हाथो में तख्तियां लेकर न्याय मांगने कलेक्ट्रेट आई परासिया की वृद्धा
किराएदार कर रहा मकान मालिक के मकान पर कब्जा
मार -पीट कर पेपर पर हस्ताक्षर कराने की कोशिश
छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
छिन्दवाड़ा में आम जनता को न्याय के लिए अब हाथ मे आवेदन नही अपनी मांगों की तख्तियां लेकर कलेक्ट्रेट के दरवाजे पर धरना देना पड़ रहा है
ना एस डी एम सुनता है ना तहसीलदार सुनता है ना ही डी एस पी ना और ना ही थानेदार ये है परासिया प्रशासन के हाल जिसने एक परिवार को हाथो में तख्तियां लिए कलेक्ट्रेट आने मजबूर किया है जहां गेट पर बैठकर एक 70 वर्ष की वृद्धा आकर दर्द भरी आवाज में गुहार लगाती है कि साहब न्याय करो हमारा मकान तोड़ दिया हमे मारा पीटा और हमे ही हमारे मकान से बेदखल किया जा रहा है
वृद्धा औऱ उसके साथ आया परिवार कलेक्ट्रेट के गेट में बैठ जाता है लेकिन लगता है कि जिला मुख्यालय के अधिकारियों को भी जनता की बात सुनने की फुर्सत नही है कलेक्ट्रेट का एक कर्मचारी उनका आवेदन लेकर चला जाता है
हाथो में तख्तियां लेकर आई वृद्धा मंगल बाई यादव ने बताया कि परासिया के चौकी मोहल्ला में उसका मकान है जिसमे वह अपनी दो बेटियों के साथ रहती है मकान के दो कमरे किराए पर हनीफ कुरेशी को दे रखे थे हनीफ जब तक जिंदा था 400 रुपया महीना किराया भी देता रहा अब उसका बेटा फारूख रह रहा है जो हनीफ की मौत के बाद किराया तो दे रहा नही उल्टे मकान मालिक के मकान पर ही कब्जा करने को उतारू है
फारुख ने वृध्दा की बेटियों को मारा -पीटा उनसे मकान के फर्जी कागजात बनवाकर जबरन हस्ताक्षर लेने की कोशिश की और मौजूदा मकान को तोड़ -फोड़कर नया कन्स्ट्रक्शन भी करने लगा है रिपोर्ट परासिया थाने में कई गई लेकिन डी एस पी पीड़ित को न्याय दिलाने की जगह बोल रहे हैं कि समझौता कर लो वृद्ध की बेटी रमा यादव ने बताया कि फारुख मकान पर कब्जा करना चाह रहा है इसको लेकर उसने मारपीट की हमारी गुहार कोई सुन नही रहा है हमे पूरे परिवार के साथ कलेक्ट्रेट आना पड़ा है हमारे साथ न्याय किया जाना चाहिए