छिन्दवाड़ा के सोनपुर -सारसवाड़ा मार्ग पर 15 एकड़ जमीन पर था अवैध कब्जा
कच्चे मकान बने थे लेकिन रह नही रहा था कोई
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ट्रांसपोर्ट नगर बनने की प्रक्रिया के बाद मात्र एक माह में हुए थे कब्जे
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6 करोड़ से ज्यादा है खाली कराई गई जमीन की कीमत
मुकुन्द सोनी छिन्दवाड़ा- छिन्दवाड़ा जिला प्रशासन ने सरकारी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने शनिवार को फिर बड़ी कार्रवाई की है प्रशासन ने छिन्दवाड़ा नगर निगम क्षेत्र के सोनपुर -सारसवाड़ा मार्ग पर करीब 15 एकड़ जमीन पर बने 70 से ज्यादा कच्चे मकानों पर बुलडोज़र चलवाकर मकानों को नेस्तनाबूद कर दिया है इन मकानों को जमीन पर किसने बनवाया यह जांच का विषय है खास बात यह है कि मकानों में कोई रह नही रहा था ना ही कार्रवाई के दौरान कोई सामने आया है इसी मार्ग पर आगे ट्रांसपोर्ट नगर बनना है कुछ दिन पहले ही ट्रांसपोर्ट नगर के लिए यहां 19 एकड़ जमीन का सर्वे किया गया है इसके बाद से यहां खाली पड़ी जमीन पर अवैध कब्जे होना शुरू हो गए थे
शिकायत पर तहसीलदार अजय भूषण शुक्ला ने यहां राजस्व अमले को भेजकर सर्वे कराया और सभी कब्जे अवैध पाए थे उन्होंने रिपोर्ट तत्काल ही कलेक्टर शीतला पटले के समक्ष पेश की कलेक्टर ने तत्काल ही कार्रवाई के आदेश दिए जिस पर एस डी एम अतुल सिंह की गाइड लाइन पर स्वयं अजय भूषण शुक्ला राजस्व और पुलिस अमले के साथ नगर निगम के अतिक्रमण हटाओ दल के साथ शनिवार को एक मौके पर पहुंच गए करीब चार घंटे तक लगातार चली कार्रवाई में यहां 15 एकड़ सरकारी जमीन पर बने 70 से ज्यादा कच्चे मकान तोड़े गए हैं इस दौरान कोतवाली टी आई सुमेर सिंह जगेत सहित तहसील छिन्दवाड़ा के नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक और पटवारी भी मौजूद रहे कब्जे से मुक्त जमीन की कीमत 6 करोड़ से ज्यादा है
तहसीलदार अजय भूषण शुक्ला ने बताया कि यहां करीब 15 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा था करीब 70 मकान यहां बने थे जिनमें कोई रह नही रहा था मकानों में कही घास कही भूसा तो कही कबाड़ भरा था जमीन पर कब्जे की नीयत से ही अवैध रूप से ये मकान बनाए गए थे कार्रवाई के दौरान कोई सामने नही आया राजस्व अमला यहां ग्रामीणों के बयान के आधार पर कब्जा कराने वालों की पतासाजी कर रहा है
लंबे समय से चल रहा झुग्गी बनाने का गोरखधंधा
शहर की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर झुग्गियां बनाने और फिर उन्हें बेचने का गोरख धंधा भी शहर में चल रहा है झुग्गियों में रहने वाले कौन है कौन उन्हें जमीन का पट्टा दिलाने के नाम पर ठग रहा है यह प्रशासन के लिए जांच का विषय है प्रशासन केवल अतिक्रमण ही ना हटाए बल्कि ऐसे चेहरों को बेनकाब भी करे शहर में गंदी बस्ती उन्मूलन के नाम पर करोड़ो का सरकारी बजट खराब हो चुका है किंतु बस्तियां समाप्त होने की जगह बढ़ती ही जा रही है शहर का पातालेश्वर वार्ड , राजेन्द्र नगर वार्ड ,शुकलुढाना खजरी, चन्दनगांव सिवनी नाका इसके बड़े उदाहरण है सिवनी नाका के पास खाली पड़ी सरकारी जमीन से लेकर कुसमेली मंडी के पास पहाड़ी तक पर बने मकान बता रहे हैं कि कोई संगठित गिरोह काम कर रहा है जो सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे कर लोगों को पट्टा दिलाने के नाम पर शहर में झुग्गियों की संख्या बढ़ा रहा है इन बस्तियों में रहने वाले कौन है कहा से आए हैं किसने इन्हें बसाया इसके लिए प्रशासन को पुलिस सहित टीम गठित कर जांच कराना चाहिए अन्यथा बस्तियां बस जाने के बाद प्रशासन को यहां रहने वालों के वोटर कार्ड भी बनाना पड़ेगा गरीबी रेखा कार्ड भी देना पड़ेगा और फिर पट्टा भी जिला प्रशासन ने अब तक शहर में कितने लोगों को वैध पट्टा दिया है किस -किस जमीन पर दिया है क्या जिन्हें पट्टा दिया है वे पात्र हैं या नही इसकी जांच कौन करेगा यह सब कुछ नही होगा तो फिर झुग्गियां बढ़ने से रोकेगा कौन ..? नगर निगम बनने के बाद शहर से 24 गांव जुड़े हैं अब इन गावो में भी झुग्गियां बन रही है जो गांव वाले हैं उनका कहना है कि ये कौन लोग हैं हम नही जानते हैं प्रशासन ने चार दिन पहले नागपुर मार्ग पर कुलभरा नदी के समीप सर्रा गांव में कार्रवाई कर अवैध रूप से पनप रही झुग्गी को तोड़ा है और आज शनिवार को सोनपुर मल्टी के पास सारसवाड़ा में बड़ी कार्रवाई की गई है
बह रही उल्टी गंगा..
ऐसा नही है कि जिला प्रशासन गरीब भूमिहीन को मकान बनाने के लिए जमीन का पट्टा नही देता शहर में 18 हजार से ज्यादा मकान ऐसे है जो पट्टे की जमीन पर बने हैं प्रशासन ने सर्वे और पात्रता के मानक पर जरूरतमंदों को ये पट्टे दिए हैं फिर भी यहां उल्टी गंगा बह रही है पता नही किसके कहने और इशारे पर खाली पड़ी सरकारी जमीन पर इस तरह अवैध कब्जे कराए जा रहे हैं लोग अवैध कब्जा कर लेते हैं कच्चा मकान बनाते हैं और फिर पट्टे के लिए कलेक्ट्रेट, तहसील और नगर निगम के चक्कर लगाते हैं