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शेल्टर इंडिया कंपनी का कारनामा : ग्राहक के घर पर मचाया हंगामा ,बेइज्जती कर मकान की दीवारों पर लिखवा दिया कर्जदार

छिन्दवाड़ा शहर के गुलाबरा क्षेत्र का मामला ,पीड़ित नही दे पाया था लोन की किश्त

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जिला और पुलिस प्रशासन कब करेगा प्राइवेट फाइनेंस कंपनियो की जांच.?

♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –

फाइनेंस कंपनी शेल्टर इंडिया के कर्मियों ने पहले एक ग्राहक के घर जाकर हंगामा मचाया उसे धमकाया – चमकाया जमकर गालियां बकी और फिर उसके मकान की दीवार पर बड़े – बड़े अक्षरों में कर्जदार  लिखवाकर बेइज्जती की है पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस से की है किंतु पुलिस ने अब तक कोई कार्रवाई नही की है ऐसे में पीड़ित न्याय की गुहार लेकर कहा जाए सिस्टम नाम  की भी कोई चीज है या फिर प्रशासन को छोड़ लोगो को अपने साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ सीधे मुख्यमंत्री ,प्रधानमंत्री या फिर राष्ट्रपति के पास जाना पड़ेगा

जानकारी के अनुसार छिन्दवाड़ा के गुलाबरा निवासी निमेष ब्रम्हे ने अपना मकान मोडगेज कर प्राइवेट फाइनेंस कंपनी शेल्टर इंडिया से 11 लाख का लोन व्यवसाय के लिए लिया था पीड़ित का कहना है कि वह हर माह लोन की किश्त मय ब्याज के भर रहा   था दोना – पत्तल डिस्पोजल बनाने के लिए उसने यह लोन लिया था करीब 5 लाख का खरीदा हुआ कच्चा माल खराब होने और  व्यवसाय मंदा होने के कारण वह पिछले तीन माह से केवल तीन किश्त नही दे पाया था  किश्त ना भरने की वजह को उसने कंपनी के वसूली अभिकर्ता से लेकर मैनेजर तक को बताई थी किन्तु कंपनी के मैनेजर से लेकर वसूली कर्मी तक उसे कंसीडर करने की जगह  उसके घर जाकर मारपीट पर उतारू हो गए  दलित वर्ग के इस युवक को जाति सूचक गालियां दी और मकान की दीवार पर आइल पेंट से बड़े – बड़े अक्षरों में कर्जदार लिखवाकर यह भी लिखवाया कि इस मकान को कोई ना खरीदे यह कम्पनी के कर्ज में है युवक का कहना है कि कम्पनी ने ना कोई नोटिस दिया ना ही कोई सूचना  बगैर नोटिस के ही कंपनी  इस हद पर उतर गई  कंपनी के साथ दो साल से लेन – देन चल रहा है और कम्पनी अपने ही ग्राहक की ऐसी सार्वजनिक बेइज्जती कर गई है  ऐसी बेइज्जती करना कौन से नियम में लिखा है या सरकार ने ऐसा कोई नियम बनाया है क्या .? युवक ने मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना को लेकर कोतवाली थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई है अब देखना है कि पुलिस इस मामले में क्या एक्शन लेती है …?  जबकि युवक का यह  भी कहना था कि वह मकान बेचकर भी कंपनी का लोन चुकाने को तैयार था

छिन्दवाड़ा में कार्यरत शेल्टर इंडिया अकेले नही है बल्कि ऐसी दर्जनों कंपनियां है जो लोन के नाम पर ग्राहक को फंसाकर इस हद पर उतर जाती है छिन्दवाड़ा में  होम फाइनेंस ,ऑटो फाइनेंस सहित कमर्शियल लोन देने वाली प्राइवेट  कम्पनियां रिजर्व बैंक  की गाइड लाइन की धज्जियां उड़ा रही है किश्त बकाया हो जाने पर वाहन जब्त ,मकान जब्त ,दुकान में ताला जड़ने जैसी गतिविधियां जिले में ग्राहकों के साथ हो रही है कम्पनी के प्रताडितो को संख्या जिले में एक –  दो नही बल्कि हजारो में  है जो मात्र तीन – चार किश्त बकाया होने मात्र पर अपना वाहन ,मकान ,और दुकान गंवा चुके है जबकि कम्पनी इन्हें दूसरों को बेचकर लोन से ज्यादा रकम कमाने का धंधा कर रही है

