छिन्दवाड़ा में दर्दनाक हादसा : 20 घंटे के रेस्क्यू के बाद भी कुंए में ही बन गई तीन मजदूरों की कब्र,अब शव निकालने चल रहा प्रशासन का आपदा कार्य
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने जताया दुख, तीनो मजदूरों के परिजनों को चार - चार लाख की सहायता

♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
छिन्दवाड़ा के खुनाझिर खुर्द गांव में दर्दनाक हादसा हो गया है। यहां एक निजी कुंए की खुदाई के दौरान मलबा धसक जाने से तीन मजदूरों की अकाल मौत हो गई है। मजदूरों को बचाने के लिए जिला प्रशासन ने लगातार 20 घण्टे तक ” रेस्क्यू ऑपरेशन” चलाया लेकिन मजदूरों तक पहुंचने में सफलता नही मिल पाई।अब मजदूरों के शव बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू चल रहा है।
घटना मंगलवार दोपहर बाद करीब चार बजे की है। यहां एक किसान के खेत मे रायसेन और बुधनी से आए मजदूर कुंए के गहरीकरण का कार्य कर रहे थे। छः मजदूर कुंए में उतरे थे। तीन मजदूर बाहर निकल आए थे। तीन कुंए के अंदर थे कि इसी दौरान कुंए की मिट्टी खिसल गई और तीनो मजदूर मलबे में दब गए। इस दौरान मजदूरों ने निकालने के लिए चिल्लाया तो उन्हें बचाने के प्रयास शुरू किए गए। पुलिस और जिला प्रशासन को भी सूचना दी गई कि करीब 30 फुट गहरे कुंए में मजदूर फंस गए हैं। जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं।
खबर पर कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह, एस पी अजय पांडेय सहित अन्य अधिकारी सहित पुलिस बल, होमगार्ड और एनडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू का कार्य शुरू किया। मजदूर जिंदा थे उन्हें उम्मीद थी कि किसी तरह उन्हें निकाल लिया जाएगा लेकिन कुंए में पानी की झिर लगी थी। कुंए का जल स्तर बढ़ता जा रहा था। वही शाम और रात होने से रेस्क्यू करने में भी कठनाइया बढ़ती जा रही थी।
इस दौरान रेस्क्यू टीम ने कुंए से कुछ दूरी पर खुदाई करते हुए रेम्प बनाकर मजदूरों तक पहुंचने की योजना बनाई और खुदाई शुरू की। कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह, एस पी अजय पांडेय सहित अधिकारी सहित आपदा प्रबन्धन दल के सौ से ज्यादा अधिकारी – कर्मचारी रात भर जागकर खुदाई का कार्य कराते रहे कि मजदूरों तक पहुंच सके। सुबह भोपाल एस डी आर एफ की टीम भी आ गई थी। मजदूरों तक पहुंचने के लिए केवल सात फुट की खुदाई और रह गई थी।
रेस्क्यू करते – करते 20 घंटे का समय बीत चुका था कि शाम करीब पांच बजे खबर आ गई कि तीनों मजदूर कुंए के अंदर जिंदगी की जंग हार चुके हैं। अब केवल उनके “शव” को बाहर निकालने के लिए ही ” रेस्क्यू” चल रहा है। मजदूर बुरी तरह मलबे में दबे हुए थे कि हिल भी नही सकते थे और कुंए का जल स्तर बढ़ता जा रहा था। कुंए के अंदर मलबे और पानी मे तड़प के मरने की स्थिति बनी हुई थी। बाहर प्रशासन उन तक पहुंचने की जद्दोजहद में था लेकिन इस हादसे में दोनों ही ” हार” गए। मजदूर जिंदगी और प्रशासन का प्रयास यहां नियति के आगे हार गया।
मृत मजदूरों में 50 साल की शहजादी खान उसका 18 साल का बेटा राशिद खान और बहन का बेटा कल्लू खान था जो मलबे में दबकर मौत की आगोश में समा गए। गांव के खेत मालिक यशराव मेहरा ने भोपाल के एक ठेकेदार को कुंए के गहरीकरण के लिए बुलाया था। ठेकेदार यहां पिछले चार दिनों से मजदूरों को लाकर कार्य करा रहा था कि मंगलवार को दोपहर बाद अचानक यह हादसा हो गया।
कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने तीनों मजदूरों की मौत की पुष्टि की और बताया कि अब उनके शव बाहर निकालने का रेस्क्यू चल रहा है। घटना पर प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव सहित सांसद विवेक साहू, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व सांसद नकुलनाथ ने गहरा दुख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने तीनों मृत मजदूर के परिजनों को चार – चार लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।