ग्वालियर की कंपनी के कर्मियों ने किया छिन्दवाड़ा के खनिज अमले पर हमला
भूतेरा गांव में हमला कर छुड़ाए पोकलेन मशीन और हाइवा
♦छिन्दवाड़ा मध्यप्रदेश –
सड़क का ठेका लेने वाली कंपनियां छिन्दवाड़ा में अवैध उत्खनन करा रही है। चौरई के भूतेरा गांव में ग्वालियर की श्री राम कंस्ट्रक्शन कंपनी ने ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण से सड़क बनाने का ठेका लिया हुआ है। ठेका है तो कम्पनी को अपना खरीदा हुआ मटेरियल सड़क पर लगाना चाहिए किन्तु यह कंपनी मटेरियल ना लाकर निर्माण के दौरान बड़े पैमाने रोड साइड से ही मुरम और पत्थरो का अवैध उत्खनन कर रही थी।
ग्रामीणों की सूचना पर एस डी एम चौरई के आदेश पर खनिज विभाग के तीन निरीक्षक स्नेहलता ठवरे, विवेकानंद यादव और महेश नागपूरे, 100- डायल पुलिस और होम गार्ड के जवानों के साथ मौके पर गए थे। अवैध उत्खनन में वहां एक पोकलेन मशीन , दो हाइवा और तीन ट्रेक्टर ट्राली लगी हुई थी। अमले ने पंचनामा बनाकर वाहनों को जब्त कर लिया जिन्हें अपने ड्राइवर बुलाकर चौरई थाना ले जाया जा रहा था कि कंपनी के मौके पर मौजूद कर्मियों ने ही वाहन छुड़ाने के लिए खनिज निरीक्षकों के वाहन पर पथराव और लाठी – डंडों से हमला कर दिया और वाहन छुड़ाकर फरार हो गए ।
वाहन में खनिज विभाग के तीन निरीक्षक स्नेहलता ठवरे, विवेकानंद यादव और महेश नागपूरे सवार थे। कर्मियों ने सामूहिक हमला किया था ऐसे में निरीक्षकों की जान पर बन आई थी फिर क्या था निरीक्षक किसी तरह चौरई थाना आए और घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई है।
रिपोर्ट पर पुलिस ने ग्वालियर की श्री राम कंस्ट्रक्शन कंपनी के सुपर वॉयजर प्रदीप शर्मा सहित अन्य दो आरोपियों के खिलाफ अपराध क्रमांक 636 / 23 धारा 353,294, 506, 427, 34 भादवि का दर्ज कर विवेचना में लिया है। टी आई शशि विश्वकर्मा आरोपियों को अरेस्ट करने भूतेरा गांव भी पहुंची थी किन्तु तब तक आरोपी फरार हो चुके थे।
छिन्दवाड़ा में इस तरह का यह पहला मामला नही है जिले में ग्रामीण सड़को का ठेका लेने वाली बाहर जिलो की कम्पनियों ने सड़क बनाने के लिए अपने पास का मटीरियल ना लगाकर मौके से ही अवैध उत्खनन बड़े पैमाने पर किया है और बिना मटेरियल लाए निर्माण कर करोड़ो की चपत शासन को लगाई है। बड़ी बात यह है कि ठेका देने वाले ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के अधिकारी हो या लोक निर्माण के अलावा आर ई इस और प्रधानमंत्री सड़क के अधिकारी मौके पर जाकर देखते नही कि ठेका लेने वाली कम्पनी मटेरियल कहा से ला रही है। अधिकारियों को सब पता होता है फिर वे कम्पनी से मिलने वाले मोटे कमीशन के चक्कर मे आँख बंद कर लेते हैं ।मामलों की शिकायत ग्रामीण क्यो अधिकारी तो तत्काल कर सकते हैं और अवैध उत्खनन पर कम्पनी का कार्य रोकने से लेकर ठेका तक निरस्त कर सकते हैं।
जिले के जुन्नारदेव, अमरवाड़ा , हर्रई , अमरवाड़ा और छिन्दवाड़ा में तो ये हालात हैं कि रोड साइड के दर्जनों पहाड़ो पर अवैध उत्खनन कर पहाड़ी को भी मैदान बना दिया गया है। इसके बावजूद भी एस डी एम और तहसीलदारों की कार्योरणाली ऐसी है कि वे आज तक मौके मुआयना करने तक नही गए ऐसी शिकायते लेकर ग्रामीण और पीड़ित कलेक्ट्रेट आते रहे हैं यदि जिला प्रशासन ने अवैध उत्खनन के मामलों पर ध्यान देकर लगाम लगाई होती तो आज यह नोबत नही आती कि कोई कंस्ट्रक्शन कम्पनी के कर्मी खनिज अमले पर जानलेवा हमला करने खड़े हो जाते ।
उन्हें अच्छे से मालूम है कि यहां नदी की छाती छलनी कर रेत निकाल लो या फिर पहाड़ खोदकर मिटटी – पत्थर निकालकर मैदान बना दो छिन्दवाड़ा में कुछ होम वाला नही है। जिले के खनिज विभाग में अमला नही है। मात्र चार निरीक्षक जिले के 11 ब्लाक की जवाब दारी पर है। अब अमला कहा – कहा जाएगा और क्या – क्या करेगा अवैध उत्खनन की शिकायत तो विभाग के पास अब भी सैकड़ो में पड़ी है।