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भगवान शिव का “हेलीपेड” है ,शिवमहापुराण, पंडित “प्रदीप मिश्रा” बोले छिन्दवाड़ा हरिहर की भूमि

सिमरिया धाम पहुंचे हजारो की संख्या में श्रद्धालु, तीनो पंडाल थे "हाउस फुल"

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♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-

छिन्दवाड़ा हरि हर की भूमि है। शिवशक्ति की भूमि है। छिन्दवाड़ा की चारो दिशाओं में प्राचीन शिवलिंग स्थापित है। देश के ख्यातिलब्ध शिवमहापुराण वेत्ता सीहोर जिले में “कुबरेश्वर महादेव धाम के संस्थापक ” पंडित प्रदीप मिश्रा ने छिन्दवाड़ा के सिमरिया हनुमानधाम में मंगलवार को पांच दिवसीय शिवमहापुराण कथा के शुभारंभ अवसर पर यह बात कही।  कथा के पूर्व 4 सितंबर को नगर आगमन पर अभिनंदन यात्रा को लेकर उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो मत नही है कि छिन्दवाड़ा एक बड़ा “शहर” है।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि यह उनके विचार और भाव  से संभव हो पाया है कि छिन्दवाड़ा में ” शिवमहापुराण” कथा का यह सौभाग्य बना है। कथा में उन्होंने भगवान शिव की भक्ति के अनेक प्रसंगों को श्रोताओं के समक्ष रखते हुए “शिव तत्व” की व्याख्या की। पंडित प्रदीप मिश्रा ने “सोलह सोमवार” व्रत कथा के   महत्व में देवराज ब्राह्मण,  बिंदुक- चंचुला और सुंगधा की कथा बताते हुए बीच – बीच में भजन भी सुनाए। शिवलिंग पूजा के विधान और उनके लाभ कई लोगों साथ ही भगवान भोले नाथ के “भक्ति पथ”  से जीवन कल्याण के मार्ग भी बताए। उन्होंने कहा कि जैसे हेलीकॉटर के लिए  हेलीपैड के लिए जमीन पर डी बनाकर “एच” का चिन्ह बना देते हैं और हेलीकॉटर वही उतरता हैं वैसे ही “शिवमहापुराण” भगवान भोलेनाथ का “हेलीपेड” है।

भगवान शिव की आराधना में सोलह सोमवार को लेकर उन्होंने कहा कि 16 ही क्यो शास्त्रों में तो 11 ,21 ,51 108 और 1008 का महात्म्य है किंतु शिव आराधना में 16 सोमवार। इस व्रत के “श्री गणेश” की कथा बताते हुए उन्होंने कहा कि प्राचीन समय मे अवंतिका नगरी उज्जैन में एक ब्राह्मण परिवार में “सुगंधा” नाम की रूपवती कन्या का जन्म हुआ था। सुगंधा के शरीर से मनमोहक सुगन्ध आती थी। इससे वह लोगों को मोहती थी। एक समय उज्जैन आए ऋषि मण्डल के ऋषियों को भी वह मोहित करने चली गई। तब ऋषि कुमार ने ठीक नही माना और कहा कि जिस तरह तुम ” सोलह श्रंगार” कर लोगो को मोहती हो यदि तुमने भगवान शिव की सोलह सोमवार उपासना करो  तो जीवन का कल्याण हो जाएगा। तबसे ही 16 सोमवार व्रत का यह विधान शुरू हुआ है। सोलह सोमवार विधान महाफलदाई है। इस व्रत को करने से  “भोलेनाथ”  प्रसन्न होते हैं और जीवन के कष्ट, दुख दूर कर मनोवांछित फल देते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने भी भगवान भोलेनाथ की भक्ति की थी। अपनी हर एक रानी के साथ 11- 11 दिनों तक उन्होंने पूजा की। इसके बाद हर रानी से उन्हें 10- 10 पुत्रो और एक- एक पुती की  प्राप्ति हुई थी। भगवान श्री कृष्ण की 1 लाख 76 हजार 186 संतान थी।

