हिन्दू राष्ट्र नही राम राज्य चाहिए, धर्म निरपेक्ष राष्ट्र से देश का मोहभंग – शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
हिन्दू धर्म शिक्षा के लिए केंद्र सरकार हटाए धारा 30, राजनीति नही चल रही गोलबंदी
मुकुन्द सोनी ♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
देश मे जोर पकड़ती हिन्दू राष्ट्र की मांग के बीच जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने छिन्दवाड़ा में बड़ा बयान दिया है उन्होंने कहा कि भारत को हिन्दू राष्ट्र की नही राम राज्य की जरूरत है आज धर्म निरपेक्ष राष्ट्र की व्यवस्था से लोगो का मोह भंग हो रहा है धर्म निरपेक्ष राष्ट्र हमारी अपेक्षा पूरी नही कर रहा है इसलिए हिन्दू राष्ट्र की मांग ने जोर पकड़ा है। इतना ही उन्होंने भारत मे हिन्दू धर्म की शिक्षा चले आ रहे प्रतिबंध पर बात करते हुए केंद्र सरकार से धारा 30 को हटाने भी कहा है। यह धारा भारत के स्कूल ,कालेज में हिन्दू धर्म की शिक्षा देने की इजाजत नही देती है। जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज यह भी बोले कि भारत का नेतृत्व हमेशा ऐसे व्यक्ति के पास होना चाहिए जिसे भारतीय संस्कृति की गहरी समझ हो।
जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने छिन्दवाड़ा में मीडिया से चर्चा में ये बाते कही है। वे यहां छिन्दवाड़ा सिटी में श्री बड़ी माता मंदिर के नव – निर्माण की आधार शिला रखने आए थे। इस दौरान उन्होंने धर्म सभा को भी संबोधित किया।
जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा कि देश मे राजनीति नही गोलबंदी है इस गोलबंदी को ही राजनीति मान लिया गया है गोलबंदी में हम हिन्दू राष्ट्र से वह लक्ष्य प्राप्त नही कर सकते हैं जिसका स्वरूप हमारे पूर्वजों ने स्थापित किया है ।अब इस राजनीति में हिन्दू – हिन्दू के नाम पर गोलबंदी हो जाएगी तो गैर हिन्दू के साथ परायापन हो जाएगा।आज देश की राजनीति गोलबंदी पर चल रही है जो आपके गोल में नही है वह पराया है और उसका विरोध शुरू हो जाता है । हिन्दू राष्ट्र के नाम पर हिंदुओ की गोलबंदी होगी यह न्याय नही है ।उन्होंने कहा कि गोलबंदी का मतलब धुर्वीकरण है यह वह राजनीति नही है जिसका मतलब राजा के द्वारा पालन की जाने वाली नीति से होता है राजनीति का शब्द बहुत ऊंचा है यह वह राजनीति नही है जो महाभारत और रामायण में वर्णित है हमारी राजनीति में राज और नीति दोनो धर्म के समान है।
भारत मे राजा के लिए प्रजा बच्चो के समान है सबका कल्याण कैसे हो यह आदर्श हमारे राजाओं ने स्थापित किया था । आज हिन्दू राष्ट्र की बात हो रही है तो इससे बेहतर राम राज्य स्थापना होना चाहिए। राम राज्य में सबका कल्याण है राम राज्य में कोई अपना पराया नही होता है।रामराज्य में कुत्ते को भी न्याय मिल जाता है माता सीता को भी ऋषि के आश्रम में छोड़ दिया जाता है इतना ही नही लक्ष्मण को मृत्युदंड भी सुना देते हैं।रामराज्य अर्थात सबके लिए समान न्याय है जहां कोई भाई – भतीजावाद नही ,जातिवाद नही कोई विद्वेष नही सबके लिए समान न्याय था।
जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने कहा कि ये वही देश है जिसमे राम राजा थे जो हो चुका है उसे फिर दोहराया जा सकता है उन्होंने कहा कि अंग्रेजो ने हमारी गुरुकुल व्यवस्था को लार्ड मैकाले की मौजूदा शिक्षा नीति के माध्यम से नष्ट किया है ।भारत मे ईसाई और मुसलमान तो अपने धर्म की शिक्षा दे सकता है लेकिन हिन्दू अपने धर्म की शिक्षा नही दे सकता है ।इसके लिए केंद्र सरकार को धारा 30 को तत्काल हटाना चाहिए ताकि हिंदुओ को भी अपने धर्म की शिक्षा देने का अधिकार मिले ।वर्तमान में प्रवचनकारों और कथाकारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हिन्दू धर्म की कुछ शिक्षा इन्ही के कारण मिल पा रही है वर्ना गुरुकुल तो पिछले 75 सालों से बंद है। जोशी मठ के मुद्दे पर शंकराचार्य का कहना था कि बेहताशा निर्माण से यह स्थिति निर्मित हुई है कि मठ में दरार आई रही है और 50 हजार से ज्यादा लोगो को घर छोड़ने की मजबूरी है। यहां बहुमंजिला मकानों के अलावा सुरंग मार्गो का भी निर्माण किया गया है।