फिर विवादों में ई एल सी : अब बैतूल में बेची चर्च की संपत्ति
ई ओ डब्ल्यू ने ई एल सी के 11 पदाधिकारियों के खिलाफ दर्ज किया धोखाधड़ी का मामला
♦ छिंदवाड़ा मध्यप्रदेश-
अंग्रेज चले गए अपनी मिल्कियत छोड़ गए। अब कुछ कन्वर्टेड ईसाई अंग्रेजो की बनाई संस्था में राज कर उनके बनाए चर्च, स्कूल, होस्टल, अस्प्ताल का संचालन नही कर रहे हैं बल्कि उन्हें बन्द कराकर जमीनों को बेचकर अंगेजो की जिंदगी जी रहे हैं।अंग्रेजो हुकूमत में ई एल सी को छिंदवाड़ा – बैतूल सहित अन्य जिलों में चर्च ,स्कूल ,कालेज ,अस्प्ताल, वृद्धाश्रम सहित अन्य सेवा प्रयोजनों के लिए लीज पर दी गई बेशकीमती जमीनें संस्था के पदाधिकारियों द्वारा षड्यंत्र कर लगातार बेची जा रही है। अब तक जमीन बेचकर करोड़ो का वारा – न्यारा किया जा चुका है।छिंदवाड़ा में जमीन बेचने के मामले में अब तक पांच बार आपराधिक प्रकरण भी दर्ज किए जा चुके हैं। संस्था को सरकार ब्लैक लिस्टेड कर चुकी है। संस्था में एक नही हजारो वित्तीय अनियमिताएं प्रमाणित हो चुकी है। इसके बावजूद षड्यंत्र ऐसा है कि जमीनों को बेचने का खेल चल ही रहा है।
संस्था का ताजा मामला बैतूल जिले का है। यहां ई एल सी के पदाधिकारियों ने चर्च ,स्कूल और हॉस्टल की जमीन बेच कर छिंदवाड़ा की तरह ही बड़ा घोटाला किया है। इस मामले में ईओडब्ल्यू ने बड़ा एक्शन लिया है। ई ओ डब्लू ने ई एल सी छिंदवाड़ा के 11 पदाधिकारियों के विरुद्ध धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया है। इनमे ई एल सी के ईएलसी के तत्कालीन अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सुक्का वर्तमान विशप ,उपाध्यक्ष अनिल मार्टिन, सचिव ब्रजेश नितिन सहाय, , प्रधान कोषाध्यक्ष अशोक चौकसे , कोषाध्यक्ष एसपी दिलराज .मोजेस मुकेश चितरंजन सहित स्कूल प्रिंसिपल पुलकित मालवीय, अरुण राठी, जॉर्ज थॉमस विश्वास, पंजीयक राजीव सोरते के खिलाफ धारा 420, 406, 120 बी (भादंसं) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (अ) व 13 (2) के तहत अपराध दर्ज किया है।
इवेंजलिकल लूथरन चर्च इन एम पी का मुख्यालय छिंदवाड़ा है। छिंदवाड़ा से ही संस्था की गतिविधि चलती है। आरोप है कि संस्था के पदाधिकारियों ने बैतूल स्थित चर्च, स्कूल और होस्टल की जमीन को स्व अर्जित बताकर करोड़ो में बेचा गया है। जांच में पाया गया कि मिशनरी संस्था के पदाधिकारियों ने बेशकीमती सरकारी जमीन बेचकर रुपया संस्था में जमा ना कर स्वयं हड़प लिए है। बैतूल में वर्षो पुराना स्कूल भवन जब तोड़ा गया तब यह मामला प्रकाश में आया था। स्कूल भवन तोड़ने के लिए कलेक्टर की अनुमति के साथ ही विकास और कमर्शियल काम्प्लेक्स बनाने की कोई अनुमति नही ली गई थी। संस्था के खाते की जांच की गई तो इसमें तत्कालीन स्कूल प्राचार्य मुकेश चितरंजन मोजेस के द्वारा अवैध लेन-देन करना भी पाया गया है।
इस मामले में आज प्रेस क्लब भवन छिंदवाड़ा में मसीही समाज के पदाधिकारियों ने प्रेस कांफ्रेंस की और ई एल सी के पदाधिकारियो पर संस्था के साथ लगातार धोखाधडी करने के आरोप लगाते हुए अवैध रूप से जमीन बेचने के दर्जनों मामले बताए है। पदाधिकारियो का कहना था कि यह गड़बड़ी पिछले 25 साल से चली आ रही है। इसमें प्रधान कोषाध्यक्ष अशोक चौकसे की मुख्य भूमिका है। वे है तो आठवी फेल लेकिन पोलिटिकल एप्रोच की दम पर संस्था में प्रधान कोषाध्यक्ष बनकर ई एल सी को खोखला कर रहे हैं। अकेले छिंदवाड़ा में ही वे अमरवाड़ा, जुन्नारदेव सहित अन्य जगह की जमीन बेच चुके हैं। नागपुर रोड स्थित चर्च की जमीन को भी बेचने के षड्यंत्र में है। एक भी नया स्कूल, अस्प्ताल ई एल सी ने बनवाया नही है जो विरासत में मिले थे उन्हें बन्द कराकर बेचने का काम ही संस्था में हो रहा है।
समाज ने अब फैसला लिया है कि यह सब रुकना चाहिए और दोषियों को सजा के साथ ही उनसे रिकवरी होना चाहिए। ई एल सी की संपत्ति की दम पर पदाधिकारी लखपति, करोड़पति नही बल्कि अरबपति बने बैठे हैं। अपराधी होकर भी पोलिटिकल एप्रोच की दम पर अब भी घोटाले में ही लगे हुए हैं। और अब तो खुद की कंपनी बनाकर ई एल सी की कीमती जमीनों को ट्रांसफर करने का खेल रचे बैठे हैं।
ई एल सी पर सोसाइटी एक्ट लागू है लेकिन सोसाइटी एक्ट की ऐसी धज्जिया उड़ी है कि संस्था के पदाधिकारी तो क्या खुद रजिस्टार तक ई एल सी के जमीन घोटालों में फंसे हैं। पदाधिकारी संस्था के योग्य ही नही है।