कलेक्ट्रेट छिन्दवाड़ा के ट्राइबल विभाग में हंगामा, सहायक आयुक्त से महिला अधीक्षक ने किया विवाद
दो - दो छात्रावास के प्रभार में थी अधीक्षिका , एक का वापस मांगा प्रभार तो मचा दिया बवाल
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश-
छिन्दवाड़ा कलेक्ट्रेट के ट्राइबल डिपार्टमेंट में मंगलवार को अचानक हंगामा हो गया। यहां एक महिला अधीक्षक ने सहायक आयुक्त को भला – बुरा कहा और विभाग की कार्यप्रणाली की पोल खोल कर रख दी कि मण्डल संयोजक छात्रावास और आश्रमो के अधीक्षक से हर माह वसूली करते हैं ना देने पर प्रभार छीनने और सस्पेंड कराने की धमकी देते हैं। इसी मामले में प्रभार को लेकर अधीक्षिका बिफर पड़ी थी।
मामला अमरवाड़ा के अनुसूचति जाति – जनजाति कन्या और बालक छात्रावास का है यहां अधीक्षिका प्रमिला यादव दोनो छात्रावास के प्रभार में थी जिस पर सहायक आयुक्त सत्येंद्र मरकाम ने अधीक्षक को कन्या छात्रावास का प्रभार एक दूसरी अधीक्षिका ज्योति बरखडे को देने का आदेश दिया था। आदेश को डेढ़ माह का समय हो चुका था किंतु अधीक्षिका ने प्रभार नही दिया। ऐसे में मंगलवार को दोनो अधीक्षिका को मंगलवार को जिला मुख्यालय कार्यालय बुलाया था।
कार्यालय में दोनो अधीक्षिका पहुंची साथ मे मण्डल संयोजक भी थी तब सहायक आयुक्त ने प्रभार सौपने के लिए कहा तब अधीक्षिका प्रमिला यादव का कहना था कि बिल पेंडिंग है भुगतान के बाद 30 जून को प्रभार देंगी। तब आयुक्त ने कहा कि जो बिल पेंडिंग है उनका भुगतान हो जाएगा आप आज ही प्रभार सौप दे। सहायक आयुक्त का इतना कहना था कि महिला सहायक आयुक्त के साथ अभद्र व्यवहार और भाषा पर उतर आई इस बीच दोनो के बीच हाट- टाक भी Said गई और महिला सहायक आयुक्त पर ही हावी होने लगी थी विवाद बढ़ता देख अन्य कर्मियों ने महिला को सहायक आयुक्त के चेम्बर से बाहर कर दिया। महिला का व्यवहार किसी मानसिक विक्षिप्त की तरह हो गया था।
महिला अधीक्षक ने बाहर आकर भी कलेक्ट्रेट जमकर हंगामा मचा दिया और सहायक आयुक्त से लेकर मण्डल संयोजक तक के खिलाफ विद्रोह की आग उगल कर विभाग की कार्यप्रणाली की चिल्ला – चिल्लाकर पोल खोल दी।
महिला अधीक्षिका का कहना था कि जिसे प्रभार दिया वह प्रभार लेने आयी नही ना ही छात्रावास में रहती है इसके बावजूद अफसर उसकी तीमारदारी कर रहे हैं।महिला ने कार्यालय से बाहर अपने बयानों में सबको लपेटे में लिया है। हंगामे के बाद सहायक आयुक्त ने अधीक्षक को निलंबित करने का प्रस्ताव जबलपुर भेज है। उनका कहना था कि महिला के आरोप प्रमाणित नही है उसे प्रभार देने की कार्रवाई के लिए बुलाया गया था जिसने प्रभार ना देने के लिए इतना नाटक और हंगामा किया है ।
विभाग के पास जिले में 220 से ज्यादा छात्रावास और आश्रम है इनमे छात्र – छत्राओ के लिए भोजन से लेकर अन्य सामग्री खरीदी हमेशा सुर्खिया बनती है और आए दिन तरह – तरह के विवाद सामने आते हैं। इनके निरीक्षण के लिए दो – दो मंडल संयोजक है फिर भी समन्वय की जगह हंगामे बता रहा है कि कुछ तय गड़बड़ है।