छिन्दवाड़ा को लेकर एक्शन में सी एम शिवराज: 24 को घोषणा, 25 को नए पांढुर्ना जिले का राजपत्र में नोटिफिकेशन
चुनाव से पहले ही अस्तित्व में आ जाएगा नया "पांढुर्ना जिला"

मुकुन्द सोनी♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ” छिन्दवाड़ा” जिले को लेकर बड़े एक्शन में है। 24 अगस्त को उन्होंने छिन्दवाड़ा में ” पांढुर्ना” को नया जिला बनाने की घोषणा की और दूसरे दिन ही 25 अगस्त को प्रदेश के राजस्व विभाग ने नए ” पांढुर्ना” जिले के लिए “नोटिफिकेशन” जारी कर दिया है। अगले तीस दिनों में राजस्व विभाग की “प्रक्रिया” पूरी हो जाएगी और नया “पांढुर्ना” जिला अस्तित्व में आ जाएगा।
अब तक मध्यप्रदेश में 53 जिले है। 54 वां जिला ” “नागदा” बनना है और 55 वां जिला “पांढुर्ना” होगा।पांढुर्ना जिला छिन्दवाड़ा जिले से अलग होकर नया जिला बनाया जा रहा है। इसमे छिन्दवाड़ा जिले की पांढुर्ना और सौसर तहसील को शामिल किया गया हैं। जिस तरह से पांढुर्ना को लेकर फ़ास्ट कार्रवाई हो रही है उससे लग रहा है कि ” नागदा” से पहले “पांढुर्ना” जिला बन जाएगा। नोटिफिकेशन के अनुसार तो पांढुर्ना को जिला बनने में मात्र 30 दिन का समय है। यह नोटिफिकेशन 25 अगस्त को मध्यप्रदेश शासन के अवर सचिव राजेश कुमार कौल ने “राजपत्र” में जारी किया है।
मध्यप्रदेश शासन के जारी नोटिफिकेशन के अनुसार नए पांढुर्ना जिले में पांढुर्ना और सौसर तहसील के कुल 137 “पटवारी हल्के” शामिल किए गए हैं। इनमे पांढुर्ना के 74 और सौसर तहसील के 63 पटवारी हल्के शामिल हैं। नए पांढुर्ना जिले का मुख्यालय “पांढुर्ना” होगा। जिले के गठन की प्रक्रिया पूरी होने पर यहां “कलेक्टर” और “एस पी” पदस्थ किए जाएंगे। इस जिले में दो विधानसभा क्षेत्र सौसर और पांढुर्ना होंगे। पांढुर्ना के जिला बनने से छिन्दवाड़ा नही पांढुर्ना मध्यप्रदेश का वह जिला होगा जो ” महाराष्ट्र” बॉर्डर से लगा जिला होगा।
छिन्दवाड़ा जिले से अलग होकर नया “पांढुर्ना” जिला बनेगा तब “छिन्दवाड़ा” जिले में कुल 636 पटवारी हल्के रहेंगे। इनमे 9 ब्लाक छिन्दवाड़ा अमरवाड़ा, हर्रई चौरई, परासिया, जुन्नारदेव, तामिया, मोहखेड, बिछुआ में 9 ब्लाक सहित चांद ,उमरेठ छिन्दवाड़ा नगर इस तरह कुल 11 तहसील के 636 पटवारी हल्के होंगे। इनमे छिन्दवाड़ा ग्रामीण के 58, छिन्दवाड़ा नगर जे 19,अमरवाड़ा के 72, उमरेठ के 43, चाँद के 37, चौरई के 55, जुन्नारदेव के 99 , तामिया के 53, परासिया के 52, बिछुआ के 51, मोहखेड के 79 और हर्रई के 68 पटवारी हल्के शामिल हैं।
छिन्दवाड़ा जिले की सीमा पूर्व में सिवनी,पश्चिम में बैतूल और नर्मदापुरम, दक्षिण में पांढुर्ना और उत्तर में नरसिंहपुर जिले तक रहेगी। इसी तरह प्रस्तावित पांढुर्ना जिले की सीमा पूर्व में छिन्दवाड़ा और नागपुर, पश्चिम में बैतूल, दक्षिण में अमरावती; नागपुर और उत्तर में छिन्दवाड़ा जिले तक रहेगी।
पांढुर्ना को जिला बनाने की मांग भले ही लंबे समय से रही हो लेकिन राजनीतिक घोषणा पर नजर डाले तो पूर्व सी एम कमलनाथ ने भी काफी पहले पांढुर्ना को जिला बनाने की घोषणा की थी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी। ” कमलनाथ” ने यह घोषणा तब की थी जब यहां भाजपा के विधायक थे। पांढुर्ना जिला बनाने के बड़े रणनीतिक मायने भी है दरअसल भाजपा छिन्दवाड़ा “लोकसभा” को लेकर ” फ़ोकस” में है और हर हाल में उसे लोकसभा का चुनाव जीतना है। भाजपा मध्यप्रदेश की 29 लोकसभा सीट में से 28 सीट जीत चुकी है लेकिन छिन्दवाड़ा नही। आने वाले लोकसभा चुनाव में वह छिन्दवाड़ा की ” कसक” पूरी करना चाहती है। जिसको लेकर भाजपा ने छिन्दवाड़ा में प्रदेश से लेकर केंद्र तक की “ताकत” झोंक रखी है। पांढुर्ना को जिला बनाना इसी राजनीति का हिस्सा है।