साध्वी लक्ष्मी उड़ा ले गई छिन्दवाड़ा के कनक बिहारी आश्रम के 90 लाख, एस बी आई के मैनेजर से की सांठ – गांठ
बिना उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के बैंक ने कर दिया भुगतान, उत्तराधिकार का मामला न्यायालय में है लंबित

♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
अयोध्या के श्री राम मंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ का दान देने वाले छिन्दवाड़ा के संत रघुवंश शिरोमणि कनक बिहारी महाराज के आश्रम की साध्वी लक्ष्मी ने उनके लोनिकला आश्रम के स्टेट बैंक चौरई शाखा के खाते से 90 लाख की बड़ी रकम उड़ा ले गई है। स्टेट बैंक मैनेजर पंकज शर्मा से सांठ – गांठ कर साध्वी ने बिना उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र के ही यह राशि निकाल ली और अब गायब है। अब उनके दर्शन विदिशा आश्रम में हो रहे हैं ना ही छिन्दवाड़ा के आश्रम में। खास बात यह भी है कि साध्वी लक्ष्मी के बारे में आश्रम के लोग भी ज्यादा नही जानते हैं।
घटना की रिपोर्ट लोनिकला आश्रम के महंत श्याम दास ने चौरई थाना में की है। संत कनक बिहारी महाराज का एक साल पहले अयोध्या से लौटते समय सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था। उन्होंने अपने जीते जी ही श्याम दास को आश्रम का उतर्राधिकारी घोषित कर दिया था। उनके ब्रम्हलीन होने के बाद से महंत श्याम दास आश्रम की व्यवस्था संचालित कर रहे है। संत कनक बिहारी महाराज का छिन्दवाड़ा जिले की चौरई तहसील के ग्राम लोनिकला में करीब दौ सौ एकड़ भूमि पर आश्रम और श्री राम – जानकी मंदिर है। पूरे देश का रंघुवंशी समाज बड़े पैमाने पर उनसे जुड़ा है। हर साल दान में मिली करोड़ो की राशि से वे यज्ञ ,भंडारा सहित मन्दिर और आश्रम संचालन करते थे। दान में मिली राशि को वे बैंक खातों में जमा करवा देते थे।
संत कनक बिहारी महाराज ने अयोध्या में श्री राम मंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ का दान भी दिया था। अयोध्या में मन्दिर बनने से पहले वे 21 सौ कुंडी महायज्ञ भी करवाने वाले थे। उनका एक आश्रम विदिशा में भी है। जहां उन्होंने अयोध्या मन्दिर निर्माण के लिए संत सममेलन भी कराया था। यह सम्मेलन उनके दान और संतो को दी गई भेंट के लिए पूरे देश मे चर्चा का विषय था।
महंत श्याम दास ने इस मामले की जानकारी कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह और एस पी मनीष खत्री को भी देकर कार्रवाई की मांग की है। महंत ने बताया कि संत कनक बिहारी महाराज का एक बैंक खाता सेंट्रल बैंक चांद शाखा में भी है। इस खाते के वे नॉमिनी है। स्टेट बैक चौरई के खाते में कोई नॉमिनी नही था। इस खाते में उनके हाथ के जमा 88 लाख रूपए थे जो ब्याज सहित 90 लाख हो गए थे।यह खाता बचत खाता क्रमांक 112732 97 124 है। जो काफी वर्षों से है।इसमे वे किसी को भी नॉमिनी नही बना पाए थे।
इस खाते का पता लगने पर साध्वी लक्ष्मी ने आश्रम के संज्ञान के बिना बैंक से रकम निकालने की कोशिश की थी। जिस पर बैंक ने नॉमिनी ना होने पर उत्तराधिकारी प्रमाण पत्र लाने कहा था। तब साध्वी लक्ष्मी ने व्यवहार न्यायालय वरिष्ठ खण्ड छिन्दवाडा में उत्तराधिकारी प्रमाण प्राप्त करने के लिए सक्सेशन प्रकरण क-54/2023 प्रस्तुत किया था। इसमे मैनेजर स्टेट बैंक शाखा चौरई को भी आवश्यक पक्षकार बनाया गया था। न्यायालय से उन्हें प्रकरण का समंस भी जारी किया था। न्यायालय ने दावा – आपात्ति भी मांगे थे। जिस पर छिन्दवाड़ा आश्रम ने आपत्ति लगा रखी थी कि संत कनक बिहारी महाराज की वसीयत के मुताबिक वह उतर्राधिकारी है। इसके बाद बैंक के शाखा प्रबन्धक ने साध्वी लक्ष्मी को राशि देने से मना कर दिया था।
इसके कुछ दिनों बाद यह मामला सुनवाई के लिए व्यवहार न्यायालय चौरई में स्थानांतरित कर दिया गया जो वर्तमान में न्यायाधीश धर्मेन्द्र खंडाइत व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ खण्ड चौरई के समक्ष सक्सेशन 1/2023 दर्ज होकर दिनांक 12/09/2024 की पेशी पर लम्बित है। इस अंतरित प्रकरण का भी एस बी आई शाखा प्रबंधक चौरई को सूचना नोटिस जारी हुआ है।
एस बी आई चौरई शाखा के प्रबंधक पंकज शर्मा को प्रकरण की पूरी जानकारी है कि उत्तराधिकार के लिए मामला न्यायालय में लंबित है। इसके बावजूद उन्होंने साध्वी लक्ष्मी को खाते की समस्त राशि 90 लाख का भुगतान कर गबन जैसा बड़ा आपराधिक कृत्य कर दिया है। बैंक से खाते का स्टेटमेंट लेने के बाद हमने कार्रवाई के लिए कलेक्टर – एस पी के समक्ष आवेदन पेश करने के साथ ही चौरई थाना में साध्वी लक्ष्मी और बैंक प्रबन्धक पंकज शर्मा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है कि उन्होंने संत कनक बिहारी महाराज की अमानत में खयानत की है।