत की सागौन बरामद की है ।