उन्होंने कथा के बीच भगवान भोलेनाथ के अनेक “भजन” भी सुनाए और महामंत्र “श्री शिवाय नमोस्तुभ्यम” का जाप भी कराया। इस दौरान “शिवकृपा” से कैंसर और मुह के छाले से पीड़ित महिला के डॉक्टर्स के जवाब देने के बाद ठीक होने और एक निसंतान महिला को ” जुड़वा” बच्चे पैदा होने पर “पंडित जी” को लिखे गए पत्र व्यासपीठ से उन्होंने पढ़ कर भक्तों का अभिनंदन कर कहा कि “देवता देते हैं पल्ला झाड़कर और मेरे भोले देते हैं ,छप्पर फाड़कर”

कथा शुभारंभ से पहले उन्होने “सिमरिया हनुमान धाम ” में स्थापित 101 फुट ऊंची ” हनुमान जी महाराज की प्रतिमा के दर्शन किए और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ के साथ मन्दिर के “गर्भ गृह” में पूजा – अर्चना भी की। इसके बाद वे व्यास पीठ पर विराजे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ ने व्यास पीठ पूजन कर आरती की।  इस अवसर पर ” पंडित प्रदीप मिश्रा” का छिन्दवाड़ा की जनता की ओर से स्वागत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि भारत की पहचान  मिलेट्री और आर्थिक शक्ति से नही बल्कि “आध्यात्मिक शक्ति” से है। पंडित प्रदीप मिश्रा इस शक्ति के प्रतीक है। उन्होंने कहा कि पिछले 40 सालों से वे छिन्दवाड़ा की जनता के वोट नही प्यार और विश्चास को पाकर छिन्दवाड़ा की सेवा कर रहे हैं। आज छिन्दवाड़ा की पहचान पूरे देश और प्रदेश में है।

पंडित प्रदीप मिश्रा 5 से 9 सितंबर तक प्रतिदिन सिमरियाधाम में दोपहर एक बजे से चार बजे तक प्रवचन करेंगे। कथा के लिए 4 सितंबर को उनका शाम को नगर आगमन हुआ। इस अवसर पर उनकी नरसिंहपुर नाका से इमलीखेड़ा तक 5 किलोमीटर लंबी शोभा यात्रा निकाली गई। पंडित प्रदीप मिश्रा के  स्वागत में शहर में जनसैलाब उमड़ पड़ा। लोगों ने शहर की सड़कों के दोनो ओर खड़े होकर उनकी अगुवानी की। कथा में पहले दिन ही श्रद्धालुओ का सैलाब उमड़ा। कथा स्थल पर व्यासपीठ मंच के सामने बनाए गए तीनो “वाटर प्रूफ” पंडाल में हजारों की संख्या में श्रद्धालु इस अवसर पर मौजूद थे। इस दौरान बारिश भी आई लेकिन कार्यक्रम में किसी तरह का कोई व्यवधान नही आया बल्कि पंडित प्रदीप मिश्रा ने “गंगा मैय्या” के आगमन का स्वागत किया।

सिमरिया हनुमान धाम में इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और सांसद नकुलनाथ ने पिछले माह अगस्त में 5, 6 और 7 अगस्त को ” बागेश्वरधाम सरकार आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री”को आमंत्रित कर ” “हनुमान कथा” का आयोजन कराया था। जिसमे लाखो की संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए थे। इस तरह का छिन्दवाड़ा में यह पहला “ट्राफिक जाम” आयोजन था जो पहले कभी हुआ ना अब कभी हो सकता है। आयोजन में इतना जंन समूह छिन्दवाड़ा के इतिहास में कभी एकत्र नही हुआ था जो बागेश्वर धाम सरकार की उपस्थिति में देखा गया है।इसी कार्यक्रम के दौरान 5 से 9 सितंबर तक “पंडित प्रदीप मिश्रा” के इस कार्यक्रम की भी अधिकृत घोषणा की गई थी कि सिमरिया में 5 से 9 सितंबर तक ” शिवमहापुराण” कथा  होगी।

 


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