जिला पंचायत छिन्दवाड़ा : सी ई ओ की कार्यप्रणाली पर सवाल, ग्रामीण यांत्रिकी का एक डिवीजन करोड़पति दूसरा कंगाल
जिला पंचायत अध्यक्ष ने की कलेक्टर से शिकायत, अब प्रदेश के पंचायत मंन्त्री प्रह्लाद पटेल से भी मिलेंगे
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♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
जिला पंचायत छिन्दवाड़ा ग्रामीण विकास की मुख्य निर्माण इकाई ग्रामीण यांत्रिकी के दो डिवीजन छिन्दवाड़ा में है। इनमे एक डिवीजन करोड़पति तो दूसरा कंगाल है। जिला पंचायत सी ई ओ पार्थ जायसवाल की मेहरबानी से ऐसा हो रहा है। सी ई ओ एक डिवीजन में करोड़ो के कार्य स्वीकृत कर रहे हैं और दूसरे डिवीजन को ठेंगा दिखा रहे हैं। इस मामले में जिला पंचायत अध्यक्ष संजय पुन्हार ने शुक्रवार को कलेक्टर मनोज पुष्प से मुलाकात की और स्थिति को रखते हुए मांग की है कि ग्रामीण यांत्रिकी के दूसरे डिवीजन को भी कार्य दिया जाना चाहिए। ग्रामीण यांत्रिकी के माध्यम से मुख्य रूप से सुदूर सड़को, रोजगार गारंटी, पुल – पुलिया सहित अमृत सरोवरों और निस्तारी तालाब के कार्य कराए जाते हैं।
ग्रामीण यांत्रिकी के डिवीजन नम्बर एक मे हर्रई, अमरवाड़ा, सौसर पांढुर्ना,छिन्दवाड़ा और डिवीजन नंबर दो में ताँमिया , जुन्नारदेव, परासिया ,चौरई, बिछुआ आते हैं। मामला यह है कि डिवीजन दो में सुदूर सड़क हो या अमृत सरोवर या फिर रोजगार गारंटी और सुदूर सड़क करोड़ो के निर्माण स्वीकृत है जबकि डिवीजन एक खाली पड़ा है। अर्थात जिला पंचायत डिवीजन एक छिन्दवाड़ा, सौसर, पांढुर्ना, हर्रई अमरवाड़ा में कोई कार्य ही नही करा रही है। डिवीजन के कार्यपालन यंत्री, एस डी ओ से लेकर उपयंत्री तक बेजार बैठे हैं। खास बात यह भी है कि डिवीजन नम्बर दो में भी अकेले जुन्नारदेव और ताँमिया ब्लाक में ही करोड़ो के निर्माण स्वीकृत है आखिर क्यों। क्या छिन्दवाड़ा जिले में और ब्लाक नही है। या फिर सुदूर ब्लाक होने से सुदूर गांव के कार्यो के नाम पर कोई बड़ा गड़बड़ घोटाला चल रहा है।
इस मामले में जिला पंचायत के अध्यक्ष संजय पुन्हार ने कहा है कि जिले के सभी जनपदों के गांवो में समान रूप से कार्य कराए जाने चाहिए। यहां जिला पंचायत के अधिकारी मनमानी पर उतारू है। जिला पंचायत के सदस्य भी अपने क्षेत्रों में विकास कार्य को लेकर अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं। यह स्थिति ठीक नही है। इस मुद्दे को लेकर उन्होंने पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद पटेल से भी मुलाकात की बात कही है। उन्होंने कहा कि जिला पंचायत की यह स्थिति अब पंचायत और ग्रामीण विकास मंन्त्री के समक्ष भी रखी जाएगी।
भारी – भरकम बजट खर्च ..
जिला पंचायत ने ग्रामीण यांत्रिकी डिवीजन एक के माध्यम से भारी – भरकम बजट व्यय होना बताया है। इनमे जारी वित्तीय वर्ष में अब तक अकेले रोजगार गारंटी में एक अरब, 15 वे वित्त आयोग में 100 लाख, आत्म निर्भर भारत योजना में 10 लाख, मुख्यमंत्री सरोवर में 52 लाख, सड़क अधोसरंचना में 1 करोड़ 23 लाख,पुल – पुलिया निर्माण में 66 लाख का बजट व्यय किया गया है। इसके अलावा अमृत सरोवर और सुदूर सड़क में भी करोड़ो व्यय किए गए हैं जबकि डिवीजन नम्बर दो में इसके मुकाबले नाम मात्र का बजट व्यय किया गया है।। डिवीजन दो की कार्य सूची भी काफी लंबी है लेकिन कार्यो के लिए पिछले एक साल से कोई तकनीकी स्वीकृति ही जारी नही की गई है।