छिन्दवाड़ा की राजनीति : जन सेवा के लिए छोड़ा न्यायधीश पद, भोपाल में थामा भाजपा का दामन
क्या छिन्दवाड़ा लोकसभा में प्रकाश उइके को उम्मीदवार बनाएगी भाजपा..?

♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
छिन्दवाड़ा को राजनीति में अब एक नया आदिवासी चेहरा और मिल गया है। दमोह जिले के न्यायधीश प्रकाश उइके ने न्यायधीश पद से इस्तीफा देकर गुरुवार को भीपाल में भाजपा की सदस्यता ले ली हैं।
प्रकाश उइके छिन्दवाड़ा के पांढुर्ना के ग्राम मोही के निवासी हैं और समाज सेवा के क्षेत्र में लंबे समय से सक्रिय है। नगर निगम चुनाव के दौरान उनका नाम भाजपा से बतौर महापौर उम्मीदवार मंथन में आया था। तब से ही माना जा रहा था कि प्रकाश उइके न्यायधीश पद से इस्तीफा देकर भाजपा की राजनीति में आ सकते हैं।
दरअसल भाजपा को अनुसुइया उइके के बाद छिन्दवाड़ा जिले में प्रशासनिक ,राजनीतिक और सामाजिक पकड़ रखने वाले बड़े आदिवासी चेहरे की तलाश थी। पार्टी ने अनुसुइया उइके को राज्यसभा सांसद, महिला आयोग और जनजातीय आयोग में कार्य करने मौका देने के बाद राज्यपाल जैसे पद से भी शुशोभित किया है। अनुसुइया उइके पहले छत्तीसगढ़ और अब देश मे चचित मणिपुर की राज्यपाल है।
लोकसभा चुनाव को लेकर छिन्दवाड़ा भाजपा के बड़े टारगेट में है।माना जा रहा है कि पार्टी आदिवासी नेता के रूप में छिन्दवाड़ा में प्रकाश उइके को लोकसभा चुनाव में मैदान में उतारने पर विचार कर रही है। या फिर आरक्षित पांढुर्ना विधानसभा सीट से उन्हें विधायक का भी चुनाव लड़ा सकती है। संभवत इसी रणनीति में प्रकाश उइके न्यायधीश पद से इस्तीफा देकर अब भाजपा की सक्रिय राजनीति में आ गए हैं।
छिन्दवाड़ा में आदिवासी वोट बैंक वाला बड़ा लोकसभा क्षेत्र है। यहां तो सांसद का पद ही आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित करने की रणनीति भी है। लोकसभा क्षेत्र में लगभग 40 प्रतिशत वोटर आदिवासी वर्ग का है। जिले के सात विधानसभा क्षेत्रों में तीन विधानसभा क्षेत्र अमरवाड़ा, पांढुर्ना और जुन्नारदेव आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है।
पिछले चुनाव में भाजपा ने जुन्नारदेव के पूर्व विधायक आदिवासी नेता नत्थन शाह कवरेती को मैदान में उतारा था। आदिवासी नेता के मैदान में होने से छिन्दवाड़ा में भाजपा का वोट शेयर तेजी से बढ़ा था। नत्थन शाह को अप्रत्याशित साढे पांच लाख वोट मिले थे। कांन्ग्रेस के नकुलनाथ मात्र 37 हजार वोट से ही चुनाव जीत पाए थे।
पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान गोंडवाना के मनमोहन शाह बट्टी भी लोकसभा उम्मीदवारी की शर्त पर भाजपा में शामिल होने वाले थे किंतु जिला भाजपा की मनाही के चलते उन्हें मौका नही मिला। राजनीतिक समीक्षकों का मानना था कि यदि मनमोहन को मौका मिल जाता तो भाजपा और गोंडवाना के वोट बैंक से सांसद चुने जा सकते थे ।
भाजपा छिन्दवाड़ा लोकसभा में उम्मीदवार के लिए छिन्दवाड़ा के ही स्थानीय नेता की तलाश में है और जनजातीय वर्ग को लोकसभा में प्रतिनिधित्व देने की मंशा भी रखती है। इस बात को ऐसे समझा जा सकता है कि पार्टी का ध्यान जिले के जनजातीय वोटो को साधने में लगा है और इसको लेकर पार्टी ने व्यापक कार्य भी किए हैं।
अब पूर्व न्यायाधीश प्रकाश उइके सर्विस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं। उनका कहना है कि भाजपा ने जनजातीय वर्ग के लिए जो किया है वे उससे बहुत प्रभावित हैं। पार्टी में वे एक आम कार्यकर्ता की तरह कार्य कर समाज और देश की सेवा करेंगे। पार्टी जो भी दायित्व देगी वे उसे निभाएंगे।
भाजपा प्रदेश कार्यालय भोपाल में आयोजित समारिह में प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा , प्रदेश महामंत्री भगवानदास सबनानी ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई है।