छिन्दवाड़ा में जिला और पुलिस प्रशासन इन कम्पनियों की जांच नही कर रहा है कि वे कहा से आई है कौन मालिक है रिजर्व बैंक की मान्यता के कागजात उनके पास है या नही या रिजर्व बैंक ने किस कैटेगिरी में उन्हें मान्यता दे रखी है ये कम्पनियां छिन्दवाड़ा आती है किराए के मकान में दफ्तर खोलती है ग्राहकों को फाइनेंस के जाल में फंसाती है और ग्राहक के फंसते ही  इनका खेल शुरू हो जाता है

ग्राहक से ये कम्पनियां पोस्ट डेट चेक होलसेल में शाइन करवा रख लेती है फिर चेक बाउंस करवाकर ग्राहक से चेक बाउंस के नाम पर अनाप – शनाप शुल्क वसूलती है ब्याज का परसेंट बताया 3 – 4 परसेंट है किंतु लोन देने के बाद यह परसेंट 11 – 12 परसेंट तक का हो जाता है  ग्राहक यदि किसी कारणवश किश्त नही दे पाया तो ये ग्राहक का कोई आवेदन – निवेदन नही सुनती  है

फाइनेंस कम्पनियां वसूली अभिकर्ता के तौर पर गुंडे बदमाश पालती है जो ग्राहकों को जाकर धमकाते है उनके वाहन उठाकर ले जाते है ,मकान पर कब्जा और दुकान पर ताला जड़कर फिर इन्हें री – सेल में लगा देती है और ग्राहक को दिए गए लोन से कही ज्यादा रकम वसूल लेती है

फाइनेंस कंपनी से वाहन ,मकान और दुकान के लिए लोन लेने वाले ग्राहक का अब तक का पटाया लोन भी डूब जाता है और जब्ती के बाद वह अपने वाहन ,मकान दुकान से भी हाथ धो बैठता है छिन्दवाड़ा में ऐसी कम्पनियों के मकड़जाल तेजी से फैल रहा  है कम्पनियों के चक्कर मे फंसकर कई लोग अपने वाहन ,मकान ,दुकान गंवा चुके है लोन लेने के बाद ये कम्पनियां डॉक्यूमेंट चार्ज के नाम पर भी 25 से 50 हजार  का चार्ज ग्राहक पर ठोंक देती है

जिला और पुलिस प्रशासन छिन्दवाड़ा में कार्यरत फाइनेंस कंपनियों की सख्ती से जांच करे उनकी रिजर्व बैंक से मान्यता और नियमो की पड़ताल के साथ ही कंपनी में कार्यरत चपरासी से लेकर मैनेजर तक का पुलिस  वेरिफिकेशन भी करे

छिन्दवाड़ा में फाइनेंस कंपनियों ने बड़ी धोखाधड़ी की है लोगो के चार सौ  करोड़ से ज्यादा की रकम फाइनेंस स्कीमों के नाम पर हजम कर फरार हो चुकी है  साईं प्रकाश ,साई प्रसाद ,रोज वेली सहित दर्जनों कम्पनियों पर खुद पुलिस ने आपराधिक मामले दर्ज किए है किन्तु लोगो को अपनी रकम वापस नही मिली है पहले बचत योजनाओं के नाम पर कंपनिया सर्क्रिय थी अब लोन देने के नाम पर है और दोनो परिस्थितियों में आम आदमी ही लुट रहा है

 

 


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