छिन्दवाड़ा में फिर पकड़ाए रिश्वतखोर : लोकायुक्त ने उमरानाला में एम पी ई बी के इंजीनियर और लिपिक को किया ट्रैप, कनेक्शन देने किसान से मांगे थे दस हजार
कार्यालय से चल रहा था अवैध वसूली का धंधा,पड़ गया लोकायुक्त का फंदा

♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
छिन्दवाड़ा का प्रशासन “भ्र्ष्टाचार” के हवाले है। कोई विभाग इससे अछूता नही है। यहां भृष्टचार का इस कदर बोलबाला चल रहा है कि ” लोकायुक्त हर आठ – दस दिन में एक रिश्वतखोर अधिकारी – कर्मचारी को ” ट्रेप” कर रही है। हालात हैं कि जो पकड़े गए वे ” चोर” तो बाकी “महाजन” भी नही कहे जा सकते हैं। छिन्दवाड़ा जिले के कलेक्ट्रेट, ट्राइबल, लोक निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य, पंचायत, विद्युत वितरण कंपनी, ,पी आई यू, हाउसिंग बोर्ड, सहित अन्य विभागों में एक साल में अब तक तीस से ज्यादा ” रिश्वतखोर” अकेले लोकायुक्त पकड़ चुकी है। इसके बावजूद जिला प्रशासन ऐसे अधिकारी -कर्मचारी के विरुद्ध सख्ती से पेश नही आता है। ऐसे अधिकारी – कर्मचारी तत्काल बर्खास्त किए जाने चाहिए। उनका निलम्बन नही बल्कि ” ब्रेक इन सर्विस” होना चाहिए। सरकार को भी रिश्वतखोरो के लिए नया नियम बनाना चाहिए। लोकसेवक मोटी सरकारी तनख्वाह पाने के बावजूद यहां “आउटसोर्सिंग” कर सरकार की मंशा ही नही सर्विस नियमो की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
बुधवार को छिन्दवाड़ा के उमरानाला स्थित विद्युत कंपनी के कनिष्ठ अभियंता कार्यालय में जबलपुर लोकायुक्त ने एक बार फिर दो रिश्वतखोर रंगे हाथ रिश्वत लेते ट्रेप किए हैं। इनमे कनिष्ठ अभियंता गजानन कडु और लिपिक पूना रामाजी कड़वेकर को ट्रेप किया गया है। दोनो कार्यालय में बैठकर बिजली चोरी प्रकरणों से लेकर टी सी कनेक्शन के नाम पर “अवैध वसूली” का धंधा चला रहे थे।
दोनो ने एक किसान जगदेव डोंगरे,निवासी इक्कल बिहरी से खेत मे स्थाई कनेक्शन के नाम पर 10 हजार की रिश्वत मांगी थी। सौदा 6 हजार में तय किया था। किसान पर दोनो ने मिलकर पहले विद्युत चोरी का प्रकरण बनाया था। फिर 30 हजार का नोटिस देकर रिश्वत लेने की भूमिका बनाई थी। दिया था। चोरी का प्रकरण माफ कर 10 हजार देने पर स्थाई कनेक्शन देने की बात कही थी।
परेशान किसान जगदेव डोंगरे ने इसकी शिकायत लोकायुक्त से की थी।जिस पर लोकायुक्त की टीम बुधवार को छिन्दवाड़ा पहुंची थी। टीम ने उमरानाला पहुंचकर किसान को 6 हजार रुपया देकर रिश्वत देने कनिष्ठ अभियंता के कार्यालय भेजा। जहां दोनो मौजूद थे।दोनों ने कार्यालय में ही किसान से बेख़ौफ़ होकर रिश्वत ली। लेकिन उन्हें मालूम नही था कि साथ ” लोकायुक्त” की टीम भी है।
दोनो ने जैसे ही ” रिश्वत” रिसीव की लोकायुक्त के इंस्पेक्टर कमल सिंह उईके , नरेश बेहरा – उपनिरीक्षक शिशिर पांडे ने दोनों को दबोच लिया।इंस्पेक्टर कमल सिंह उईके ने बताया कि दोनो के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (संशोधन) 2018 की धारा 7, 13(1)B, 13(2) और 61 BNS के तहत मामला दर्ज किया गया है। केवल उमरानाला नही बल्कि जिले भर के विद्युत वितरण कार्यालयों की कार्यप्रणाली ऐसी ही है।नए कनेक्शन से लेकर लाइन कट करने की धमकी और संचालन – संधारण के नाम पर यहां बड़ी धन उगाही की शिकायतें बनी हुई है। सवाल है कि छिंदवाड़ा से भृष्टाचार को समाप्त होगा या फिर सरकार को यहां परमानेंट लोकायुक्त कार्यालय खोलना होगा।