छिन्दवाड़ा के दर्जनों गांवों में बंद पड़े हैं ट्रांसफार्मर
छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
छिन्दवाड़ा का आदिवासी विकास विभाग ही आदिवासियों का भला नही कर पा रहा है जिले के पुलिस थानों में दर्ज अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के प्रताड़ना प्रकरणों में आवेदक को तत्काल सहायता राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान है लेकिन दो – दो साल का समय बीत जाने के बाद भी विभाग ने पीड़ितों को सहायता राशि नही दी है यह बात विभाग की समीक्षा बैठक में सामने आई है विभाग ने अनुसूचित जाति जनजाति वर्ग के कल्याण के लिए गठित समिति की बैठक ही नही बुलाई है जिले में ऐसे दर्ज प्रकरणों की संख्या सैकड़ो में है गत मंगलवार की शाम स्थानीय सर्किट हाउस में राज्य अनुसूचित आयोग के सदस्य गुरुचरण खरे जिला पंचायत के अध्यक्ष संजय पुन्हार नगर निगम के महापौर विक्रम अहके ने अधिकारियों की बैठक ली और योजना क्रियान्वयन की स्थिति पर खासी नाराजी जताई है बैठक में उन्होंने जब सवाल उठाए तो अधिकारी जवाब देने की स्थिति में नही थे बैठक में महिला बाल विकास ,आदिवासी विकास ,विद्युत ,पंचायत ,पुलिस सहित अन्य विभागों के अधिकारी मौजूद थे
बैठक में सभी विभागों में संचालित एस सी और एस टी वर्ग की संचालित योजनाओं की समीक्षा की गई है स्थिति आगे पाठ पीछे सपाट वाली नजर आई है छिन्दवाड़ा के दर्जनों गांवों में ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं गांवो में बिजली आपूर्ति बाधित है फिर भी विद्युत विभाग गांवो के टांसफार्मर बदलने को तैयार नही है अधिकारियों को 15 दिन में स्थिति सुधारने के लिए कहा गया है इस सबन्ध में आयोग के सदस्य गुरुचरण खरे ने कहा कि शासन की योजनाओ का ढोल पीटा जा रहा है लेकिन क्रियान्वयन को लेकर स्थिति ठीक नही है एस टी एस सी प्रताड़ना प्रकरण में पीड़ित को तत्काल सहायता राशि देने का प्रावधान है और छिन्दवाड़ा में तो दो -दो साल पहले के ही प्रकरण लंबित पड़े हैं